WFH news: वर्क फ्रॉम होम का लग गया है ऐसा चस्का, इंक्रिमेट-जॉब त्यागने तक को तैयार कर्मचारी h3>
नई दिल्ली: कोरोना काल में अधिकांश कंपनियों का कर्मचारी घर से काम (Work from home) कर रहे थे। अब कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद कंपनियां उन्हें काम के लिए ऑफिस बुला रही हैं। लेकिन इन कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का लग ऐसा चस्का लग गया है कि वे इंक्रिमेट और नौकरी भी छोड़ने को तैयार बैठे हैं। रिक्रूटमेंट एंड स्टाफिंग सर्विसेज फर्म सीआईईएल एचआर सर्विसेज के एक सर्वे में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक 10 में से छह कर्मचारियों ने कहा कि ऑफिस जाने के बजाय नौकरी छोड़ना पसंद करेंगे।
इसी तरह 61 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि अगर उन्हें ज्यादा पैसे देकर ऑफिस आने का ऑफर मिलता है तो वे इसे ठुकराने को तैयार हैं। आईटी, आउटसोर्सिंग, टेक स्टार्टअप्स, कंसल्टिंग, बीएफएसआई और दूसरे कई सेक्टरों में यह कहानी है। इनमें से कई कर्मचारियों का कहना है कि घर या रिमोट वर्किंग से उन्हें निजी जिंदगी और नौकरी के बीच बेहतर संतुलन बनाने का मौका मिला है। इससे उनका काम प्रभावित नहीं हुआ है और वे इस व्यवस्था को आगे भी जारी रखना चाहते हैं।
क्या है कंपनियों की मजबूरी
कोरोना का कहर कम होने के साथ कंपनियां धीरे-धीरे ऑफिस खोल रही हैं लेकिन अभी भी उन्होंने वर्क फ्रॉम होम का विकल्प खुला रखा है। इसका मकसद प्रतिभावान कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखना और दूसरे प्रतिभावान लोगों को अपने साथ जोड़ना है। जानकारों का कहना है कि इस समय इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर सबसे ज्यादा है और ऐसे में कंपनियों के लिए यह विकल्प देना जरूरी बना गया है। यह सर्वे 620 कंपनियों के करीब 2,000 कर्मचारियों के बीच कराया गया। सीआईईएल एचआर के चीफ एग्जीक्यूटिव आदित्य मिश्रा ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम को रिटर्न टु ऑफिस स्ट्रैटजी का हिस्सा मानना चाहिए।
स्पेशलिस्ट स्टाफिंग कंपनी Xpheno ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में रिक्रूटमेंट के 10 में से छह मामलों में वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर बात हो रही है। कंपनी के कमल कारंत ने कहा कि दो साल घर से काम करने के बाद कर्मचारियों को इसकी आदत पड़ गई है। अब कंपनियों को यह विकल्प देना पड़ रहा है। कई कंपनियां इस विकल्प को रखने की योजना बना रही हैं।
सर्वे में शामिल 620 कंपनियों में से 40 फीसदी पूरी तरह घर से काम कर रही हैं जबकि 26 फीसदी हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं। बाकी कंपनियों के कर्मचारी ऑफिस से काम कर रहे हैं। टाटा स्टील (Tata Steel) में महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों का घर से काम करने की अनुमति दी थी और कंपनी फिलहाल इस व्यवस्था को जारी रखना चाहती है। अभी कंपनी के 30 फीसदी वाइट कॉलर कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं।
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इसी तरह 61 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि अगर उन्हें ज्यादा पैसे देकर ऑफिस आने का ऑफर मिलता है तो वे इसे ठुकराने को तैयार हैं। आईटी, आउटसोर्सिंग, टेक स्टार्टअप्स, कंसल्टिंग, बीएफएसआई और दूसरे कई सेक्टरों में यह कहानी है। इनमें से कई कर्मचारियों का कहना है कि घर या रिमोट वर्किंग से उन्हें निजी जिंदगी और नौकरी के बीच बेहतर संतुलन बनाने का मौका मिला है। इससे उनका काम प्रभावित नहीं हुआ है और वे इस व्यवस्था को आगे भी जारी रखना चाहते हैं।
क्या है कंपनियों की मजबूरी
कोरोना का कहर कम होने के साथ कंपनियां धीरे-धीरे ऑफिस खोल रही हैं लेकिन अभी भी उन्होंने वर्क फ्रॉम होम का विकल्प खुला रखा है। इसका मकसद प्रतिभावान कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखना और दूसरे प्रतिभावान लोगों को अपने साथ जोड़ना है। जानकारों का कहना है कि इस समय इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर सबसे ज्यादा है और ऐसे में कंपनियों के लिए यह विकल्प देना जरूरी बना गया है। यह सर्वे 620 कंपनियों के करीब 2,000 कर्मचारियों के बीच कराया गया। सीआईईएल एचआर के चीफ एग्जीक्यूटिव आदित्य मिश्रा ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम को रिटर्न टु ऑफिस स्ट्रैटजी का हिस्सा मानना चाहिए।
स्पेशलिस्ट स्टाफिंग कंपनी Xpheno ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में रिक्रूटमेंट के 10 में से छह मामलों में वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर बात हो रही है। कंपनी के कमल कारंत ने कहा कि दो साल घर से काम करने के बाद कर्मचारियों को इसकी आदत पड़ गई है। अब कंपनियों को यह विकल्प देना पड़ रहा है। कई कंपनियां इस विकल्प को रखने की योजना बना रही हैं।
सर्वे में शामिल 620 कंपनियों में से 40 फीसदी पूरी तरह घर से काम कर रही हैं जबकि 26 फीसदी हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं। बाकी कंपनियों के कर्मचारी ऑफिस से काम कर रहे हैं। टाटा स्टील (Tata Steel) में महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों का घर से काम करने की अनुमति दी थी और कंपनी फिलहाल इस व्यवस्था को जारी रखना चाहती है। अभी कंपनी के 30 फीसदी वाइट कॉलर कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं।
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