Falcon 9 Crash: चंद्रमा पर फाल्कन 9 रॉकेट गिराने जा रही एलन मस्क की SpaceX, भारत का चंद्रयान-2 खींचेगा तस्वीर

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Falcon 9 Crash: चंद्रमा पर फाल्कन 9 रॉकेट गिराने जा रही एलन मस्क की SpaceX, भारत का चंद्रयान-2 खींचेगा तस्वीर


Falcon 9 Crash: चंद्रमा पर फाल्कन 9 रॉकेट गिराने जा रही एलन मस्क की SpaceX, भारत का चंद्रयान-2 खींचेगा तस्वीर

हाइलाइट्स

  • स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट को चंद्रमा पर गिराने जा रहा
  • 4 मार्च को चंद्रमा की सतह पर गिर सकता है फाल्कन 9 रॉकेट
  • भारत के इसरो का चंद्रयान-2 खींच सकता है रॉकेट गिरने की तस्वीरें

वॉशिंगटन: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अपने फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 Rocket) को चंद्रमा पर क्रैश (Falcon 9 Rocket Crash on Moon) करवाने जा रही है। इस रॉकेट के चार मार्च को चंद्रमा की सतह पर गिरने की उम्मीद है। बड़ी बात यह है कि इस घटना की तस्वीर भारत का चंद्रयान2 (Chandrayaan2) खींच सकता है। स्पेसएक्स ने फरवरी 2015 में फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए अपना पहला डीप-स्पेस मिशन लॉन्च किया था। बिना चालक दल के फाल्कन 9 ने फ्रीज के आकार की डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तक पहुंचाया है। अब इस रॉकेट में पृथ्वी पर लौटने और योजना के अनुसार एक तैरते हुए प्लेटफॉर्म पर उतरने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं है। ऐसे में स्पेसएक्स इस फाल्कन-9 रॉकेट को चंद्रमा पर गिराने की योजना पर काम कर रही है।

चंद्रमा पर गिरने से नहीं पैदा होगा कचरा
गाइड एस्ट्रोमेट्री सॉफ्टवेयर के निर्माता बिल ग्रे ने कहा कि फाल्कन-9 रॉकेट चंद्रमा की सतह पर क्रैश लैंड करेगा। इससे रॉकेट के मलबे से अंतरिक्ष में कचरे नहीं पैदा होंगे। अगर यह रॉकेट चंद्रमा पर बिना गिरे अंतरिक्ष में फट जाता है तो इससे कई सैटेलाइट्स को भारी खतरा पैदा हो सकता है। पहले ही धरती के चारों ओर करोड़ों की संख्या में अंतरिक्ष कचरे घूम रहे हैं। कुछ दिन पहले ही चीन का एक साइंस सैटेलाइट रूसी कचरे से टकराने से बाल-बाल बचा था। रूस ने पिछले साल अपने एक सैटेलाइट को एंटी सैटेलाइट वेपन से उड़ा दिया था।

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रॉकेट के गिरने की जगह की पहचान कर रहे वैज्ञानिक
ग्रे ने कहा कि डेटा से हमे पता चला है कि चार मार्च 2022 को 12:25:39 बजे अक्षांश +4.93, पूर्वी देशांतर 233.20 पर फॉल्कन-9 रॉकेट क्रैश हो सकता है। समय और स्थान में थोड़ा-बहुत अंतर आ सकता है। पेशेवर और शौकिया खगोलविद ग्रे के गाइड एस्ट्रोमेट्री सॉफ्टवेयर का उपयोग पृथ्वी के पास की वस्तुओं, क्षुद्रग्रहों, छोटे ग्रहों और धूमकेतुओं को ट्रैक करने के लिए करते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे यथासंभव सटीक स्थान की खोज के लिए काम कर रहे हैं। इससे नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर (एलआरओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान -2 फाल्कन-9 रॉकेट के गिरने की जगह और उससे बनी क्रेटर की तस्वीरें खींच सकेंगे।

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भारत का चंद्रयान-2 खींच सकता है तस्वीरें
स्काई ऑब्जर्वर्स का कहना है कि वे प्रभाव स्थान को यथासंभव सटीक रूप से निर्धारित करना चाहेंगे ताकि नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर (एलआरओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान -2 क्रेटर को ढूंढ सकें और उसकी तस्वीर खींच सकें। ग्रे ने कहा कि अगर हम नासा के एलआरओ या इसरो के चंद्रयान-2 को बता सकें कि यह रॉकेट कहां गिरेगा तो वे अपने सैटेलाइट्स को उन इलाकों पर फोकस रख सकते हैं। इससे हमें रॉकेट के गिरने के ताजा और प्रभावी तस्वीरें मिल सकती हैं।



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