fodder scam case: अजित पवार BJP में शामिल हुए तो मामले खत्म, पार्टी छोड़ते ही जांच शुरू, लालू की सजा पर भड़के तेजस्वी ने जांच एजेंसियों पर उठाए सवाल h3>
मुंबई: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) को कोर्ट ने पांच साल जेल की सुनाई है। फैसले के बाद उनके बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सीएम तेजस्वी यादव (Tejswai Yadav) ने जांच एजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सभी सरकार के निशाने पर काम करती हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार का उदाहरण भी दिया।
पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि आप लोग महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के भतीजे अजित पवार का ही उदाहरण ले लीजिए। वे जैसे ही भाजपा के साथ जाते हैं, उनके ऊपर से सारे मामले वापस ले लिए जाते हैं। सब कुछ खत्म कर दिया जाता है। लेकिन जैसे ही वे बीजेपी से जाते हैं, उन पर ईडी और सीबीआई के छापे शुरू हो जाते हैं। अब उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब यह है कि आप केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ रहेंगे तो सब कुछ ठीक रहेगा। मेरे पिता सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते हैं जिसकी सजा उन्हें मिल रही है।
2019 में बीजेपी में कुछ दिनों के लिए बीजेपी में शामिल हुए थे अजित पवार
नवंबर 2019 में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को तोड़ा है और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार भी बनाई। देवेंद्र फडणवीस सीएम भी बने। लेकिन पांच साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस का दूसरा कार्यकाल चार दिन भी नहीं चला। फडणवीस ने अजित पवार के भरोसे पर आनन-फानन केंद्र से राष्ट्रपति शासन हटवाकर शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
फडणवीस और अजित पवार के गुपचुप शपथ ग्रहण के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने दायर की। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा। इसके अगले दिन पवार के साथ-साथ सीएम ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अजित पवार अपनी पार्टी के लौट गए और उन्होंने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई। तब ऐसी खबरें आईं कि जैसे ही पवार बीजेपी में शामिल हुए थे वैसे ही उनके खिलाफ सिंचाई घोटाले के 9 मामलों को बंद कर दिया गया था। तब इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना भी साधा था।
अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। 60 वर्षीय पवार महाराष्ट्र के बारामती से विधायक हैं और उनका नाम घोटालों से भी घिरा रहा। पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले घोटाले के सिलसिले में अजित पवार के खिलाफ ईडी ने जांच शुरू की थी।
तेजस्वी यादव। फाइल फोटो
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
2019 में बीजेपी में कुछ दिनों के लिए बीजेपी में शामिल हुए थे अजित पवार
नवंबर 2019 में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को तोड़ा है और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार भी बनाई। देवेंद्र फडणवीस सीएम भी बने। लेकिन पांच साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस का दूसरा कार्यकाल चार दिन भी नहीं चला। फडणवीस ने अजित पवार के भरोसे पर आनन-फानन केंद्र से राष्ट्रपति शासन हटवाकर शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
फडणवीस और अजित पवार के गुपचुप शपथ ग्रहण के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने दायर की। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा। इसके अगले दिन पवार के साथ-साथ सीएम ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अजित पवार अपनी पार्टी के लौट गए और उन्होंने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई। तब ऐसी खबरें आईं कि जैसे ही पवार बीजेपी में शामिल हुए थे वैसे ही उनके खिलाफ सिंचाई घोटाले के 9 मामलों को बंद कर दिया गया था। तब इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना भी साधा था।
अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। 60 वर्षीय पवार महाराष्ट्र के बारामती से विधायक हैं और उनका नाम घोटालों से भी घिरा रहा। पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले घोटाले के सिलसिले में अजित पवार के खिलाफ ईडी ने जांच शुरू की थी।
तेजस्वी यादव। फाइल फोटो
News