शिक्षक भर्ती 2004 : पिछली सरकार में की थी नौकरी देने की सिफारिश, अब कर दिया मना | jaipur news: teacher recruitment 2004 | Patrika News h3>
आरक्षण से अधिक पदों पर चयन के मामले में सदन में दिया जवाब, बताया भर्ती ही लम्बित नहीं
जयपुर
Published: February 09, 2022 11:10:07 pm
जया गुप्ता/जयपुर. सरकार में लालफीताशाही का कारनामा देखिए, अपनी नौकरी के लिए 18 बरस से लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थियों को फिर से नौकरी देने से मना कर दिया है। यह स्थिति तब है जब पिछली सरकार की मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने शिक्षक भर्ती 2004 के चयनित 2354 अभ्यर्थियों को सही मानते हुए नौकरी देने की सिफारिश कर दी थी। सरकार बदली तो अब भर्ती खत्म होने की बात कहकर उन्हें टरकाया जा रहा है। इतना ही नहीं विधानसभा में शिक्षा विभाग ने एक प्रश्न के जवाब में भर्ती में इस्तेमाल किए गए आरक्षण नियमों को सही बताया और भर्ती को पूरा होने की बात भी कह दी। जबकि कुछ बरस पहले एक आरटीआइ में भर्ती करने वाली एजेंसी आरपीएससी स्वीकार कर चुकी है कि शिक्षक भर्ती 2004 में महिलाओं का आरक्षित पदों से अधिक चयन कर लिया गया था।
ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती परीक्षा 27 व 28 दिसम्बर को होगी
यह है पूरा मामला राजस्थान लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती 2004 में आरक्षण गलत तरीके से तय कर दिया, जिससे महिलाओं को अधिक पदों पर नियुक्ति मिल गई। जबकि अधिक मेरिट पाने वाले पुरुष अभ्यर्थी नियुक्ति पाने से वंचित रह गए। उसके बाद प्रभावित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां उन्हें न्याय मिला लेकिन आरपीएससी ने सिंगल बैंच के फैसले पर डबल बैंच में अपील कर दी। डबल बैंच ने आरपीएससी की अपील को खारिज कर दिया। तब से प्रभावित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग, आरपीएससी, सचिवालय आदि के चक्कर काट रहे थे। पिछली सरकार ने उनके मामले को कैबिनेट सब-कमेटी में रख दिया। सब-कमेटी ने अभ्यर्थियों को सही मानते हुए 2354 अभ्यर्थियों को नौकरी देने की सिफारिश की। लेकिन, चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला अटक गया। वर्तमान सरकार में प्रभावितों ने नए सिरे से फिर मेहनत की। लेकिन, नियुक्ति नहीं मिली।
विधायक कालूलाल ने पिछले सत्र में पूछा था प्रश्न मामले पर डग विधायक कालूलाल ने विधानसभा में के छठे सत्र में प्रश्न पूछा। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2004 में आरक्षण नियमों की पालना करते हुए महिलाओं को लम्बवत आरक्षण का लाभ दिया गया था। नई भर्ती प्रक्रिया जारी होते ही पुरानी भर्ती प्रक्रिया बन्द हो जाती है। साल 2006 में नई भर्ती प्रक्रिया जारी कर दी थी। जबकि पूर्व में एक आरटीआइ में आरपीएससी ने स्वीकार किया था कि चयन प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की अवहेलना कर आरक्षण से अधिक पदों पर चयन किया गया था।
आरोप : कुछ लोगों को अभी भी दे रहे नियुक्ति प्रभावित अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि एक तरफ शिक्षा विभाग और राजस्थान लोक सेवा आयोग विधानसभा में गलत तथ्य पेश कर सदन को भ्रमित कर रहा है। दूसरी तरफ इस भर्ती के एक प्रभावित को नौकरी दी जा रही है। दिसम्बर 2021 में आरपीएससी ने परिणाम जारी कर एक व्यक्ति का आवेदन भरवा लिया। अब शिक्षा विभाग नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है।
जिम्मेदारों का यह कहना आरपीएससी के सचिव हरजीलाल अटल ने बताया कि इस भर्ती के पद भरे जा चुके हैं। कुछ पदों पर 2013 में भी नियुक्ति दी गई थी। अब कोई मामला शेष नहीं है। आरपीएससी के स्तर पर यह भर्ती लम्बित नहीं है। किसी एक के मामले में कोर्ट का कोई आदेश हो तो कहा नहीं जा सकता। वहीं मामले पर शिक्षा निदेशक कानाराम से इस मामले पर बात करने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
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आरक्षण से अधिक पदों पर चयन के मामले में सदन में दिया जवाब, बताया भर्ती ही लम्बित नहीं
जयपुर
Published: February 09, 2022 11:10:07 pm
जया गुप्ता/जयपुर. सरकार में लालफीताशाही का कारनामा देखिए, अपनी नौकरी के लिए 18 बरस से लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थियों को फिर से नौकरी देने से मना कर दिया है। यह स्थिति तब है जब पिछली सरकार की मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने शिक्षक भर्ती 2004 के चयनित 2354 अभ्यर्थियों को सही मानते हुए नौकरी देने की सिफारिश कर दी थी। सरकार बदली तो अब भर्ती खत्म होने की बात कहकर उन्हें टरकाया जा रहा है। इतना ही नहीं विधानसभा में शिक्षा विभाग ने एक प्रश्न के जवाब में भर्ती में इस्तेमाल किए गए आरक्षण नियमों को सही बताया और भर्ती को पूरा होने की बात भी कह दी। जबकि कुछ बरस पहले एक आरटीआइ में भर्ती करने वाली एजेंसी आरपीएससी स्वीकार कर चुकी है कि शिक्षक भर्ती 2004 में महिलाओं का आरक्षित पदों से अधिक चयन कर लिया गया था।
ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती परीक्षा 27 व 28 दिसम्बर को होगी
यह है पूरा मामला राजस्थान लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती 2004 में आरक्षण गलत तरीके से तय कर दिया, जिससे महिलाओं को अधिक पदों पर नियुक्ति मिल गई। जबकि अधिक मेरिट पाने वाले पुरुष अभ्यर्थी नियुक्ति पाने से वंचित रह गए। उसके बाद प्रभावित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां उन्हें न्याय मिला लेकिन आरपीएससी ने सिंगल बैंच के फैसले पर डबल बैंच में अपील कर दी। डबल बैंच ने आरपीएससी की अपील को खारिज कर दिया। तब से प्रभावित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग, आरपीएससी, सचिवालय आदि के चक्कर काट रहे थे। पिछली सरकार ने उनके मामले को कैबिनेट सब-कमेटी में रख दिया। सब-कमेटी ने अभ्यर्थियों को सही मानते हुए 2354 अभ्यर्थियों को नौकरी देने की सिफारिश की। लेकिन, चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला अटक गया। वर्तमान सरकार में प्रभावितों ने नए सिरे से फिर मेहनत की। लेकिन, नियुक्ति नहीं मिली।
विधायक कालूलाल ने पिछले सत्र में पूछा था प्रश्न मामले पर डग विधायक कालूलाल ने विधानसभा में के छठे सत्र में प्रश्न पूछा। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2004 में आरक्षण नियमों की पालना करते हुए महिलाओं को लम्बवत आरक्षण का लाभ दिया गया था। नई भर्ती प्रक्रिया जारी होते ही पुरानी भर्ती प्रक्रिया बन्द हो जाती है। साल 2006 में नई भर्ती प्रक्रिया जारी कर दी थी। जबकि पूर्व में एक आरटीआइ में आरपीएससी ने स्वीकार किया था कि चयन प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की अवहेलना कर आरक्षण से अधिक पदों पर चयन किया गया था।
आरोप : कुछ लोगों को अभी भी दे रहे नियुक्ति प्रभावित अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि एक तरफ शिक्षा विभाग और राजस्थान लोक सेवा आयोग विधानसभा में गलत तथ्य पेश कर सदन को भ्रमित कर रहा है। दूसरी तरफ इस भर्ती के एक प्रभावित को नौकरी दी जा रही है। दिसम्बर 2021 में आरपीएससी ने परिणाम जारी कर एक व्यक्ति का आवेदन भरवा लिया। अब शिक्षा विभाग नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है।
जिम्मेदारों का यह कहना आरपीएससी के सचिव हरजीलाल अटल ने बताया कि इस भर्ती के पद भरे जा चुके हैं। कुछ पदों पर 2013 में भी नियुक्ति दी गई थी। अब कोई मामला शेष नहीं है। आरपीएससी के स्तर पर यह भर्ती लम्बित नहीं है। किसी एक के मामले में कोर्ट का कोई आदेश हो तो कहा नहीं जा सकता। वहीं मामले पर शिक्षा निदेशक कानाराम से इस मामले पर बात करने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
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