MP News : जले हुए बर्तन लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंची महिला, बोली- मदद नहीं मिली तो बच्चों के साथ जहर पी लूंगी h3>
खरगोन : मध्यप्रदेश के खरगोन में एक महिला अपनी बेटियों के साथ जले बर्तन लेकर डीएम दफ्तर (wine smugglers set fire in women house) पहुंची। महिला ने कहा कि शराब तस्करों ने हमारा घर जला दिया है, अब हम कहां जाएं। पीड़िता (victim reached khargone collector) ने कहा है कि हम भूख से मर जाएंगे। शराब तस्करों के खिलाफ महिला ने शिकायत की थी, इसके बाद गुस्से में उन लोगों ने घर जला दिया। महिला ने कहा कि सरकार नुकसानी दिलाए नहीं तो चारों बच्चों को जहर देकर मार डालूंगी और खुद भी मर जाऊंगी। यह पूरा मामला जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर झिरन्या थाना क्षेत्र का है। प्रशासन की टीम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
दरअसल, पिछोड़िया की रहने वाली 35 वर्षीय रेखा बाई अपने चार बच्चों को लेकर जले हुए बर्तन सहित डीएम दफ्तर पहुंची। महिला और उसकी बेटियों को बिलखते देख डीएम दफ्तर में भीड़ जुट गई। अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा, तहसीलदार योगेंद्र सिंह के साथ डीएम दफ्तर के बाहर पहुंचे और महिला से उसकी समस्या पूछी। महिला रेखा बाई ने बताया कि हमने अवैध शराब बेचने की शिकायत की थी तो कुछ अज्ञात लोगों ने 18 जनवरी 2022 को मेरे घर पर आग लगा दी।
आग के कारण घर में रखे कपड़े, बर्तन, अनाज सहित मकान बनाने के लिए उधार लाए ₹2 लाख 60 हजार रुपए भी जल गए। मेरा आदमी तो छोड़कर चला गया है। इन बच्चों को क्या खिलाऊंगी। इससे तो बच्चों सहित मर जाऊंगी। इस पर अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा ने तत्काल तहसीलदार योगेंद्र सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए।
खरगोन तहसीलदार योगेंद्र सिंह ने कहा कि जिला तहसील के छोरिया के निवासी रेखा बाई जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंची थी। उनका घर किसी ने जला दिया। घर जलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और चालान भी पुटअप कर दिया है। महिला के घर जलने के बाद महिला को सहायता देने का प्रश्न है तो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को जनसुनवाई का पत्र भेजा जा रहा है। महिला के परिवार को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
वहीं, पीड़ित बालिका ने उमा ने रोते हुए कहा कि सर, खाने को भी कुछ नहीं मिल रहा। कोई खाने को देता है तो खा लेते हैं। मेरे पापा 3-4 दिन से लापता हैं। इसके साथ ही पीड़िता ने कहा कि हम यहां से मजदूरी करके गए तो घर पर पत्थर फेंके और कहा इसके पापा को मार डालेंगे। मेरे पापा को पत्थर लगा तो वो बेहोश हो गए। फिर हमारे घर पर आग लगा दी।
रेखा बाई ने कहा कि हमारा सब जल गया है। पहले तो हमारे घर पर पत्थर फेंके फिर कहा आज हम तुमको मारेंगे। हम पर शक करके हमारे साथ मारपीट की। वो लोग आजाद घूम रहे हैं और मैं अनाथ काट रही हूं। कैसी सरकार है, यह मैं सरकार से कहना चाहती हूं। मुझे मेरी नुकसानी दो नहीं तो मैं बच्चों को दवा पिलाकर मार डालूंगी और खुद भी मर जाऊंगी। मेरा पति को छोड़कर चला गया है, मेरे में इतनी हिम्मत नहीं है कि 4 बच्चों को पाल सकूं।
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दरअसल, पिछोड़िया की रहने वाली 35 वर्षीय रेखा बाई अपने चार बच्चों को लेकर जले हुए बर्तन सहित डीएम दफ्तर पहुंची। महिला और उसकी बेटियों को बिलखते देख डीएम दफ्तर में भीड़ जुट गई। अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा, तहसीलदार योगेंद्र सिंह के साथ डीएम दफ्तर के बाहर पहुंचे और महिला से उसकी समस्या पूछी। महिला रेखा बाई ने बताया कि हमने अवैध शराब बेचने की शिकायत की थी तो कुछ अज्ञात लोगों ने 18 जनवरी 2022 को मेरे घर पर आग लगा दी।
आग के कारण घर में रखे कपड़े, बर्तन, अनाज सहित मकान बनाने के लिए उधार लाए ₹2 लाख 60 हजार रुपए भी जल गए। मेरा आदमी तो छोड़कर चला गया है। इन बच्चों को क्या खिलाऊंगी। इससे तो बच्चों सहित मर जाऊंगी। इस पर अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा ने तत्काल तहसीलदार योगेंद्र सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए।
खरगोन तहसीलदार योगेंद्र सिंह ने कहा कि जिला तहसील के छोरिया के निवासी रेखा बाई जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंची थी। उनका घर किसी ने जला दिया। घर जलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और चालान भी पुटअप कर दिया है। महिला के घर जलने के बाद महिला को सहायता देने का प्रश्न है तो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को जनसुनवाई का पत्र भेजा जा रहा है। महिला के परिवार को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
वहीं, पीड़ित बालिका ने उमा ने रोते हुए कहा कि सर, खाने को भी कुछ नहीं मिल रहा। कोई खाने को देता है तो खा लेते हैं। मेरे पापा 3-4 दिन से लापता हैं। इसके साथ ही पीड़िता ने कहा कि हम यहां से मजदूरी करके गए तो घर पर पत्थर फेंके और कहा इसके पापा को मार डालेंगे। मेरे पापा को पत्थर लगा तो वो बेहोश हो गए। फिर हमारे घर पर आग लगा दी।
रेखा बाई ने कहा कि हमारा सब जल गया है। पहले तो हमारे घर पर पत्थर फेंके फिर कहा आज हम तुमको मारेंगे। हम पर शक करके हमारे साथ मारपीट की। वो लोग आजाद घूम रहे हैं और मैं अनाथ काट रही हूं। कैसी सरकार है, यह मैं सरकार से कहना चाहती हूं। मुझे मेरी नुकसानी दो नहीं तो मैं बच्चों को दवा पिलाकर मार डालूंगी और खुद भी मर जाऊंगी। मेरा पति को छोड़कर चला गया है, मेरे में इतनी हिम्मत नहीं है कि 4 बच्चों को पाल सकूं।