Reet प्रकरण की CBI जांच क्यों नहीं करवाना चाह रही सरकार, कहीं चुनाव में भारी ना पड़ जाए यह मुद्दा

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Reet प्रकरण की CBI जांच क्यों नहीं करवाना चाह रही सरकार, कहीं चुनाव में भारी ना पड़ जाए यह मुद्दा

Reet प्रकरण की CBI जांच क्यों नहीं करवाना चाह रही सरकार, कहीं चुनाव में भारी ना पड़ जाए यह मुद्दा

जयपुर : देश में पांच राज्यों में चल रहे चुनाव के बाद जहां अगले साल चुनाव होने हैं। वहीं भी नेता तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसे में जहां मुद्दे खोजे जा रहे है। वहीं जनता की ओर भी उनका ध्यान आकर्षण करवाया जा रहा है। राजस्थान में भी इन दिनों रीट भर्ती परीक्षा बड़ा मुद्दा बनीं हुई है। रीट में पेपर लीक के खुलासे के बाद अब बार- बार जहां गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। वहीं बार- बार बीजेपी की ओर से दवाब बनाए जाने के बाद भी राज्य सरकार रीट पेपर लीक की जांच सीबीआई से नहीं करवा चाह रही है। इन सभी पहलूओं के बीच रीट का मुद्दा गर्माया हुआ है।



सरकार ने किया रुख साफ, नहीं होगी सीबीआई जांच
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी अपने अभिभाषण में सीएम गहलोत ने यह साफ कर दिया कि वो रीट प्रकरण की सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं है। वहीं इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने भी इस बात से इनकार कर दिया था। इधर विपक्ष बार- बार सदन से वॉकआउट कर पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच पर अड़ा हुआ है।

क्यों CBI जांच के पक्ष में नहीं राज्य सरकार
इस पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से सफाई दी गई है कि वो सीबीआई से जांच इसलिए नहीं करवाना चाह रहें, क्योंकि इससे फैसला ना आने तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी। सीएम ने कहा है कि विपक्ष का रीट प्रकरण की जांच सीबीआई को दिलवाने के पीछे मकसद यह है कि युवाओं की नौकरियां टल जाएं। गहलोत का कहना है कि इससे विपक्ष को फिर मौका मिल जाएंगा सरकार को बदनाम करने का। ये लोग फिर कहेंगे कि सरकार नौकरियां नहीं दे पा रही है।

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गहलोत ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चों के लिए अगले 10 दिन में भर्ती निकलें और छह महीने में नौकरी मिल जाएं। टीचर्स की 62 हजार नौंकरियां निकल रही है। 26 हजार नौकरियां कैसे रुके , कुछ लोग इसी प्रयास में हैं।

रीट मामले के आक्रोश को कम करने के लिए सरकार ने निकाली तरकीब
जानकारों का कहना है कि रीट मामले में बन रहे दवाब और युवाओं को नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ी तरकीब निकाली है। गहलोत सरकार ने पूरे मामले को तूल पकड़ता देख जहां लेवल-2 को निरस्त कर दिया। वहीं नई वैकेंसी भी निकाल दी। । दरअसल रीट में पहले 32 हजार पदों पर भर्ती होनी थी। अब 30 हजार और इसमें शामिल किए गए हैं, ऐसे में कुल 62 हजार भर्तियां होंगी। ऐसे में बंपर भर्ती के जरिए सीएम गहलोत एक बार फिर युवा वर्ग को फिर से अपने फेवर में करने में जुट गए हैं।

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चुनाव नजदीक , इसलिए सिर्फ योजनाएं पूरी करने पर ध्यान
जानकारों की मानें, तो क्योंकि जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अपनी सरकार को रिपीट करवाने के लिए CM गहलोत का ध्यान सिर्फ पिछले विधानसभा में किए गए वादों को पूरा करने को लेकर है। सरकार मुद्दे में भड़कने के बजाए अपने वादे पूरे करने में लगी है, ताकि जब मैदान में जाएं, तो जनता को अपने काम गिनाकर वोट लिए जा सकें।

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