केजरीवाल ने गिनाई आप सरकार की उपलब्धियां, 7 साल में बने 27 फ्लाईओवर और करोड़ों रुपये की बचत h3>
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार 2.0 के मौजूदा कार्यकाल के 2 साल बुधवार को पूरे हो गए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से लगाम लगाकर आम जनता को भी मंत्रियों और अफसरों जैसी सुविधाएं दे रही है। आप सरकार के 7 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ज़ोर देने के साथ भ्रष्टाचार को खत्म किया गया है। भ्रष्टाचार को खत्म करने से सभी प्रोजेक्ट को न सिर्फ समय पर पूरा किया गया है, बल्कि कई प्रोजेक्ट्स को अनुमानित लागत से भी कम में भी पूरा किया गया है। प्रोजेक्ट्स में हुई बचत के पैसों से दिल्ली सरकार अपनी जनता को बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं फ्री दे रही है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी के साथ सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर है। 2015 से अब तक दिल्ली में 34 फुटओवर ब्रिज बनाए हैं, जबकि 13 निर्माणाधीन हैं। इसी तरह से 27 फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं और 7 फ्लाईओवर निर्माणाधीन हैं। इनमें रैंप, फ्लाईओवर एक्सटेंशन और अंडरपास शामिल हैं। सीएम केजरीवाल का कहना है कि पहले भ्रष्टाचार से प्रोजेक्ट का बजट भी बहुत ज्यादा होता था लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनने के बाद प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जा रहा है। प्रोजेक्ट्स में लाखों रुपये की बचत हो रही है। जनता के टैक्स के पैसे को बचाया गया है।
मधुबन चौक से मुकरबा चौक कॉरिडोर बनाने की अनुमानित लागत 422 करोड़ रुपये थी, जिसे दिल्ली सरकार ने 297 करोड़ रुपये में ही समय से पहले पूरा कर लिया और 125 करोड़ रुपये बचा लिए। इस तरह कई प्रोजेक्ट में सरकार ने करोड़ों रुपये की बचत की है। सीएम ने कहा कि हम जनता की भलाई के काम करने में विश्वास करते हैं और दिल्ली की जनता ही सरकार के काम का प्रचार करती है।
दिल्ली सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स में की है बचत
- मधुबन चौक से मुकरबा चौक कॉरिडोर का अनुमानित बजट 422 करोड़ रुपये था। इसे समय से पहले पूरा किया गया और 297 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो गया। इस तरह इसमें 125 करोड़ की बचत हुई।
- मंगोलपुरी से मुधुबन चौक फ्लाईओवर का काम 423 करोड़ रुपये में होना था, इसे समय से पहले पूरा किया गया और केवल 323 करोड़ रुपये ही खर्च हुआ। इसमें भी 100 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- विकासपुरी से मीरा बाग एलिवेटेड कॉरिडोर को 560 करोड़ रुपये में बनाया जाना था। इसे भी समय से और केवल 460 करोड़ रुपये में पूरा करके करीब 100 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- प्रेम बाड़ीपुल से आजादपुर के लिए 247 करोड़ रुपये की लागत से कॉरिडोर बनाया जाना था। सरकार ने इसे केवल 137 करोड़ रुपये में ही पूरा करके 110 करोड़ रुपये की बचत की।
- शास्त्रीपार्क और सीलमपुर में बने फ्लाईओवर के लिए करीब 303 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। इसे भी रिकॉर्ड समय में पूरा कर केवल 250 करोड़ रुपये में बना दिया गया और इसमें 53 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- जगतपुरी इलाके में रोड पर बनाए गए फ्लाईओवर को 80 करोड़ रुपये में बनना था। इसमें कुछ तकनीकी बदलाव कर केवल 72 करोड़ रुपये में ही पूरा कर लिया गया और 8 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- भलस्वा फ्लाईओवर को बनाने पर 65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, जिसे 45 करोड़ में बनाकर करीब 20 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- बुराड़ी फ्लाईओवर को 57 करोड़ के बजाय 42 करोड़ रुपये में बनाकर 15 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- मुकुंदपुर चौक फ्लाईओवर में 12 करोड़ रुपये की बचत हुई। इसे 62 करोड़ रुपये में बनाया जाना था, लेकिन केवल 50 करोड़ रुपये में ही पूरा कर लिया गया।
- मयूर विहार के पास बने फ्लाईओवर को भी 50 करोड़ रुपये की जगह 45 करोड़ रुपये बनाकर पांच करोड़ रुपये बचाए गए।
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दिल्ली सरकार का कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी के साथ सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर है। 2015 से अब तक दिल्ली में 34 फुटओवर ब्रिज बनाए हैं, जबकि 13 निर्माणाधीन हैं। इसी तरह से 27 फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं और 7 फ्लाईओवर निर्माणाधीन हैं। इनमें रैंप, फ्लाईओवर एक्सटेंशन और अंडरपास शामिल हैं। सीएम केजरीवाल का कहना है कि पहले भ्रष्टाचार से प्रोजेक्ट का बजट भी बहुत ज्यादा होता था लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनने के बाद प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जा रहा है। प्रोजेक्ट्स में लाखों रुपये की बचत हो रही है। जनता के टैक्स के पैसे को बचाया गया है।
मधुबन चौक से मुकरबा चौक कॉरिडोर बनाने की अनुमानित लागत 422 करोड़ रुपये थी, जिसे दिल्ली सरकार ने 297 करोड़ रुपये में ही समय से पहले पूरा कर लिया और 125 करोड़ रुपये बचा लिए। इस तरह कई प्रोजेक्ट में सरकार ने करोड़ों रुपये की बचत की है। सीएम ने कहा कि हम जनता की भलाई के काम करने में विश्वास करते हैं और दिल्ली की जनता ही सरकार के काम का प्रचार करती है।
दिल्ली सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स में की है बचत
- मधुबन चौक से मुकरबा चौक कॉरिडोर का अनुमानित बजट 422 करोड़ रुपये था। इसे समय से पहले पूरा किया गया और 297 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो गया। इस तरह इसमें 125 करोड़ की बचत हुई।
- मंगोलपुरी से मुधुबन चौक फ्लाईओवर का काम 423 करोड़ रुपये में होना था, इसे समय से पहले पूरा किया गया और केवल 323 करोड़ रुपये ही खर्च हुआ। इसमें भी 100 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- विकासपुरी से मीरा बाग एलिवेटेड कॉरिडोर को 560 करोड़ रुपये में बनाया जाना था। इसे भी समय से और केवल 460 करोड़ रुपये में पूरा करके करीब 100 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- प्रेम बाड़ीपुल से आजादपुर के लिए 247 करोड़ रुपये की लागत से कॉरिडोर बनाया जाना था। सरकार ने इसे केवल 137 करोड़ रुपये में ही पूरा करके 110 करोड़ रुपये की बचत की।
- शास्त्रीपार्क और सीलमपुर में बने फ्लाईओवर के लिए करीब 303 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। इसे भी रिकॉर्ड समय में पूरा कर केवल 250 करोड़ रुपये में बना दिया गया और इसमें 53 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- जगतपुरी इलाके में रोड पर बनाए गए फ्लाईओवर को 80 करोड़ रुपये में बनना था। इसमें कुछ तकनीकी बदलाव कर केवल 72 करोड़ रुपये में ही पूरा कर लिया गया और 8 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- भलस्वा फ्लाईओवर को बनाने पर 65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, जिसे 45 करोड़ में बनाकर करीब 20 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- बुराड़ी फ्लाईओवर को 57 करोड़ के बजाय 42 करोड़ रुपये में बनाकर 15 करोड़ रुपये की बचत की गई।
- मुकुंदपुर चौक फ्लाईओवर में 12 करोड़ रुपये की बचत हुई। इसे 62 करोड़ रुपये में बनाया जाना था, लेकिन केवल 50 करोड़ रुपये में ही पूरा कर लिया गया।
- मयूर विहार के पास बने फ्लाईओवर को भी 50 करोड़ रुपये की जगह 45 करोड़ रुपये बनाकर पांच करोड़ रुपये बचाए गए।
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