संविधान बदलने की मांग ने पकड़ा जोर… कांग्रेस ने किया विरोध h3>
नई दिल्ली: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के वरिष्ठ नेता के केशव राव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (TRS Chief Chandrashekhar Rao) का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि उन्होंने देश के लिए एक नए संविधान (New Constitution) की आवश्यकता के विचार को चर्चा के लिए रखा है। हालांकि, कांग्रेस ने इस सुझाव का जोरदार विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि जिस दिन संविधान को बदले जाने की बात होगी, कांग्रेस सबसे पहले उसके विरोध में खड़ी होगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए केशव राव ने केंद्र सरकार पर ध्रुवीकरण और घृणास्पद भाषण को बढ़ावा देने के साथ ही संवैधानिक संस्थाओं और संघीय व्यवस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
इसी कड़ी में उन्होंने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री ने ‘कुंठा’ में नहीं बल्कि बहुत सोच विचार करने के बाद देश के लिए एक नए संविधान की खोज करने के विचार को सामने रखने का फैसला किया है। कारण है कि हम जानते हैं कि आपके अधीन धर्मनिरपेक्षता का बुनियादी ढांचा, देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का बुनियादी ढांचा, राज्यपाल जैसे कार्यालयों व राज्यों की सूची जैसे और बुनियादी सिद्धांत जैसे बुनियादी ढांचे…सभी खतरे में हैं।’
सदन में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ खड़गे ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए टीआरएस नेता पर सरकार की भाषा में बोलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘अगर आप संविधान को बदलने की बात करते हैं तो हम पहले व्यक्ति होंगे जो इसका विरोध करेंगे। आप संविधान में संशोधन का सुझाव दे सकते हैं लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि संविधान को बुनियादी तौर पर बदल दिया जाए।’
उन्होंने कहा कि टीआएस का यह सुझाव सरकार के पक्ष में है क्योंकि ‘आरएसएस के लोग संविधान बदलना चाहते हैं…उन्होंने इसकी मांग की है।’
उन्होंने कहा, ‘…और आप भी अगर उसी भाषा में बात करेंगे तो हम उससे सहमत नहीं होंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।’ खड़गे की आपत्ति के बाद केशव राव ने कहा कि संविधान में अब तक 105 बदलाव हो चुके हैं और इसलिए एक विचार आया कि क्यों न इसमें बदलाव किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘..इस पर चर्चा की जानी चाहिए।’
इसी कड़ी में उन्होंने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री ने ‘कुंठा’ में नहीं बल्कि बहुत सोच विचार करने के बाद देश के लिए एक नए संविधान की खोज करने के विचार को सामने रखने का फैसला किया है। कारण है कि हम जानते हैं कि आपके अधीन धर्मनिरपेक्षता का बुनियादी ढांचा, देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का बुनियादी ढांचा, राज्यपाल जैसे कार्यालयों व राज्यों की सूची जैसे और बुनियादी सिद्धांत जैसे बुनियादी ढांचे…सभी खतरे में हैं।’
सदन में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ खड़गे ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए टीआरएस नेता पर सरकार की भाषा में बोलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘अगर आप संविधान को बदलने की बात करते हैं तो हम पहले व्यक्ति होंगे जो इसका विरोध करेंगे। आप संविधान में संशोधन का सुझाव दे सकते हैं लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि संविधान को बुनियादी तौर पर बदल दिया जाए।’
उन्होंने कहा कि टीआएस का यह सुझाव सरकार के पक्ष में है क्योंकि ‘आरएसएस के लोग संविधान बदलना चाहते हैं…उन्होंने इसकी मांग की है।’
उन्होंने कहा, ‘…और आप भी अगर उसी भाषा में बात करेंगे तो हम उससे सहमत नहीं होंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।’ खड़गे की आपत्ति के बाद केशव राव ने कहा कि संविधान में अब तक 105 बदलाव हो चुके हैं और इसलिए एक विचार आया कि क्यों न इसमें बदलाव किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘..इस पर चर्चा की जानी चाहिए।’