जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने वाले ये हैं 5 राज्य, ई-वे बिल का नया रिकॉर्ड h3>
आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने और कर चोरी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की बदौलत जीएसटी राजस्व संग्रह में लगातार बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है। इस वर्ष फरवरी में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये के पार रहा। जीएसटी लागू होने के बाद यह पांचवां ऐसा महीना है जिसमें जीएसटी राजस्व संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
फरवरी में दैनिक आधार पर ई-वे बिल का भी नया रिकॉर्ड बना है। जीएसटीआईएन के डाटा के अनुसार, फरवरी के पहले 27 दिनों में रोजाना 24.47 लाख ई-वे बिल बने हैं। सितंबर 2018 में ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने के बाद यह संख्या सबसे ज्यादा है। एक से 27 फरवरी के दौरान कुल 6.6 करोड़ ई-वे बिल बने हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है। यह जीएसटी संग्रह का सूचक भी होता है। हालांकि, मासिक आधार पर पिछले साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा 7.35 करोड़ ई-वे बिल बने थे।
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वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी जीएसटी संग्रह के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 133026 करोड़ रुपये रहा है, जो फरवरी 2021 में संग्रहित 1,13,413 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। फरवरी 2020 में सहंग्रित राजस्व की तुलना में 26 फीसदी अधिक है। इस वर्ष जनवरी में यह राशि 1,40,986 करोड़ रुपये रही थी।
शीर्ष-5 राज्यों का जीएसटी संग्रह
राज्य राशि बढ़ोतरी (%में)
- महाराष्ट्र 19,423 21
- कर्नाटक 9,176 21
- गुजरात 8,873 08
- तमिलनाडु 7,393 05
- उत्तर प्रदेश 6,519 09
नोट: राशि करोड़ रुपये में है।
इस वर्ष फरवरी में कुल संग्रहित जीएसटी राजस्व में सीजीएसटी 24,435 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,779 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 67,471 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 10340 करोड़ रुपये रहा है। आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 33,837 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 638 करोड़ रुपये शामिल है।
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सरकार ने आईजीएसटी में से सीजीएसटी में 26,347 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 21,909 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित हस्तातंरण के बाद फरवरी में केन्द्र और राज्यों को क्रमश: 50,782 करोड़ रुपये और 52,688 करोड़ रुपये मिले हैं। मंत्रालय का कहना है कि फरवरी में कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन, साप्ताहिक बंदी और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए यह जीएसटी संग्रह काफी बेहतर है।
क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह पहली बार 10 करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि फरवरी में क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह 10340 करोड़ रुपये रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला महीना है जब क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह 10 हजार करोड़ रुपए के पार रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, प्रमुख सेक्टर्स में रिकवरी की बदौलत क्षतिपूर्ति उपकर में बढ़ोतरी रही है। खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेल्स सेक्टर में महत्वपूर्ण रिकवरी रही है।
आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने और कर चोरी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की बदौलत जीएसटी राजस्व संग्रह में लगातार बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है। इस वर्ष फरवरी में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये के पार रहा। जीएसटी लागू होने के बाद यह पांचवां ऐसा महीना है जिसमें जीएसटी राजस्व संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
फरवरी में दैनिक आधार पर ई-वे बिल का भी नया रिकॉर्ड बना है। जीएसटीआईएन के डाटा के अनुसार, फरवरी के पहले 27 दिनों में रोजाना 24.47 लाख ई-वे बिल बने हैं। सितंबर 2018 में ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने के बाद यह संख्या सबसे ज्यादा है। एक से 27 फरवरी के दौरान कुल 6.6 करोड़ ई-वे बिल बने हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है। यह जीएसटी संग्रह का सूचक भी होता है। हालांकि, मासिक आधार पर पिछले साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा 7.35 करोड़ ई-वे बिल बने थे।
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शीर्ष-5 राज्यों का जीएसटी संग्रह
राज्य राशि बढ़ोतरी (%में)
- महाराष्ट्र 19,423 21
- कर्नाटक 9,176 21
- गुजरात 8,873 08
- तमिलनाडु 7,393 05
- उत्तर प्रदेश 6,519 09
नोट: राशि करोड़ रुपये में है।
इस वर्ष फरवरी में कुल संग्रहित जीएसटी राजस्व में सीजीएसटी 24,435 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,779 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 67,471 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 10340 करोड़ रुपये रहा है। आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 33,837 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 638 करोड़ रुपये शामिल है।
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सरकार ने आईजीएसटी में से सीजीएसटी में 26,347 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 21,909 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित हस्तातंरण के बाद फरवरी में केन्द्र और राज्यों को क्रमश: 50,782 करोड़ रुपये और 52,688 करोड़ रुपये मिले हैं। मंत्रालय का कहना है कि फरवरी में कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन, साप्ताहिक बंदी और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए यह जीएसटी संग्रह काफी बेहतर है।
क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह पहली बार 10 करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि फरवरी में क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह 10340 करोड़ रुपये रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला महीना है जब क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह 10 हजार करोड़ रुपए के पार रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, प्रमुख सेक्टर्स में रिकवरी की बदौलत क्षतिपूर्ति उपकर में बढ़ोतरी रही है। खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेल्स सेक्टर में महत्वपूर्ण रिकवरी रही है।