Why Share Market Falling: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1545 अंक टूटा, जानिए क्यों आई इतनी भारी गिरावट! h3>
हाइलाइट्स
- सेंसेक्स सोमवार को 1,546 अंक का गोता लगाकर 58,000 अंक के नीचे आ गया
- सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे
- बजाज फाइनेंस का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा
- इसके अलावा टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे
मुंबई: वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच घरेलू बाजार में चौतरफा बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 1,546 अंक का गोता लगाकर 58,000 अंक के नीचे आ गया। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से भी बाजार धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा। बाजार में शुरुआत गिरावट के साथ हुई और दोपहर के कारोबार में बिकवाली और तेज हो गयी। लगभग सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,545.67 अंक यानी 2.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,491.51 पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 468.05 अंक यानी 2.66 प्रतिशत का गोता लगाकार 17,149.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे। बजाज फाइनेंस का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
अमेरिकी फेड और भू-राजनीतिक अनिश्चितता हैं गिरावट की बड़ी वजह
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशिया के अन्य बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच घरेलू बाजार गिरावट के साथ खुले। इसका कारण निवेशकों की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजर और भू-राजनीतिक अनिश्चितता है। दोपहर के कारोबार में बिकवाली में तेजी आयी क्योंकि दोनों सूचकांक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गये थे।’’
भारी बिकवाली से ढेर हुआ बाजार
उन्होंने कहा, ‘‘बिकवाली इतनी तेज थी कि दोनों मानक सूचकांक करीब 3-3 प्रतिशत नीचे आ गये। धारणा इतनी कमजोर थी कि कारोबारियों ने 14 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के 2.22 अरब डॉलर बढ़कर 634.96 अरब डॉलर पर पहुंचने के रिजर्व बैंक के आंकड़ों को भी नजरअंदाज किया।’’
दुनियाभर के बाकी बाजारों का क्या रहा हाल?
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया कॉस्पी नुकसान में, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत बढ़कर 88.17 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 3,148.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 19 पैसे टूटकर 74.62 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया।
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हाइलाइट्स
- सेंसेक्स सोमवार को 1,546 अंक का गोता लगाकर 58,000 अंक के नीचे आ गया
- सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे
- बजाज फाइनेंस का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा
- इसके अलावा टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,545.67 अंक यानी 2.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,491.51 पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 468.05 अंक यानी 2.66 प्रतिशत का गोता लगाकार 17,149.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे। बजाज फाइनेंस का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
अमेरिकी फेड और भू-राजनीतिक अनिश्चितता हैं गिरावट की बड़ी वजह
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशिया के अन्य बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच घरेलू बाजार गिरावट के साथ खुले। इसका कारण निवेशकों की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजर और भू-राजनीतिक अनिश्चितता है। दोपहर के कारोबार में बिकवाली में तेजी आयी क्योंकि दोनों सूचकांक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गये थे।’’
भारी बिकवाली से ढेर हुआ बाजार
उन्होंने कहा, ‘‘बिकवाली इतनी तेज थी कि दोनों मानक सूचकांक करीब 3-3 प्रतिशत नीचे आ गये। धारणा इतनी कमजोर थी कि कारोबारियों ने 14 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के 2.22 अरब डॉलर बढ़कर 634.96 अरब डॉलर पर पहुंचने के रिजर्व बैंक के आंकड़ों को भी नजरअंदाज किया।’’
दुनियाभर के बाकी बाजारों का क्या रहा हाल?
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया कॉस्पी नुकसान में, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत बढ़कर 88.17 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 3,148.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 19 पैसे टूटकर 74.62 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया।
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