Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश चुनाव में हार के बाद अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दूर हो जाएगा BJP का भ्रम और छलावा

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Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश चुनाव में हार के बाद अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दूर हो जाएगा BJP का भ्रम और छलावा

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश चुनाव में हार के बाद अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दूर हो जाएगा BJP का भ्रम और छलावा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election) के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP in UP) की बहुमत से एकतरफा जीत हो चुकी है। इसके बाद आज अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चुप्पी तोड़ी है। अखिलेश ने पिछली बार से सीटें बढ़ाने के लिए जनता का धन्यवाद देते हुए कहा है कि बीजेपी का भ्रम और छलावा दूर हो जाएगा।

अखिलेश यादव ने नतीजों के अगले दिन यानी शुक्रवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी और मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद! हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा।आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा। जनहित का संघर्ष जीतेगा!’

विजय के बाद योगी का स्वागत
बीजेपी की जीत के बाद योगी के दफ्तर पहुंचने पर भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारों से बीजेपी ऑफिस गूंज रहा था। रंगों की होली खेली गई। योगी ने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया और विक्ट्री साइन दिखाकर हाथ जोड़ा। योगी ने जीत का जश्न मनाते हुए कहा कि सबकी नजरें यूपी पर टिकी हुई थीं। मैं राज्य की जनता को इस जीत के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने यूपी, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में सरकार बना रही है। सीएम योगी ने जोरदार जीत के बाद जय श्री राम का नारा लगाया और पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने गरीबों के लिए काम किया और जनता उसका इनाम दिया।

गुरुवार को आए चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी को 255 सीटों पर जीत मिली है। सहयोगियों की बात करें तो निषाद पार्टी के खाते में 6, जबकि अपना दल के खाते में 12 सीटें आई हैं। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को 8 और राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं के देख लेने, निपट लेने, पूरा हिसाब-किताब होगा जैसे धमकी भरे बयान उन्हीं पर खूब भारी पड़े। नेताओं और खासतौर से वर्ग विशेष के नेताओं द्वारा दिए गए इन बयानों ने डर पैदा किया और लोगों ने बेहतर कानून व्यवस्था का दावा कर रही बीजेपी सरकार पर ही अपना भरोसा जताया। मेरठ से शुरू हुआ यह सिलसिला आखिरी चरण में मऊ तक जारी रहा।

बीजेपी के जीत का सबसे बड़ा सूत्र यही है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचा। लॉकडाउन के दौरान रोजगार न होने पर भी भूखे मरने की नौबत नहीं आई। कुछ पैसा ऐसे लोगों के खाते में पहुंचता रहा। छुट्टा जानवरों का मसला बड़ा था, लेकिन मुफ्त अनाज, तेल और योजनाओं का सीधा लाभ उस पर हावी हो गया।

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विधायकों मंत्रियों से नाराजगी भी विपक्ष के काम नहीं आई। लोग इस बार योगी, मोदी और अखिलेश को वोट दे रहे थे, न कि प्रत्याशी को। योजनाओं के लाभ से संतुष्ट गरीब और माफिया पर योगी के बुलडोजर के हमलावर रुख से खुश मिडिल क्लास ने प्रत्याशी का नाम तक नहीं देखा और पार्टी को वोट दिया। सवर्ण, पिछड़ा, दलित, जातीय और धार्मिक गोलबंदियां इन दो मुद्दों के आगे नही टिकीं। कल्याणकारी योजनाओं की सीधी पहुंच ने विधायकों, स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका को ही सीमित कर दिया है।

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)



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