भारत के गणितज्ञ जयदेव का जन्म और मृत्यु कब हुई और गणित में उनका क्या योगदान रहा ?

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भारत के गणितज्ञ जयदेव का जन्म और मृत्यु कब हुई और गणित में उनका क्या योगदान रहा
भारत के गणितज्ञ जयदेव का जन्म और मृत्यु कब हुई और गणित में उनका क्या योगदान रहा

भारत के गणितज्ञ जयदेव का जन्म और मृत्यु कब हुई और गणित में उनका क्या योगदान रहा ? ( When was India’s mathematician Jayadeva born and died and what was his contribution to mathematics? )

भारत देश का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है. भारत में अनेंक विद्यवानों ने जन्म लिया है , जिन्होंने अपनी खोज से पूरे विश्व को चौंका दिया. यहीं कारण है कि भारत को विश्व गुरू कहा जाता है. प्राचीन काल से ही भारत के विद्ववानों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया. लेकिन वर्तमान समय में कुछ विद्यवानों के बारे में बच्चों को जानकारी नहीं है. लेकिन जो लोग अपने देश के गौरवशाली इतिहास से जुड़े हुए हैं, उनके मन में इतिहास को लेकर कई तरह के सवाल पैदा होते हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि भारत के महान् गणितत्रय का जयदेव का जन्म और मृत्यु कब हुई थी. इसके अलावा गणित विषय में उनका क्या योगदान रहा है. अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

गणित

गणितज्ञ जयदेव का जन्म और मृत्यु –

महान् गणितज्ञय जयदेव के जन्म और मृत्यु की बात करें, तो इसके विषय में हमारे पास कोई स्टीक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है. लेकिन इनका जन्म और मृत्यु 9-10 वीं शताब्दी में हुई थी. इनके जीवन से संबंधित या व्यक्तिगत जीवन से संबंधित अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन फिर भी इन्हें महान् गणितज्ञ के तौर पर देखा जाता है.

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गणितज्ञ जयदेव का गणित में योगदान-

गणितज्ञ जयदेव के गणित में योगदान की बात करें, तो उन्होंने सांयोजिकी (combinatorics) के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया. इसके अलावा उन्होंने गणित विषय में चक्रकाल विधि को उन्नत किया. चक्रवाल विधि अनिर्धार्य वर्ग समीकरणों (indeterminate quadratic equations) को हल करने की चक्रीय विधि है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इस विधि का आविष्कार भास्कर द्ववितीय ने किया था. लेकिन कुछ इसका श्रेय गणितज्ञ जयदेव को देते हैं.

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चक्रकाल विधि के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि इस विधि के बारे में हर्मन हंकेल (Hermann Hankel) ने कहा था कि यह विधि संख्या सिद्धान्त के क्षेत्र में अट्ठारहवीं सदी में लाग्रेंज के पहले खोजी गयी ‘सबसे सुन्दर’ चीज है. गणित के क्षेत्र में जयदेव के अलावा भी भारत में आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री हुए हैं.

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