Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध, ऑपरेशन गंगा.. क्यों याद आ रही हैं सुषमा स्वराज?

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Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध, ऑपरेशन गंगा.. क्यों याद आ रही हैं सुषमा स्वराज?

Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध, ऑपरेशन गंगा.. क्यों याद आ रही हैं सुषमा स्वराज?

नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के कारण कीव (Kyiv Attack) और खारकीव (Kharkiv News) समेत पूरे यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भारत बड़ा अभियान चला रहा है। इस वक्त देश के चार केंद्रीय मंत्री ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देश से छात्रों को निकालने के लिए पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें वह यमन युद्ध के दौरान भारतीय लोगों को निकालने के देश के प्रयासों का जिक्र कर रही हैं।

सुषमा के वायरल वीडियो में क्या

सुषमा स्वराज के करीब पौने चार मिनट के वायरल वीडियो में यमन युद्ध के दौरान भारतीय नागिरकों को निकालने के लिए किए भारत के प्रयासों का जिक्र है। वीडियो में सुषमा कह रही हैं कि हर बार विदेश जाते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कई लोग तो कहते हैं कि पीएम जहाज में ही रहते हैं। ये यात्राएं तफरी या मौज मस्ती के लिए नहीं होती हैं। ये यात्राएं संबंध बनाने, व्यक्तिग रिश्ते बनाने और दोस्तियां बढ़ाने के लिए हुई हैं। इन रिश्तों का अनुभव हमने 5 सालों में देखा है। जब यमन युद्ध शुरू हुआ और वहां भारत के नागरिक फंस गए तो उनको बाहर निकालने की समस्याएं हमारे सामने आ गई। ये समस्या नहीं एक चुनौती थी। ऊपर से गोले बरस रहे थे, समुद्र में लुटेरे बैठे थे। जमीन पर बंदूकों से लड़ाई हो रही थी। जल, थल और नभ तीनों रास्तों बंद थे। कैसे निकाले। तब मैंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से कहा कि वो सऊदी अरब के किंग से बात करें। पीएम ने किंग से बात की और उनसे आग्रह किया कि वो 7 दिन के लिए यमन में युद्ध रोक दें। तब सऊदी किंग ने कहा कि उन्हें एक घंटे का वक्त दें। कुछ देर बाद सऊदी किंग का फोन आया तो उन्होंने कहा कि 7 दिन के लिए तो हमले एकसाथ नहीं रोक सकते हैं। लेकिन हर दिन 2 घंटे गोला बारी रोक सकते हैं और 7 दिन तक रोक सकते हैं। इस दौरान आप अपने विदेश मंत्री को कहिए को नागरिकों को निकाल लें। पीएम ने कहा कि हर दिन वो 2 घंटे गोला बारी रोकने को तैयार हैं। तब मैंने कहा कि हमारा काम इसी से चल जाएगा। फिर लगा कि यमन का हवाई अड्डा खुलवाना होगा। तो उन्होंने कहा कि उन दो घंटे में हम हवाई अड्डा खोल देंगे। तब मैंने जनरल (रि) वीके सिंह (General VK Singh) को कहा कि आप तो फील्ड संभालिए, मैं यहां से संभालती हूं। सिंह जिबूती पहुंच गए जहां से ऑपरेशन चल रहा था। हम लगभग 5 हजार भारतीय नागरिक और 48 देशों के लगभग दो हजार विदेशी नागरिकों को निकालने में सफल रहे। आज से पहले जब भी ऐसी कोई मुसीबत आती थी लोग अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाते थे, लोग इजरायल के सामने गिड़गिड़ाते थे। अमेरिका सुपर पावर था। लेकिन ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसमें 48 देशों अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी ने भी कहा कि हम नहीं निकाल पा रहे हैं केवल आप निकालकर ला रहे हैं। कृपया आप हमारे नागरिकों को भी निकाल लें। पाकिस्तान समेत 48 देशों के 1,972 लोग हम निकाल लाए। तो रिश्ता काम आया और हम अपने लोगों को निकाल लाए।
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पाकिस्तानी छात्र भारतीय झंडा लेकर निकले
इस बार भी यूक्रेन संकट में पाकिस्तानी छात्र भारत के झंडे लेकर युद्धग्रस्त इलाके से निकल रहे हैं। पाकिस्तान के छात्रों ने बताया था कि उन्हें यूक्रेन से निकलने के लिए काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान अपने नागरिकों को वहां से निकालने में सफल नहीं हो रहा है इसलिए वहां के छात्र भारतीय तिरंगा लेकर छात्रों के साथ वहां से निकल रहे हैं।

क्या था यमन संकट
सऊदी अरब और ईरान के बीच जारी परोक्ष ‘युद्ध’ यमन बुरी तरह तबाह हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) तक इसे दुनिया की सबसे बड़ी तबाही कह चुका है। यहां 12 करोड़ से ज्यादा लोग भूखमरी से जूझ रहे हैं। 2021 में अरब नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच भीषण लड़ाई हुई थी। इस दौरान सैकड़ों हूति विद्रोही मारे गए थे। इस युद्ध के दौरान यमन में 130,000 लोगों की मौत हो चुकी है। इस युद्ध के दौरान ही हजारों भारतीय यमन में फंस गए थे। उन्हीं फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत ने एक बड़ा अभियान चलाया था। भारत ने अपने रिश्तों के जरिए वहां से न केवल भारतीय नागरिकों को निकाला बल्कि विदेशी नागरिकों को भी सकुशल उनके देश तक पहुंचा दिया।
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रूस भी देगा भारत को सुरक्षित गलियारा

खारकीव समेत यूक्रेन के कई बड़े शहरों में रूस ने हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन में बिगड़ते हालत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra) ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से फोन पर बात की। पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए पुतिन से चर्चा की। उधर, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन की सेना पर बड़ा आरोप लगाते हुए पीएम मोदी से कहा कि यूक्रेनी सेना ने वहां मौजूद भारतीय छात्रों को बंधक बना लिया है और उन्हें मानव शील्ड के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। इसके साथ यूक्रेन की सेना भारतीयों को रूसी क्षेत्र में जाने से रोक रही है। रूस ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने के लिए रूसी सशस्त्र बल हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं। भारत जैसे चाहेगा, वैसे हम उन्हें (भारतीय नागरिकों) रूसी क्षेत्र से अपने खुद के मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन या भारतीय विमान से उनके घर भेजने को तैयार हैं।’

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्सकी से पीएम मोदी की बात

यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बात की है। यह बातचीत यूक्रेन पर रूस (PM Modi talks with Volodymyr Zelenskyy) के हमले के बीच हुई है। माना जाता है कि बातचीत के दौरान जेलेंस्‍की ने पीएम मोदी से संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में राजनीतिक मदद की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की चिंता से भी अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से सुविधा की मांग की।

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यूक्रेन युद्ध क्यों याद आ रही हैं सुषमा स्वराज



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