Bhagalpur Blast Case : लहसुनिया पटाखे ने मचाई भागलपुर में तबाही! लीलावती को पैसे देता था मोहम्मद आजाद, जानिए धमाके की पूरी कहानी h3>
रुपेश झा, भागलपुर : तातारपुर के काजवली ब्लास्ट केस (Bhagalpur Blast Case Update) को पुलिस अभी खंगाल रही है। पटाखे से आगे की कहानी पर भागलपुर पुलिस की नजर (Bhagalpur Blast Case Story) है। मगर अब तक जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक लहसुनिया पटाखे ने इतनी बड़ी तबाही लाई। 15 लोगों की मौत हो गई और आधा दर्जन घर तबाह हो गए। ज्यादा मात्रा में बारूद होने की वजह से बर्बादी ज्यादा हुई। वैसे भागलपुर (Bhagalpur Blast Case) के बारूदी गैंग पर पुलिस की पैनी नजर है। एक-एक की पड़ताल की जा रही है।
लीलावती को फंड देता था मोहम्मद आजाद
भागलपुर ब्लास्ट के मुख्य आरोपी मोहम्मद आजाद ने पुलिस के सामने बड़ा खुलासा किया है। उसने कबूल किया है कि वो लीलावती के पटाखा कारोबार में फंडिंग किया था। यही नहीं आजाद लीलावती को पटाखा व्यवसाय में सहयोग भी करता था। एसएसपी बाबूराम की मानें तो पहले काफी समय तक पूछताछ के दौरान आजाद ने कुछ भी नहीं बताया था। लेकिन सख्ती और सबूतों के सामने उसकी चालाकी काम नहीं आई। उसने विस्फोट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। वहीं, उसने पुलिस को अब तक ये नहीं बताया है कि ब्लास्ट में इतना बड़ा नुकसान होने के बाद भी वो घटनास्थल पर क्यों नहीं पहुंचा था? वो फोन के जरिए अपने लोगों से क्यों जानकारी ले रहा था? उसे किस बात का भय था?
भागलपुर पटाखा कांड में कई किरदार
भागलपुर धमाके में और भी कई किरदार हैं। ब्लास्ट में घायल नवीन मंडल उर्फ नवीन आतिशबाज ने भी पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है। एसएसपी ने इस बारे में कहा कि नवीन ने पूछताछ में बताया कि लीलावती के पटाखा कारोबार में मोहम्मद आजाद भी शामिल था। जबकि इसके लिए आशीष बारूद का सप्लाई करता था। वहीं, आशीष की निशानदेही पर पुलिस ने करीब एक बोरा पटाखा निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया है। बताया जाता है कि इसकी डिलीवरी आशीष नहीं ले सका था। विस्फोटक जैसे पदार्थ का एक कंटेनर भी पुलिस ने आशीष के घर में बने तहखाने से बरामद किया है।
आशीष देखता था बारूद सप्लाई का धंधा
एसएसपी ने दावा किया है कि आशीष काफी समय से कोलकाता से विस्फोटक पदार्थ लाकर लीलावती, महेंद्र मंडल, नवीन मंडल, गुड्डू उर्फ अशोक मंडल सहित पटाखा कारोबार से जुड़े कई दूसरे लोगों को सप्लाई करता था। यही काम पहले आशीष के पिता राम कुमार किया करते थे। वो इस तरह के मामले में 35 साल पहले आरोपी रह चुके हैं। पिता के अस्वस्थ रहने के कारण पिछले कुछ समय से बारूद सप्लाई का काम आशीष ने संभाल लिया था। इन सब के बीच कोलकाता के जिस दुकान से पटाखे में इस्तेमाल होनेवाले सामान लाए जाते थे, वहां भी एसआईटी की टीम ने जाकर संबंधित दुकानदार से पूछताछ की। इस दौरान एसएसपी ने कहा कि वो लाइसेंसी दुकानदार है। उसने आशीष की खरीदारी के बिल भी दिखाए। आशीष ने एक बार बैंक के माध्यम से भी पैसा ट्रांसफर किया था।
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लहसुनिया पटाखे ने मचाई तबाही
नवीन मंडल ने पुलिस को बताया है कि 2 मार्च 2022 यानी कि ब्लास्ट वाले दिन उसने 40 पेटी लहसुनिया पटाखे को तैयार कर रखा था। इसके अलावा पटाखा निर्माण के लिए काफी मात्रा में बारूद उनके घर में था। होली और शब-ए-बारात के ऑर्डर के कारण लीलावती के घर में भी भारी मात्रा में पटाखे तैयार किए जा रहे थे। उनके यहां भी बारूद मौजूद था। इसी दौरान रात में करीब साढ़े ग्यारह बजे लीलावती के घर में किसी दुर्घटना के कारण पटाखों में विस्फोट हुआ। जिससे इनके घर में रखे पटाखों में भी ब्लास्ट हो गया। बारूद की मात्रा काफी अधिक होने के कारण विस्फोट काफी शक्तिशाली था। नवीन मंडल ने ये भी बताया कि पटाखों के ऑर्डर बैंड वालों के माध्यम से भी मिलते थे। आशीष भी ऑर्डर दिलवाता था। वहीं एनबीटी के पास मौजूद घटना के सीसीटीवी फुटेज में भी दो ब्लास्ट स्पष्ट सुनाई दे रहा है। दोनों के बीच आधा सेकेंड से भी कम समय का अंतर लग रहा है।
पटाखे की वजह से धमाके की आई बात
भागलपुर पुलिस का दावा है कि भारी मात्रा में एक ही जगह पटाखा और बारूद होने के कारण बड़ा धमाका हुआ है। एसएसपी ने कहा कि अब तक की जांच, आसपास के लोगों का बयान और गिरफ्तार अभियुक्तों के कबूलनामे का एनालाइसिस किया गया। एटीएस-एफएसएल की पड़ताल और बम डिस्पोजल सहित कई टीमों की प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आई है कि ये विस्फोट भारी मात्रा में रखे पटाखे और बारूद की वजह से हुआ। वहीं, पटाखे बनाने वाले लोगों ने बताया कि लहसुनिया पटाखा जमीन या किसी ठोस सतह पर पटकने से फट जाता है। कई बार बनाने के दौरान सुतली ज्यादा टाइट बांधने या हाथ से गिर जाने की वजह से भी फट जाता है। इस प्रकार की घटनाएं बीच-बीच में होती रहती है। संभवत: ऐसे ही किसी कारण से लीलावती के घर में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ होगा। जिसके कारण नवीन मंडल और महेन्द्र मंडल के घर में रखे पटाखों में भी विस्फोट हो गया होगा। इस धमाके के कारण आस-पास के मकानों के गिरने से काफी लोग मलबे में दब गए। जबकि एसएसपी ने कहा कि घटनास्थल से बरामद बारूद की रसायनिक जांच रिपोर्ट अभी एफएसएल से हासिल नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
लीलावती देवी और मोहम्मद आजाद की फाइल तस्वीर
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भागलपुर ब्लास्ट के मुख्य आरोपी मोहम्मद आजाद ने पुलिस के सामने बड़ा खुलासा किया है। उसने कबूल किया है कि वो लीलावती के पटाखा कारोबार में फंडिंग किया था। यही नहीं आजाद लीलावती को पटाखा व्यवसाय में सहयोग भी करता था। एसएसपी बाबूराम की मानें तो पहले काफी समय तक पूछताछ के दौरान आजाद ने कुछ भी नहीं बताया था। लेकिन सख्ती और सबूतों के सामने उसकी चालाकी काम नहीं आई। उसने विस्फोट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। वहीं, उसने पुलिस को अब तक ये नहीं बताया है कि ब्लास्ट में इतना बड़ा नुकसान होने के बाद भी वो घटनास्थल पर क्यों नहीं पहुंचा था? वो फोन के जरिए अपने लोगों से क्यों जानकारी ले रहा था? उसे किस बात का भय था?
भागलपुर पटाखा कांड में कई किरदार
भागलपुर धमाके में और भी कई किरदार हैं। ब्लास्ट में घायल नवीन मंडल उर्फ नवीन आतिशबाज ने भी पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है। एसएसपी ने इस बारे में कहा कि नवीन ने पूछताछ में बताया कि लीलावती के पटाखा कारोबार में मोहम्मद आजाद भी शामिल था। जबकि इसके लिए आशीष बारूद का सप्लाई करता था। वहीं, आशीष की निशानदेही पर पुलिस ने करीब एक बोरा पटाखा निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया है। बताया जाता है कि इसकी डिलीवरी आशीष नहीं ले सका था। विस्फोटक जैसे पदार्थ का एक कंटेनर भी पुलिस ने आशीष के घर में बने तहखाने से बरामद किया है।
आशीष देखता था बारूद सप्लाई का धंधा
एसएसपी ने दावा किया है कि आशीष काफी समय से कोलकाता से विस्फोटक पदार्थ लाकर लीलावती, महेंद्र मंडल, नवीन मंडल, गुड्डू उर्फ अशोक मंडल सहित पटाखा कारोबार से जुड़े कई दूसरे लोगों को सप्लाई करता था। यही काम पहले आशीष के पिता राम कुमार किया करते थे। वो इस तरह के मामले में 35 साल पहले आरोपी रह चुके हैं। पिता के अस्वस्थ रहने के कारण पिछले कुछ समय से बारूद सप्लाई का काम आशीष ने संभाल लिया था। इन सब के बीच कोलकाता के जिस दुकान से पटाखे में इस्तेमाल होनेवाले सामान लाए जाते थे, वहां भी एसआईटी की टीम ने जाकर संबंधित दुकानदार से पूछताछ की। इस दौरान एसएसपी ने कहा कि वो लाइसेंसी दुकानदार है। उसने आशीष की खरीदारी के बिल भी दिखाए। आशीष ने एक बार बैंक के माध्यम से भी पैसा ट्रांसफर किया था।
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लहसुनिया पटाखे ने मचाई तबाही
नवीन मंडल ने पुलिस को बताया है कि 2 मार्च 2022 यानी कि ब्लास्ट वाले दिन उसने 40 पेटी लहसुनिया पटाखे को तैयार कर रखा था। इसके अलावा पटाखा निर्माण के लिए काफी मात्रा में बारूद उनके घर में था। होली और शब-ए-बारात के ऑर्डर के कारण लीलावती के घर में भी भारी मात्रा में पटाखे तैयार किए जा रहे थे। उनके यहां भी बारूद मौजूद था। इसी दौरान रात में करीब साढ़े ग्यारह बजे लीलावती के घर में किसी दुर्घटना के कारण पटाखों में विस्फोट हुआ। जिससे इनके घर में रखे पटाखों में भी ब्लास्ट हो गया। बारूद की मात्रा काफी अधिक होने के कारण विस्फोट काफी शक्तिशाली था। नवीन मंडल ने ये भी बताया कि पटाखों के ऑर्डर बैंड वालों के माध्यम से भी मिलते थे। आशीष भी ऑर्डर दिलवाता था। वहीं एनबीटी के पास मौजूद घटना के सीसीटीवी फुटेज में भी दो ब्लास्ट स्पष्ट सुनाई दे रहा है। दोनों के बीच आधा सेकेंड से भी कम समय का अंतर लग रहा है।
पटाखे की वजह से धमाके की आई बात
भागलपुर पुलिस का दावा है कि भारी मात्रा में एक ही जगह पटाखा और बारूद होने के कारण बड़ा धमाका हुआ है। एसएसपी ने कहा कि अब तक की जांच, आसपास के लोगों का बयान और गिरफ्तार अभियुक्तों के कबूलनामे का एनालाइसिस किया गया। एटीएस-एफएसएल की पड़ताल और बम डिस्पोजल सहित कई टीमों की प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आई है कि ये विस्फोट भारी मात्रा में रखे पटाखे और बारूद की वजह से हुआ। वहीं, पटाखे बनाने वाले लोगों ने बताया कि लहसुनिया पटाखा जमीन या किसी ठोस सतह पर पटकने से फट जाता है। कई बार बनाने के दौरान सुतली ज्यादा टाइट बांधने या हाथ से गिर जाने की वजह से भी फट जाता है। इस प्रकार की घटनाएं बीच-बीच में होती रहती है। संभवत: ऐसे ही किसी कारण से लीलावती के घर में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ होगा। जिसके कारण नवीन मंडल और महेन्द्र मंडल के घर में रखे पटाखों में भी विस्फोट हो गया होगा। इस धमाके के कारण आस-पास के मकानों के गिरने से काफी लोग मलबे में दब गए। जबकि एसएसपी ने कहा कि घटनास्थल से बरामद बारूद की रसायनिक जांच रिपोर्ट अभी एफएसएल से हासिल नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
लीलावती देवी और मोहम्मद आजाद की फाइल तस्वीर