लता मंगेशकर के लिए कट डेमो गाती थीं Kavita Krishnamurti, हेमा मालिनी और श्रीदेवी से है कनेक्‍शन

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लता मंगेशकर के लिए कट डेमो गाती थीं Kavita Krishnamurti, हेमा मालिनी और श्रीदेवी से है कनेक्‍शन


लता मंगेशकर के लिए कट डेमो गाती थीं Kavita Krishnamurti, हेमा मालिनी और श्रीदेवी से है कनेक्‍शन

‘बिजली गिराने हूं मैं आई, कहते हैं मुझको हवा हवाई…’ 90 के दशक में भारतीय सिनेमा की दुनिया में शायद ही ऐसी कोई भाषा थी, जिसमें कविता कृष्‍णमूर्ति (Kavita Krishnamurti) की सुरीली आवाज न गूंजी हो। बॉलिवुड को कविता कृष्‍णमूर्ति ने एक के बाद एक सुपरहिट सॉन्‍ग्‍स दिए। यह वह दौर था, जब हर फिल्‍म में कविता कृष्‍णमूर्ति का एक गाना जरूर रहता था। 25 जनवरी 1958 को दिल्‍ली में पैदा हुईं कविता कृष्‍णमूर्ति मंगलवार को अपना 63वां जन्‍मदिन मना रही हैं। 1995-1997 तक उन्‍हें लगातार बेस्‍ट सिंगर का फिल्‍मफेयर अवॉर्ड मिला। 2005 में भारत सरकार ने उन्‍हें पद्मश्री से सम्‍मानित किया। कविता जी ने 16 भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए। इनमें भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी ओर नेपाली के गाने भी शामिल हैं। 25 हजार से अध‍िक गीतो में कविता कृष्‍णमूर्ति के सुर आज भी समां बांध देते हैं। फिर चाहे ‘देवदास’ का ‘डोला रे डोला’ हो या ‘मोहरा’ का ‘तू चीज बड़ी है मस्‍त मस्‍त’, कविता जी ने हर अंदाज में गाने गाए और उस पर झूमने, उन्‍हें गुनगुनाने को मजबूर कर दिया। लेकिन जितनी दमदार उनकी सफलता है, उतनी ही दिलचस्‍प इस सफलता के पीछे की कहानी भी।

श्रीदेवी, कविता और हवा हवाई
अपने करियर की शुरुआत में कविता कृष्‍णमूर्ति कभी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और आशा भोसले के लिए कट डेमो गाया करती थीं। असल में किसी भी सॉन्‍ग को फाइनल करने से पहले स्‍ट्रगलिंग सिंगर्स से वो गाने गवाए जाते हैं। 80 के दशक में अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाली कविता कृष्‍णमूर्ति को 1987 में रिलीज ‘मिस्‍टर इंडिया’ के गानों ने सुपरस्‍टार सिंगर बनाया। श्रीदेवी (Sri Devi) के लिए जब उन्‍होंने ‘हवा हवाई’ और ‘करते हैं हम प्‍यार मिस्‍टर इंडिया से’ जैसे गानों को आवाज दी, तो हर किसी के जेहन में वह संगीत की सुरीली श्रीदेवी बन गईं। कविता कृष्‍णमूर्ति के करियर में लक्ष्‍मीकांत-प्‍यारेलाल का बहुत बड़ा योगदान है। ‘मिस्‍टर इंडिया’ के म्‍यूजिक डायरेक्‍टर भी यही थे। लेकिन कविता की इन दो दिग्‍गजों की मुलाकात कैसे हुई, यह जानना भी जरूरी है।

9 की उम्र लता मंगेशकर संग गाना
कविता कृष्‍णमूर्ति तमिल परिवार से ताल्‍लुक रखती हैं। उनके पिता टीएस कृष्‍णमूर्ति श‍िक्षा मंत्रालय में काम कर चुके हैं। दिलचस्‍प है कि जन्‍म के साथ
उनका नाम शारदा रखा गया था, जो बाद में बदलकर कविता हो गया। 9 साल की उम्र में ही उन्हें लता मंगेशकर के साथ गाने का मौका मिला था। यह गाना बांग्ला में था। मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ईकोनॉमिक्‍स में ग्रेजुएट कविता कृष्‍णमूर्ति ने बचपन से क्‍लासिकल म्‍यूजिक की ट्रेनिंग ली। कॉलेज में फेस्‍टव‍िल ‘मल्‍हार’ में वो परफॉर्म किया करती थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात हेमंत कुमार की बेटी रानू मुखर्जी से हुई थी। रानू ने कविता की मुलाकात अपने पिता से करवाई। हेमंत कुमार को कविता पसंद आईं और वह उन्‍हें अपने साथ लाइव परफॉर्मेंसेज में ले जाने लगे।


हेमा मालिनी की मां ने ऐसे बदली किस्‍मत
हेमंत कुमार के साथ कविता के एक ऐसे ही लाइव शो के दौरान मन्‍ना डे की नजर उन पर पड़ी। कविता कृष्‍णमूर्ति को उन्‍होंने अपने साथ टीवी विज्ञापनों के लिए जिंगल्‍स गाने के लिए नौकरी पर रखा। लेकिन इन सबसे आगे कविता की बॉलिुवड में एंट्री का सबसे बड़ा श्रेय हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती को जाता है। दरअसल, कविता की चाची प्रतिमा बनर्जी ने ही बचपन से ही अपनी भतीजी को क्‍लासिकल म्‍यूजिक सीखने के लिए सपोर्ट किया था। कविता की चाची हेमा मालिनी की मां जया को जानती थीं। इस तरह कविता की मुलाकात जया चक्रवर्ती से हुई, जिन्‍होंने सुरीली आवाज वाली कविता कृष्‍णमूर्ति को लक्ष्‍मीकांत प्‍यारेलाल से मिलवाया। यह साल था 1976 का।

कविता कृष्‍णमूर्ति और प्‍यारेलाल जी

ऐसे हुई बॉलिवुड में शुरुआत
साल 1980 में कविता कृष्णमूर्ति ने अपना पहला सॉन्‍ग ‘काहे को ब्याही’ मांग भरो सजना) गाया। 1985 में रिलीज फिल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ से कविता को बतौर सिंगर के रूप में बॉलीवुड में पहचान मिली। ‘कर्मा’ के गीत ‘ऐ वतन तेरे लिए’ में उनकी आवाज ने हर देशभक्‍त के रोंगटे खड़े कर दिए। आज भी यह गाना स्‍वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर खूब सुना जाता है।

सफलता की गाड़ी ने पकड़ी रफ्तार
साल 1987 में ‘मिस्‍टर इंडिया’ में श्रीदेवी की आवाज बनने के बाद कविता कृष्णमूर्ति की किस्‍मत खुल गई। फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ में ‘प्यार हुआ चुपके से’ गाकर कविता कृष्‍णमूर्ति ने साबित किया कि उनकी सफलता बस एक शुरुआत है। इस गाने को पंचम दा यानी आरडी बर्मन ने कंपोज किया था। इस तरह धीरे-धीरे ही सही कविता की सफलता की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ी और फिर उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

‘रामायण’ के कारण घर-घर में गूंजी आवाज
कविता कृष्‍णमूर्ति की पॉप्‍युलैरिटी सिर्फ फिल्‍मों तक नहीं थी। टीवी पर रामानंद सागर की ‘रामायण’ के पॉप्‍युलर गीत ‘हम कथा सुनाते प्रभु श्री राम की’ को भी उन्‍होंने अपनी अवाज दी। हर घर में कविता की आवाज गूंजने लगी।

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शादी की, पति के बच्‍चों को अपनाया
कविता कृष्णमूर्ति ने साल 1999 में शादी कर ली। उनके पति एल सुब्रमण्यम एक वायलिनिस्ट हैं। वह पहले से शादीशुदा थे। लेकिन उनकी पहली पत्‍नी का निधन हो चुका था। एल सुब्रमण्यम को पहली शादी से 4 बच्चे हैं। जबकि कविता की अपनी कोई संतान नहीं है। कविता कृष्‍णमूर्ति अपने पति एल सुब्रमण्‍यम के साथ मिलकर बेंगलुरु में एक म्‍यूजिक एकेडमी चलाती हैं। इसका नाम ‘सुब्रमण्‍यम एकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स’ है। इसकी शुरुआत 2007 में हुई। 2013 में कविता कृष्‍णमूर्ति ने अपना खुद का मोबाइल ऐप भी लॉन्‍च किया है।

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