शक्तिशाली बनकर उभरे सीएम एम.के. स्टालिन.. डीएमके गठबंधन साबित हुआ इक्कीस | CM MK emerged as powerful Stalin | Patrika News

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शक्तिशाली बनकर उभरे सीएम एम.के. स्टालिन.. डीएमके गठबंधन साबित हुआ इक्कीस | CM MK emerged as powerful Stalin | Patrika News

शक्तिशाली बनकर उभरे सीएम एम.के. स्टालिन.. डीएमके गठबंधन साबित हुआ इक्कीस | CM MK emerged as powerful Stalin | Patrika News

चेन्नई शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में सीएम एम.के. स्टालिन शक्तिशाली बनकर उभरे। मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले नौ महीनों के शासन ने सार्वजनिक जीवन के सभी पहलुओं को छुआ और यही वजह रही कि स्थानीय निकाय चुनाव में जनता में छप्पर फाड़कर साथ दिया।

जयपुर

Published: February 25, 2022 12:15:15 am

जयपुर। चेन्नई शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में सीएम एम.के. स्टालिन शक्तिशाली बनकर उभरे। मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले नौ महीनों के शासन ने सार्वजनिक जीवन के सभी पहलुओं को छुआ और यही वजह रही कि स्थानीय निकाय चुनाव में जनता में छप्पर फाड़कर साथ दिया। डीएमके ने तमिलनाडु में विपक्षी एआईएडीएमके को बहुत पीछे छोड़ दिया। डीएमके गठबंधन ने अपने पश्चिमी गढ़ कोयंबत्तूर, तिरुपुर, इरोड, नीलगिरी, सेलम, नामक्कल, धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिलों में एआईएडीएमके को हराकर इतिहास रच दिया और इस क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत सीटें जीत लीं। मई 2021 में हुए विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके ने 57 में से 40 सीटों पर जीत हासिल करने के आठ महीने बाद समूचा पासा ही डीएमके के पक्ष में चला गया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पूर्व सीएम एम करुणानिधि एक रणनीतिक राजनेता थे, लेकिन उनके बेटे एमके स्टालिन ऐसे व्यक्ति हैं जो यथास्थिति को चुनौती देते हैं। सीएम ने इस क्षेत्र में विधानसभा की हार को हल्के में नहीं लिया और सेंथिल बालाजी जैसे मंत्रियों को हर जिले में तैनात किया, जो एक चतुर आयोजक माने जाते हैं। इस रणनीति से पार्टी को भरपूर लाभ हुआ है। भाजपा के अकेले जाने के फैसले से एआईएडीएमके को भारी नुकसान हुआ। हालांकि यह क्षेत्र एआईएडीएमके के कई दिग्गजों का घर है – जिनमें पूर्व सीएम एडपाडी के पलनीस्वामी और पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि, केए सेनगोट्टैयन, पी थंगमणि और वरिष्ठ नेता केपी मुनुसामी शामिल हैं।
दक्षिणी जिलों पर ध्यान
तिरुचि जिला हमेशा की तरह डीएमके के साथ खड़ा रहा। नगर प्रशासन मंत्री के एन नेहरू और स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी के नेतृत्व में, डीएमके के पास पहले से ही सभी ग्रामीण स्थानीय निकायों और जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर कब्जा करके 100 प्रतिशत की जीत का इतिहास था। डीएमके ने इस बार पश्चिम के साथ ही विशेष रूप से दक्षिणी जिलों पर ध्यान केंद्रित किया। दक्षिण के मंत्रियों, विशेष रूप से आई पेरियासामी, केकेएसएसआर रामचंद्रन, पीटीआर पलनीवेल त्यागराजन केआर पेरियाकरुप्पन, तंगम तेनारसु, अनीता राधाकृष्णन, एसआर राजकन्नप्पन, टी मनो तंगराज, पी मूर्ति को मजबूत पोर्टफोलियो आवंटित किए गए।
नौ महीने का सुशासन रंग लाया
पिछले नौ महीनों में डीएमके शासन के सुशासन ने बड़ी जीत दिलाई। चुनाव प्रचार के दौरान सीएम द्वारा किए गए वादों को हर दिन एक के बाद एक पूरा किया। एआईएडीएमके का पारंपरिक गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी तमिलनाडु में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में डीएमके ने शानदार सफलता हासिल की। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए डीएमके द्वारा अपनाई गई सुधार की रणनीति रंग लाई। यह वापसी दिखाती है कि पश्चिमी तमिलनाडु में मतदाताओं ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व पर विश्वास जताया है। राज्य के अन्य हिस्सों के मूड को ध्यान में रखते हुए यहां के मतदाताओं ने डीएमके को सभी कोयंबत्तूर, इरोड, सेलम, तिरुपुर और पश्चिमी क्षेत्र में नवगठित होसुर निगमों में उल्लेखनीय जीत दिलाई।

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