आखिर 11 जनवरी की रात को क्या हुआ?,अलवर दरिंदगी मामले पर बीजेपी ने फिर बोला सरकार पर बोला हमला h3>
हाइलाइट्स
- अलवर दरिंदगी मामले पर बीजेपी ने सरकार पर बोला हमला
- कहा- सच छुपाने के लिए 100 झूठ बोल रही सरकार
- दाल में कुछ काला जरूर है, सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है- सतीश पूनिया
- आखिर 11 जनवरी की रात को क्या हुआ, अलवर पुलिस को अभी तक पता नहीं
रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर
11 जनवरी को अलवर में नाबालिग लड़की के साथ दरिंदगी मामले में पुलिस के हाथ आज भी खाली है। पिछले दस दिनों में पुलिस दस कदम भी आगे नहीं बढ सकी है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस यह भी पता नहीं लगा पाई कि आखिर 11 जनवरी की रात को नाबालिग के साथ हुआ क्या था। भाजपा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। एक सच को छुपाने के लिए सरकार 100 झूठ बोल रही है। सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार और पुलिस बार बार अपने बयानों से यू-टर्न ले रहे हैं। यह आश्चर्यजनक है।
दाल में कुछ काला जरूर है… पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में भी जानबूझकर शिथिलता बरत रही है। सरकार और पुलिस अधिकारी बार बार अपने बयानों से यू-टर्न ले रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि दाल में कुछ काला जरूर है और राज्य सरकार अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। घटना के अगले दिन पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रतीत हो रहा है।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
दुष्कर्म पीड़िता को प्रतिकार योजना के मिलने वाली राशि भी राज्य सरकार ने पीड़िता के परिजनों को दे दी। इसके बाद में अलवर एसपी का बयान आता है कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं है और बाद में एसपी खुद कहती है कि दुष्कर्म की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एसपी के इस तरह के बयानों से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है।
गहलोत के मंत्री ने तोड़ा कोविड प्रोटोकॉल, सवाल पूछा तो आ गया गुस्सा- बोले केस कर दो
आखिर 11 जनवरी की रात को क्या हुआ, अलवर पुलिस को अभी तक पता नहीं
नाबालिग मूक बधिर बालिका के साथ दरिंदगी मामले को दस दिन गुजरने के बाद भी अलवर पुलिस यह पता लगाने में नाकाम रही कि आखिर उस रात हुआ क्या था। अगर दरिंदगी नहीं हुई तो नाबालिक के प्राइवेट पार्ट पर गहरी चोटें कैसे लगी। अगर कोई हादसा हुआ है तो क्या सिर्फ प्राइवेट पार्ट पर ही चोटें लगना संभव है जबकि उसके बाकि शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं है।
सीन रीक्रिएट करके जांच की गई
हालांकि पुलिस को घटना स्थल तिजारा पुलिया के पास कुछ सीसीटीवी फुटेज जरूर मिले हैं लेकिन उससे भी वास्तविक घटना के बारे में पता नहीं लगा है। दो दिन पहले अलवर पुलिस ने लोक परिवहन बस और मोटरसाइकिल को लेकर घटना का सीन रीक्रिएट करके जांच की थी, साथ में एफएसएल के अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बावजूद भी मामले का खुलासा नहीं हो पाया है
राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केन्द्र को भेजी अनुशंसा
इस मामले को लेकर राज्य सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। विपक्ष सहित तमाम सामाजिक संगठनों ने भी घटना की निंदा करते हुए वारदात का खुलासा करने की मांग की। चार दिन पहले राज्य सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया। राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा भेज दी है।
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हाइलाइट्स
- अलवर दरिंदगी मामले पर बीजेपी ने सरकार पर बोला हमला
- कहा- सच छुपाने के लिए 100 झूठ बोल रही सरकार
- दाल में कुछ काला जरूर है, सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है- सतीश पूनिया
- आखिर 11 जनवरी की रात को क्या हुआ, अलवर पुलिस को अभी तक पता नहीं
11 जनवरी को अलवर में नाबालिग लड़की के साथ दरिंदगी मामले में पुलिस के हाथ आज भी खाली है। पिछले दस दिनों में पुलिस दस कदम भी आगे नहीं बढ सकी है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस यह भी पता नहीं लगा पाई कि आखिर 11 जनवरी की रात को नाबालिग के साथ हुआ क्या था। भाजपा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। एक सच को छुपाने के लिए सरकार 100 झूठ बोल रही है। सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार और पुलिस बार बार अपने बयानों से यू-टर्न ले रहे हैं। यह आश्चर्यजनक है।
दाल में कुछ काला जरूर है… पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में भी जानबूझकर शिथिलता बरत रही है। सरकार और पुलिस अधिकारी बार बार अपने बयानों से यू-टर्न ले रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि दाल में कुछ काला जरूर है और राज्य सरकार अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। घटना के अगले दिन पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रतीत हो रहा है।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
दुष्कर्म पीड़िता को प्रतिकार योजना के मिलने वाली राशि भी राज्य सरकार ने पीड़िता के परिजनों को दे दी। इसके बाद में अलवर एसपी का बयान आता है कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं है और बाद में एसपी खुद कहती है कि दुष्कर्म की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एसपी के इस तरह के बयानों से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है।
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आखिर 11 जनवरी की रात को क्या हुआ, अलवर पुलिस को अभी तक पता नहीं
नाबालिग मूक बधिर बालिका के साथ दरिंदगी मामले को दस दिन गुजरने के बाद भी अलवर पुलिस यह पता लगाने में नाकाम रही कि आखिर उस रात हुआ क्या था। अगर दरिंदगी नहीं हुई तो नाबालिक के प्राइवेट पार्ट पर गहरी चोटें कैसे लगी। अगर कोई हादसा हुआ है तो क्या सिर्फ प्राइवेट पार्ट पर ही चोटें लगना संभव है जबकि उसके बाकि शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं है।
सीन रीक्रिएट करके जांच की गई
हालांकि पुलिस को घटना स्थल तिजारा पुलिया के पास कुछ सीसीटीवी फुटेज जरूर मिले हैं लेकिन उससे भी वास्तविक घटना के बारे में पता नहीं लगा है। दो दिन पहले अलवर पुलिस ने लोक परिवहन बस और मोटरसाइकिल को लेकर घटना का सीन रीक्रिएट करके जांच की थी, साथ में एफएसएल के अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बावजूद भी मामले का खुलासा नहीं हो पाया है
राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केन्द्र को भेजी अनुशंसा
इस मामले को लेकर राज्य सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। विपक्ष सहित तमाम सामाजिक संगठनों ने भी घटना की निंदा करते हुए वारदात का खुलासा करने की मांग की। चार दिन पहले राज्य सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया। राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा भेज दी है।