QUAD, AUKUS को लेकर अमेरिका पर भड़का चीन, बोला- बाइडेन इंडो पैसिफिक NATO बना रहे h3>
बीजिंग: चीन ने क्वाड (QUAD) और ऑकस (AUKUS) को लेकर अमेरिका पर जमकर निशाना (US China Tension) साधा है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि अमेरिका नाटो (NATO Countries) का इंडो-पैसिफिक वर्जन तैयार कर रहा है। वांग ने यह भी आरोप लगाया कि इसका प्रमुख उद्देश्य आसियान जैसे क्षेत्रीय सहयोग ढांचे को कमजोर करना है। कुछ दिन पहले ही अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपनी इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटजी को सार्वजनिक किया था। इसमें भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक भागीदारी को बढ़ाने का जिक्र किया गया था। चीन इसी को लेकर भड़का हुआ है। चीन को लगता है कि अमेरिका उसकी घेराबंदी करने के लिए एशिया में अपनी उपस्थिति को बढ़ा रहा है।
अमेरिका पर लगाया डर पैदा करने का आरोप
वांग यी ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें चीनी खतरे का जिक्र कर डर पैदा कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन इस क्षेत्र को एक सहयोगी के तौर पर देखता है, न कि भू-राजनीतिक टकराव के लिए। उन्होंने कहा कि हम उन पहलों का स्वागत करते हैं जो क्षेत्र में वास्तविक स्थिति से मेल खाती हैं या क्षेत्रीय टकराव के लिए उकसाने और सैन्य धड़े के निर्माण का कड़ा विरोध करती हैं।
रूस को बताया सबसे प्रमुख रणनीतिक भागीदार
चीनी विदेश मंत्री ने रूस-चीन संबंधों पर भी बयान दिया। उन्होंने रूस को चीन का सबसे प्रमुख रणनीतिक भागीदार बताया। उन्होंने कहा कि यह संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक है। जिसका उद्देश्य विश्व शांति, स्थिरता और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाना है। वांग यी ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना भी खतरनाक क्यों न हो, हम अपने रणनीतिक फोकस को बनाए रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस साझेदारी के विकास को बढ़ावा देंगे।
यूक्रेन में मानवीय सहायता भेजने का ऐलान
वांग यी ने दावा किया कि दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है और दोनों पक्षों की भविष्य में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। यूक्रेन में संकट पर टिप्पणी करते हुए, वांग ने कहा कि चीन रेड क्रॉस के माध्यम से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजेगा। चीनी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि बीजिंग मास्को और कीव के बीच आवश्यक मध्यस्थता करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के को तैयार है।
यूक्रेन-ताइवान की तुलना किए जाने पर भड़के
यूक्रेन संकट की ताइवान से तुलना किए जाने पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि ताइवान और यूक्रेन मौलिक रूप से अलग-अलग मुद्दे हैं। उनकी तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ताइवान, बीजिंग का एक विशेष मामला है, जिसे चीन के अभिन्न अंग के रूप में द्वीप का दर्जा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि अंत में ताइवान अपनी मातृभूमि यानी चीन के पास लौट आएगा।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी
अमेरिका पर लगाया डर पैदा करने का आरोप
वांग यी ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें चीनी खतरे का जिक्र कर डर पैदा कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन इस क्षेत्र को एक सहयोगी के तौर पर देखता है, न कि भू-राजनीतिक टकराव के लिए। उन्होंने कहा कि हम उन पहलों का स्वागत करते हैं जो क्षेत्र में वास्तविक स्थिति से मेल खाती हैं या क्षेत्रीय टकराव के लिए उकसाने और सैन्य धड़े के निर्माण का कड़ा विरोध करती हैं।
रूस को बताया सबसे प्रमुख रणनीतिक भागीदार
चीनी विदेश मंत्री ने रूस-चीन संबंधों पर भी बयान दिया। उन्होंने रूस को चीन का सबसे प्रमुख रणनीतिक भागीदार बताया। उन्होंने कहा कि यह संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक है। जिसका उद्देश्य विश्व शांति, स्थिरता और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाना है। वांग यी ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना भी खतरनाक क्यों न हो, हम अपने रणनीतिक फोकस को बनाए रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस साझेदारी के विकास को बढ़ावा देंगे।
यूक्रेन में मानवीय सहायता भेजने का ऐलान
वांग यी ने दावा किया कि दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है और दोनों पक्षों की भविष्य में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। यूक्रेन में संकट पर टिप्पणी करते हुए, वांग ने कहा कि चीन रेड क्रॉस के माध्यम से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजेगा। चीनी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि बीजिंग मास्को और कीव के बीच आवश्यक मध्यस्थता करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के को तैयार है।
यूक्रेन-ताइवान की तुलना किए जाने पर भड़के
यूक्रेन संकट की ताइवान से तुलना किए जाने पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि ताइवान और यूक्रेन मौलिक रूप से अलग-अलग मुद्दे हैं। उनकी तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ताइवान, बीजिंग का एक विशेष मामला है, जिसे चीन के अभिन्न अंग के रूप में द्वीप का दर्जा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि अंत में ताइवान अपनी मातृभूमि यानी चीन के पास लौट आएगा।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी