प्रतिबंधों से भड़के रूस की यूरोप को धमकी, कहा- बंद कर देंगे नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन!

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प्रतिबंधों से भड़के रूस की यूरोप को धमकी, कहा- बंद कर देंगे नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन!

प्रतिबंधों से भड़के रूस की यूरोप को धमकी, कहा- बंद कर देंगे नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन!

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पश्चिमी देश लगातार मॉस्को पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। रूस इन प्रतिबंधों से भड़क गया है और नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के जरिए यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती करने की धमकी दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर रूस ऐसा करता है तो पहले से ही डगमगाए हुए उर्जा बाजार में और उथल-पुथल मच सकती है। रूस के ऐसा करने से कीमतों में बढ़ोतरी संभव है।

नॉर्ड स्ट्रीम 1 पर अब तक कोई फैसला नहीं: रूस

रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक जो कि ऊर्जा मामलों के प्रभारी भी हैं, उन्होंने कहा है कि रूस को कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने कहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 को बंद करने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। पाइपलाइन मौजूदा वक्त में ‘अपनी पूरी क्षमता से’ चल रही है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में रूस द्वारा आपूर्ति में व्यवधान के डर के कारण कीमतों में करीब 80 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना अधर में

यूरोपीय देशों की रूसी ऊर्जा पर निर्भरता यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के जवाब देने के तरीके पर सहमत होने की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। पिछले महीने जर्मनी ने 11 बिलियन डॉलर की नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना को स्थगित कर दिया था। यरोपीय यूनियन के अधिकारियों ने कहा है कि वह ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जो कि इस साल रूस से आयात की जरूरतों को 80 फीसद तक कम कर सके।

रूस पर कार्रवाई से बच रही यूरोपीय यूनियन?

यूरोपीय यूनियन के कई नेता रूस पर तत्काल कार्रवाई से बचते नजर आए हैं। यही कारण है कि जर्मनी ने तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावों के खिलाफ जोर दिया है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा है कि रूसी तेल और गैस यूरोप की इकॉनमी के लिए ‘आवश्यक महत्व’ हैं। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के गैस आयात का लगभग 40 फीसद और इसका एक चौथाई तेल रूस से आता है।

रूस की चेतावनी

रूसी नेता नोवाक ने कहा है कि यदि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन रूसी आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं तो रूस के पास अपना तेल बेचने के लिए अन्य विकल्प हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के किसी भी कदम के ‘विश्व बाजार के लिए विनाशकारी परिणाम’ हो सकते हैं और कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल या उससे अधिक तक बढ़ सकती हैं।



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