कोटा में जहां था एयरपोर्ट, वहां बनेगा मिनी सचिवालय, 10 हैक्टेयर में फैली है यह जमीन

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कोटा में जहां था एयरपोर्ट, वहां बनेगा मिनी सचिवालय, 10 हैक्टेयर में फैली है यह जमीन

कोटा में जहां था एयरपोर्ट, वहां बनेगा मिनी सचिवालय, 10 हैक्टेयर में फैली है यह जमीन

हाइलाइट्स

  • कोटा एयरपोर्ट पर बनेगा मिनी सचिवालय
  • बाकी 150 हैक्टेयर जमीन पर होगा प्लांटेशन
  • नए एयरपोर्ट की जमीन का लैंड डायवर्जन शुल्क देगी राज्य सरकार
  • छह दिन के प्रवास पर कोटा आये यूडीएच मंत्री बोले मीडिया से

अर्जुन अरविंद, कोटा
गहलोत सरकार के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल छह दिन के कोटा प्रवास पर हैं। शनिवार को उन्होंने यूआईटी के निर्माण कार्यों का मंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया से मंत्री बोले, कोटा के मौजूदा एयरपोर्ट की 9 से 10 हैक्टेयर जमीन पर मिनी सचिवालय बनेगा। बाकी बची 150 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन पर सरकार प्लांटेशन में काम लेगी।

मंत्री ने आगे कहा एयरपोर्ट अथॉरिटी को मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन राज्य सरकार को देनी होगी। राज्य सरकार यह जमीन लेगी। मंत्री ने कहा कोई यह समझें कि यूआईटी यहां प्लाट कटेंगे, ऐसा नहीं होगा, मिनी सचिवालय को छोड़कर बाकी जमीन पर प्लांटेशन होगा।

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नए एयरपोर्ट को लेकर दी जानकारी
शंभूपुरा और तुलसी गांवों के अगल-बगल की वन विभाग और यूआईटी लैंड पर प्रस्तावित नए एयरपोर्ट के मसले में भी मंत्री ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट लैंड के डायवर्जन शुल्क राज्य सरकार देगी। राज्य सरकार की तरफ से इस काम में कोई देरी नहीं हो रही है। चिन्हित जमीन का कुछ हिस्सा वन भूमि हैं। राज्य सरकार ने नए एयरपोर्ट के लिए जमीन निःशुल्क दी हैं। वन भूमि के डायवर्जन शुल्क को भी राज्य की सरकार देगी। शुल्क 48 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसके लिए सरकार की ओर से राशि भी तैयार हैं।

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लैंड डायवर्जन के लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन आवेदन कर रखा हैं। लैंड डायवर्जन का काम केंद्र सरकार का हैं। मंत्रालय और उसके मंत्री तक इस तरह के मामले जाते हैं। केंद्र सरकार जैसे ही डिमांड नोट निकलेगा, राज्य सरकार शुल्क जमा करा देगी।

यूडीएच मंत्री ने कहा – ठेकेदारों पर जुर्माना लगाओ
इधर, आज जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा, अतिरिक्त कलेक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह, यूआईटी सचिव राजेश जोशी ने प्रस्तावित नए एयरपोर्ट जमीन का निरिक्षण किया। जिला कलेक्टर ने कहा कि यूआईटी की जमीन को सात दिन में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नाम कर दी जाएगी। वहीं मंत्री ने कोटा आने पर हर बार की तरह, अपना रुतबा यूआईटी के ठेकेदारों को दिखाया। एक बार फिर निर्माण कार्यों में देरी होती देख यूआईटी के अधिकारियों से कहा ठेकेदारों पर जुर्माना लगाओ।

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