Most Favoured Nation Status: रूस से इस दर्जे को वापस लेगा अमेरिका, जानें इसका मतलब और ट्रेड पर क्या होगा असर h3>
नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले (Ukraine Russia War) से नाखुश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने रूस को दिए गए ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ (Most Favoured Nation or MFN) का दर्जा वापस लेने की घोषणा की है। साथ ही रूस से समुद्री खाद्य उत्पादों (Sea food), शराब (Vodka) एवं हीरों (Diamonds) के आयात पर भी रोक लगा दी है। अमेरिकी सरकार का रूस से एमएफएन (MFN) का दर्जा वापस लेने का निर्णय यूरोपीय संघ और जी-7 समूह के देशों के साथ तालमेल में लिया गया है।
क्या है एमएफएन
MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा एक राष्ट्र द्वारा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है। विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) के 164 सदस्य अन्य सदस्यों के साथ समान व्यवहार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) के मेंबर देश, एक दूसरे को सामानों पर सीमा शुल्क लगाने के मामले में ‘फेवर्ड ट्रेडिंग पार्टनर्स’ के तौर पर ट्रीट करते हैं। गैर-भेदभाव के इस सिद्धांत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) ट्रीटमेंट के रूप में जाना जाता है। जिस राष्ट्र को MFN का दर्जा दिया जाता है, उसे यह दर्जा देने वाला सहयोगी राष्ट्र ट्रेड के मोर्चे पर वरीयता देता है। दोनों देशों के बीच कई सामनों का इंपोर्ट और एक्सपोर्ट भी बिना किसी शुल्क के किया जाता है।
विश्व व्यापार संगठन के बाहर के देशों जैसे ईरान, उत्तर कोरिया, सीरिया या रूसी सहयोगी बेलारूस के लिए विश्व व्यापार संगठन के सदस्य, वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन किए बिना अपनी इच्छानुसार कोई भी व्यापार उपाय लागू कर सकते हैं। हालांकि यह जान लेना जरूरी है कि एमएफएन स्टेटस का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यह स्टेटस प्राप्त देश, सहयोगी देश का बेस्ट फ्रेंड हो गया।
अमेरिका के नए फैसले का क्या होगा असर
रूस से सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस से किए जाने वाले आयात पर भारी शुल्क लगा सकेंगे। यहां तक कि रूसी सामानों पर प्रतिबंध लगाने और सेवाओं को देश से बाहर प्रतिबंधित करने के भी रास्ते खुल जाएंगे। इस निर्णय से अमेरिका और सहयोगी देश रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करना चाहते हैं। इसके अलावा अमेरिका ने रूस के केंद्रीय बैंक की संपत्ति को जब्त करने, निर्यात को सीमित करने समेत रूस के कुलीन वर्गों और उनके परिवारों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय किया है।
भारत भी पाकिस्तान से छीन चुका है एमएफएन स्टेटस
फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था। भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा 1996 में दिया था लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया। एमएफएन कदम अभूतपूर्व प्रतिबंधों, निर्यात नियंत्रण और बैंकिंग प्रतिबंधों के शीर्ष पर आता है, जिसका उद्देश्य रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के साथ संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डालना है।
अमेरिकी प्रतिबंधों से एक माह में कितनी गिर गई रूसी मुद्रा
अमेरिका द्वारा पिछले एक महीने के दौरान लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से रुस की मुद्रा रूबल डॉलर के मुकाबले 76 फीसदी गिर गई है। यूक्रेन पर रूस का सैन्य हमला, दो हफ्ते बाद भी जारी रहने से भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका की अगुआई में तमाम पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कदमों की घोषणा कर रहे हैं। पिछले हफ्ते सबसे पहले कनाडा ने रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लिया था।
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क्या है एमएफएन
MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा एक राष्ट्र द्वारा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है। विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) के 164 सदस्य अन्य सदस्यों के साथ समान व्यवहार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) के मेंबर देश, एक दूसरे को सामानों पर सीमा शुल्क लगाने के मामले में ‘फेवर्ड ट्रेडिंग पार्टनर्स’ के तौर पर ट्रीट करते हैं। गैर-भेदभाव के इस सिद्धांत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) ट्रीटमेंट के रूप में जाना जाता है। जिस राष्ट्र को MFN का दर्जा दिया जाता है, उसे यह दर्जा देने वाला सहयोगी राष्ट्र ट्रेड के मोर्चे पर वरीयता देता है। दोनों देशों के बीच कई सामनों का इंपोर्ट और एक्सपोर्ट भी बिना किसी शुल्क के किया जाता है।
विश्व व्यापार संगठन के बाहर के देशों जैसे ईरान, उत्तर कोरिया, सीरिया या रूसी सहयोगी बेलारूस के लिए विश्व व्यापार संगठन के सदस्य, वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन किए बिना अपनी इच्छानुसार कोई भी व्यापार उपाय लागू कर सकते हैं। हालांकि यह जान लेना जरूरी है कि एमएफएन स्टेटस का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यह स्टेटस प्राप्त देश, सहयोगी देश का बेस्ट फ्रेंड हो गया।
अमेरिका के नए फैसले का क्या होगा असर
रूस से सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस से किए जाने वाले आयात पर भारी शुल्क लगा सकेंगे। यहां तक कि रूसी सामानों पर प्रतिबंध लगाने और सेवाओं को देश से बाहर प्रतिबंधित करने के भी रास्ते खुल जाएंगे। इस निर्णय से अमेरिका और सहयोगी देश रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करना चाहते हैं। इसके अलावा अमेरिका ने रूस के केंद्रीय बैंक की संपत्ति को जब्त करने, निर्यात को सीमित करने समेत रूस के कुलीन वर्गों और उनके परिवारों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय किया है।
भारत भी पाकिस्तान से छीन चुका है एमएफएन स्टेटस
फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था। भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा 1996 में दिया था लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया। एमएफएन कदम अभूतपूर्व प्रतिबंधों, निर्यात नियंत्रण और बैंकिंग प्रतिबंधों के शीर्ष पर आता है, जिसका उद्देश्य रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के साथ संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डालना है।
अमेरिकी प्रतिबंधों से एक माह में कितनी गिर गई रूसी मुद्रा
अमेरिका द्वारा पिछले एक महीने के दौरान लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से रुस की मुद्रा रूबल डॉलर के मुकाबले 76 फीसदी गिर गई है। यूक्रेन पर रूस का सैन्य हमला, दो हफ्ते बाद भी जारी रहने से भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका की अगुआई में तमाम पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कदमों की घोषणा कर रहे हैं। पिछले हफ्ते सबसे पहले कनाडा ने रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लिया था।
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