इस्तीफे से लेकर अखिलेश से मुलाकात तक, स्वामी और दारा की योगी कैबिनेट से एक जैसी एग्जिट h3>
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 24 घंटे के अंदर योगी सरकार के दो मंत्रियों के इस्तीफे ने सियासत में हलचल पैदा कर दी है। पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और फिर अगले दिन दारा सिंह ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। राजनीतिक गलियारों में अब दोनों नेताओं की चिट्ठी में मैच करती एक जैसी भाषा को लेकर चर्चा है। भाजपा छोड़ने से लेकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने तक दोनों नेताओं की एग्जिट एक जैसी है। मंत्री और विभाग के नाम को छोड़ दें तो दोनों नेताओं ने राज्यपाल को भेजे त्यागपत्र में एक जैसी बातें ही लिखी हैं।
मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफे के बाद जिस तरह से अखिलेश के साथ फोटो खिंचवाई थी, ठीक उसी तरह दारा सिंह भी इस्तीफा देने के बाद अखिलेश से मुलाकात करने पहुंचे और उनके साथ फोटो खिंचवाई। दोनों नेताओं ने अखिलेश के साथ फोटो भी एक ही जगह पर खिंचवाई है। उधर अखिलेश यादव भी दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद फोटो को अपने ट्वीटर हैंडल से ट्विट कर चुके हैं। अखिलेश यादव ने भी दोनों नेताओं का करीब-करीब एक जैसे ट्विट करके सपा में स्वागत किया। आपको बता दें कि दो मंत्रियों के अलावा तीन विधायक भी भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघिमत्रा मौर्य के भी भाजपा छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन संघमित्रा ने इस पर विराम लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह फिलहाल भाजपा में हैं और वहीं रहेंगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य की चिट्ठी
राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में मंत्री ने कहा, महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वाहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।
दारा सिंह चौहान की चिट्ठी
राज्यपाल को भेजे त्यागपत्र में दारा सिंह ने लिखा, मैंने पूरे मनोयोग से अपने विभाग की बेहतरी के लिए काम किया, लेकिन योगी सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।
दारा सिंह भी बसपा छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह दारा सिंह चौहान भी बीजेपी में आने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता था। 2015 में वह बसपा का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। तीन के बार के सांसद को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थई। चौहान को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष भी बनाया गया। मधुबन विधानसभा सीट से जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 24 घंटे के अंदर योगी सरकार के दो मंत्रियों के इस्तीफे ने सियासत में हलचल पैदा कर दी है। पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और फिर अगले दिन दारा सिंह ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। राजनीतिक गलियारों में अब दोनों नेताओं की चिट्ठी में मैच करती एक जैसी भाषा को लेकर चर्चा है। भाजपा छोड़ने से लेकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने तक दोनों नेताओं की एग्जिट एक जैसी है। मंत्री और विभाग के नाम को छोड़ दें तो दोनों नेताओं ने राज्यपाल को भेजे त्यागपत्र में एक जैसी बातें ही लिखी हैं।
मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफे के बाद जिस तरह से अखिलेश के साथ फोटो खिंचवाई थी, ठीक उसी तरह दारा सिंह भी इस्तीफा देने के बाद अखिलेश से मुलाकात करने पहुंचे और उनके साथ फोटो खिंचवाई। दोनों नेताओं ने अखिलेश के साथ फोटो भी एक ही जगह पर खिंचवाई है। उधर अखिलेश यादव भी दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद फोटो को अपने ट्वीटर हैंडल से ट्विट कर चुके हैं। अखिलेश यादव ने भी दोनों नेताओं का करीब-करीब एक जैसे ट्विट करके सपा में स्वागत किया। आपको बता दें कि दो मंत्रियों के अलावा तीन विधायक भी भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघिमत्रा मौर्य के भी भाजपा छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन संघमित्रा ने इस पर विराम लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह फिलहाल भाजपा में हैं और वहीं रहेंगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य की चिट्ठी
राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में मंत्री ने कहा, महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वाहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।
दारा सिंह चौहान की चिट्ठी
राज्यपाल को भेजे त्यागपत्र में दारा सिंह ने लिखा, मैंने पूरे मनोयोग से अपने विभाग की बेहतरी के लिए काम किया, लेकिन योगी सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।
दारा सिंह भी बसपा छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह दारा सिंह चौहान भी बीजेपी में आने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता था। 2015 में वह बसपा का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। तीन के बार के सांसद को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थई। चौहान को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष भी बनाया गया। मधुबन विधानसभा सीट से जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।