Azam Khan News: सांसद बनने के बाद से संकट में घिरे हैं आजम, अब दसवीं बार विधायक बने, छोड़ सकते हैं सांसद का पद h3>
शादाब रिजवी, मेरठ: रामपुर से समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अब सांसद का पद छोड़ सकते हैं। तर्क है कि जब से वह सांसद बन लोकसभा पहुंचे है तब से संकट में घिरे हुए हैं। इसलिए अब दसवीं बार विधायक बनने के बाद सपा नेता सांसद का पद छोड़ सकते हैं। हालांकि अभी उनके परिवार की तरफ से कोई तस्वीर साफ नहीं की गई हैं। वह फिलहाल सीतापुर की जेल में बंद हैं।
आजम खां के खिलाफ 87 मुकदमे दर्ज हैं। 86 में उन्हें जमानत मिल गई हैं, एक में जमानत पर फैसला हाईकोर्ट में सुरक्षित है। उनकी पत्नी के खिलाफ तंजीन फात्मा के खिलाफ 34 और बेटे अब्दुल्ला (स्वार से जीते विधायक) के खिलाफ 43 मुकदमे फिलहाल विचाराधीन हैं।
आजम खां दो साल से सीतापुर जेल में बंद
जेल में बंद सांसद आजम खां सांसद के पद से इस्तीफा देंगे या विधायकी छोड़ेंगे, उनके इस कदम पर सबकी निगाहें टिकीं हैं। आजम खां दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल से ही उन्होंने फिलहाल रामपुर शहर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दसवीं बार विधायक चुने गए।
क्या कहता है नियम?
नियम के मुताबिक अब उन्हें एक पद छोड़ना पड़़ेगा। पहले कयास लग रहे थे कि वह अखिलेश यादव की तरह विधायकी छोड़ेंगे लेकिन अब उनके करीबियों और सियासी जानकारों की मानें तो वह सांसद का पद छोड़ सकते हैं, क्योंकि सांसद का कार्यकाल करीब दो साल बचा है, जबकि विधायक पांच साल के लिए चुने गए हैं। साथ ही 2019 में सांसद चुने जाने के बाद से वह कानूनी शिकंजे में फंसे हुए हैं।
आजम के खिलाफ 87 मुकदमे दर्ज
दरअसल, 2019 में रामपुर सीट से ही सपा से सांसद चुने गए आजम के खिलाफ 87 मुकदमे दर्ज हुए। 26 फरवरी 2020 को आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम(फिलहाल स्वार से जीते विधायक) ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। तब से आजम खां जेल में हैं। बेटे अब्दुल्ला चुनाव से पहले जमानत पर रिहा हुए। पत्नी तंजीन फात्मा करीब 10 महीने पहले जमानत पर छूटी थी।
सियासी रसूख रहा है आजम का….
आजम खां दस बार विधायक बन चुके हैं। यूपी में चार बार मंत्री रहे। नेता प्रतिपक्ष रहे। राज्य सभा सदस्य रहे हैं। 2019 में सांसद चुने गए। जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की। जानकारों के मुताबिक विधायक का चुनाव इसलिए लड़े थे कि सपा की सरकार आती तो फिर से मंत्री बनने की संभावना थी। बीजेपी की सरकार ने से अब हालात बदल गए हैं। आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू कह चुके है कि वह सांसद पद छोड़े या विधायक का, इस बारे में आजम खां खुद तय करेंगे। नियमों का पालन करेंगे।
आजम खां दो साल से सीतापुर जेल में बंद
जेल में बंद सांसद आजम खां सांसद के पद से इस्तीफा देंगे या विधायकी छोड़ेंगे, उनके इस कदम पर सबकी निगाहें टिकीं हैं। आजम खां दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल से ही उन्होंने फिलहाल रामपुर शहर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दसवीं बार विधायक चुने गए।
क्या कहता है नियम?
नियम के मुताबिक अब उन्हें एक पद छोड़ना पड़़ेगा। पहले कयास लग रहे थे कि वह अखिलेश यादव की तरह विधायकी छोड़ेंगे लेकिन अब उनके करीबियों और सियासी जानकारों की मानें तो वह सांसद का पद छोड़ सकते हैं, क्योंकि सांसद का कार्यकाल करीब दो साल बचा है, जबकि विधायक पांच साल के लिए चुने गए हैं। साथ ही 2019 में सांसद चुने जाने के बाद से वह कानूनी शिकंजे में फंसे हुए हैं।
आजम के खिलाफ 87 मुकदमे दर्ज
दरअसल, 2019 में रामपुर सीट से ही सपा से सांसद चुने गए आजम के खिलाफ 87 मुकदमे दर्ज हुए। 26 फरवरी 2020 को आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम(फिलहाल स्वार से जीते विधायक) ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। तब से आजम खां जेल में हैं। बेटे अब्दुल्ला चुनाव से पहले जमानत पर रिहा हुए। पत्नी तंजीन फात्मा करीब 10 महीने पहले जमानत पर छूटी थी।
सियासी रसूख रहा है आजम का….
आजम खां दस बार विधायक बन चुके हैं। यूपी में चार बार मंत्री रहे। नेता प्रतिपक्ष रहे। राज्य सभा सदस्य रहे हैं। 2019 में सांसद चुने गए। जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की। जानकारों के मुताबिक विधायक का चुनाव इसलिए लड़े थे कि सपा की सरकार आती तो फिर से मंत्री बनने की संभावना थी। बीजेपी की सरकार ने से अब हालात बदल गए हैं। आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू कह चुके है कि वह सांसद पद छोड़े या विधायक का, इस बारे में आजम खां खुद तय करेंगे। नियमों का पालन करेंगे।