Womens Day: पति की मौत के बाद बेटे को बनाया आईएएस, कहानी जानकर मां के जज्बे को करेंगे सलाम

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Womens Day: पति की मौत के बाद बेटे को बनाया आईएएस, कहानी जानकर मां के जज्बे को करेंगे सलाम

Womens Day: पति की मौत के बाद बेटे को बनाया आईएएस, कहानी जानकर मां के जज्बे को करेंगे सलाम

पंकज मिश्रा, हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर (Hamirpur News) में स्वास्थ्य विभाग के सब सेंटर में तैनात एक एएनएम के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। इसने पति की मौत के बाद न सिर्फ अपने दो मासूम बच्चों की परवरिश की बल्कि सरकारी नौकरी के साथ ही उसने अपने एक बेटे को आईएएस अफसर भी बनाने का सपना भी साकार किया है। आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) पर हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों ने उसके संघर्ष की सराहना करते कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद एएनएम ने घर परिवार को संभालने के साथ ड्यूटी के प्रति भी भी सजग रही है। ये महिलाओं के लिए आज प्रेरणा स्त्रोत है।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एएनएम कान्ती पाल के संघर्ष की कहानी आम महिलाओं के लिए बड़ा संदेश देती है। कान्ती पाल वर्ष 1988 में हेल्थ डिपार्टमेंट में एएनएम के पद पर नौकरी शुरू की थी। ये औरैया जिले की रहने वाली है। जिसके पति लाल सिंह की वर्ष 1994 में अचानक मौत हो गई थी। पति के निधन के बाद इसके सामने दु:खों का पहाड़ ही टूट पड़ा। दो मासूम बच्चों की परवरिश को लेकर भी उसके सामने बड़ी चुनौती थी। बड़ी बेटी अंजली (5) व पुत्र रोहित उर्फ नीलू एक माह का था। बस यहीं से कान्ती पाल के संघर्ष की कहानी शुरू हुई लेकिन उसने हार नहीं मानी। और वह अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने तैनाती स्थल ललपुरा सब सेंटर पहुंच गई।

गांव में बेटे को पढ़ाकर आईएएस बनाने को संजोये थे सपने

एएनएम कान्ती पाल ने बताया कि ललपुरा में एक किराये के मकान में रहकर दोनों बच्चों की परवरिश की। कमरा भी दरवाजा विहीन था। कपड़े का पर्दा हर समय पड़ा रहता था। सब सेेंटर न होने के कारण गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी घर में ही कराया जाता था। कठिन परिस्थितियों के बावजूद दोनों बच्चों को गांव के प्राथमिक स्कूल में दाखिला कराया। पुत्र रोहित को आठवीं तक की पढ़ाई के लिए घर से तीन किमी दूर कुम्हऊपुर गांव के जूनियर स्कूल जाना पड़ता था। इसके बाद बारहवीं की पढ़ाई रोहित ने कानपुर देहात के उमरी गांव के इन्टरकालेज से की। बाद में वह आईआईटी की तैयारी शुरू की। एएनएम ने बताया कि अप्रैल 2019 में पुत्र को यूपीएससी में 469 वीं रैंक मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मानो की उनकी तपस्या ही पूरी हो गई है। रोहित इस समय गुजरात के राजकोट में इनकम टैक्स कमिश्नर है।

बेटे को बनाया इनकम टैक्स कमिश्नर


बनीं कई लोगों की उम्मीद

एएनएम कान्ती पाल अपनी मेहनत से अपने परिवार को संवारा साथ ही अपने काम के कारण वह आसपास के गांवों की प्रसूताओं की वह उम्मीद बन गई है। उसने बताया कि सब सेंटर में प्रतिमाह 15 से 20 गर्भवती महिलाओं के सामान्य प्रसव कराए जाते है। स्वयं भी टीकाकरण के लिए गांव-गांव जाना पड़ता है। कोविड टीकाकरण भी पूरी जिम्मेदारी के साथ कराया जा रहा है। महिलाओं को नियमित तौर पर स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। बताया कि पुत्र रोहित के आईएएस अफसर बनने के बाद गांव में एक मंदिर बनवाया गया है। गांव के लोग भी उसके संघर्षों को याद कर गर्व महसूस भी करते है। अंजनी ने बताया कि पापा के निधन के बाद मम्मी ने बहुत तकलीफ झेली है। नौकरी के साथ हम लोगों की परवरिश की। भैया रोहित आज गुजरात प्रदेश में इनकम टैक्स कमिश्नर बने है।

बनीं कई लोगों की उम्मीद

बनीं कई लोगों की उम्मीद

सीएम समेत अन्य अधिकारियों ने एएनएम को किया सैल्यूट
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यहां के सीएम डाँ.एके रावत ने एएनएम कांती पाल को बधाई देते हुए कहा कि ड्यूटी के साथ इसने अपने बच्चे को आईएएस अफसर बनाने का सपना साकार किया है। ये महिलाओं के लिए रोल आफ माडल है। ए.सीएमओ डाँ.रामऔतार, डाँ.महेश चन्द्रा व जिला स्वाथ्य शिक्षाधिकारी अनिल कुमार यादव ने भी एएनएम की सराहना करते कहा कि अपने कार्यों के प्रति गंभीरता और परिवार के प्रति भी बड़ी जिम्मेदारी निभाकर विभाग का गौरव बढ़ाया है। एएनएम की बेटी अंजली ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज भैया रोहित ने फोन पर मम्मी को विस किया है। भैया अक्सर मम्मी से फोन कर हालचाल लेते रहते है। बताया कि भैया इनकम टैक्स कमिश्नर बन गए है। अब मम्मी भैया रोहित की शादी होते देखना चाहती है।

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