जोकोविच की कानूनी जीत: वीजा रद्द मामले पर कोर्ट से बड़ी राहत, ऑस्ट्रेलिया सरकार अब भी अड़ी h3>
नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलियाई ओपन शुरू होने से ही नोवाक जोकोविच जीत गए। यह जंग कोर्ट के बाहर ऑस्ट्रेलिया सरकार से थी। अपना खिताब बचाने मेलबर्न पहुंचे दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था। वीजा रद्द कर दिया गया। इधर जोकोविच भी अड़ गए। पांच रात डिटेंशन सेंटर में गुजारनी पड़ी। अब कोरोना वैक्सीन से जुड़े पूरे मसले पर जोकोविच को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
वीजा रद्द न करने के आदेश
सोमवार को हुई इस अहम सुनवाई में जजों ने जोकोविच के पक्ष में फैसला सुनाते हुए वीजा रद्द न करने के आदेश दिए। साथ ही उन्हें तुरंत डिटेंशन सेंटर से हटाकार किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया। इसका मतलब यह कि अब डिफेंडिंग चैंपियन और सर्वाधिक नौ बार के विजेता जोकोविच ऑस्ट्रेलियाई ओपन में अपने 10वें खिताब के लिए जान लड़ाते नजर आएंगे।
ऑनलाइन सुनवाई में क्या हुआ?
भारतीय समयानुसार सुबह 4.30 बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई। जिसके बाद कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग क्रैश कर गई, हालांकि कुछ देर बाद इसे दुरुस्त भी कर लिया गया। एक जज ने जोकोविच के वकील निक वुड से पूछा, ‘सवाल यह है कि वह और क्या कर सकते थे।’ जोकोविच के वकील ने स्वीकार किया कि वह और कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जोकोविच ने अधिकारियों की समझाने की काफी कोशिश की कि ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के लिए वह जो कुछ कर सकते थे, उन्होंने किया।
ऑस्ट्रेलिया सरकार अब भी अड़ी
कोर्ट के आदेश के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई सरकार के गृह मंत्री अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार के पास अभी भी जोकोविच को ऑस्ट्रेलिया से बाहर भेजने की ताकत है। सभी के लिए नियम-कानून बराबर है, इसके तहत वीजा रद्द भी किया जा सकता है। ऐसे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
17 जनवरी से ऑस्ट्रेलियाई ओपन की शुरुआत
बेलग्रेड में जोकोविच के समर्थन में उनके फैंस ने एक रैला निकाली, जिसमें माता-पिता ने भी हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलियाई ओपन 17 जनवरी से शुरू होगा। जोकोविच की मां याना जोकोविच ने कहा, ‘आज बड़ा दिन था। आज पूरी दुनिया ने सच्चाई सुनी। साथ ही उन्होंने जोकोविच के साथ अमानवीय व्यव्हार का आरोप भी लगाया। उनकी मां ने कहा कि, ‘नोवाक को जिस होटल में रखा गया था, वहां उसने नाश्ता तक नहीं किया। वह कमरे के बाहर नहीं निकल सकता या पार्क की तरफ देख नहीं सकता था।’
क्या है पूरा मामला?
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 5 दिसंबर को मेलबर्न पहुंचते ही उनका वीजा रद्द कर दिया था क्योंकि कोरोना टीकाकरण नियमों में मेडिकल छूट पाने के मानदंडों पर वह खरे नहीं उतरते थे। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया आने वाले हर नागरिकों को कोविड-19 के दोनों डोज लगे होने जरूरी है। मगर जोकोविच का तर्क था कि उन्हें वैक्सीन सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास सबूत है कि वह पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव हुए थे और उनके पास एंटीबॉडी है। जिसके बाद जोकोविच ने अपने निर्वासन और वीजा रद्द किए जाने को ऑस्ट्रेलिया के फेडरल सर्किंट और फैमिली कोर्ट में चुनौती दी है।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन शुरू होने से ही नोवाक जोकोविच जीत गए। यह जंग कोर्ट के बाहर ऑस्ट्रेलिया सरकार से थी। अपना खिताब बचाने मेलबर्न पहुंचे दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था। वीजा रद्द कर दिया गया। इधर जोकोविच भी अड़ गए। पांच रात डिटेंशन सेंटर में गुजारनी पड़ी। अब कोरोना वैक्सीन से जुड़े पूरे मसले पर जोकोविच को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
वीजा रद्द न करने के आदेश
सोमवार को हुई इस अहम सुनवाई में जजों ने जोकोविच के पक्ष में फैसला सुनाते हुए वीजा रद्द न करने के आदेश दिए। साथ ही उन्हें तुरंत डिटेंशन सेंटर से हटाकार किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया। इसका मतलब यह कि अब डिफेंडिंग चैंपियन और सर्वाधिक नौ बार के विजेता जोकोविच ऑस्ट्रेलियाई ओपन में अपने 10वें खिताब के लिए जान लड़ाते नजर आएंगे।
ऑनलाइन सुनवाई में क्या हुआ?
भारतीय समयानुसार सुबह 4.30 बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई। जिसके बाद कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग क्रैश कर गई, हालांकि कुछ देर बाद इसे दुरुस्त भी कर लिया गया। एक जज ने जोकोविच के वकील निक वुड से पूछा, ‘सवाल यह है कि वह और क्या कर सकते थे।’ जोकोविच के वकील ने स्वीकार किया कि वह और कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जोकोविच ने अधिकारियों की समझाने की काफी कोशिश की कि ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के लिए वह जो कुछ कर सकते थे, उन्होंने किया।
ऑस्ट्रेलिया सरकार अब भी अड़ी
कोर्ट के आदेश के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई सरकार के गृह मंत्री अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार के पास अभी भी जोकोविच को ऑस्ट्रेलिया से बाहर भेजने की ताकत है। सभी के लिए नियम-कानून बराबर है, इसके तहत वीजा रद्द भी किया जा सकता है। ऐसे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
17 जनवरी से ऑस्ट्रेलियाई ओपन की शुरुआत
बेलग्रेड में जोकोविच के समर्थन में उनके फैंस ने एक रैला निकाली, जिसमें माता-पिता ने भी हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलियाई ओपन 17 जनवरी से शुरू होगा। जोकोविच की मां याना जोकोविच ने कहा, ‘आज बड़ा दिन था। आज पूरी दुनिया ने सच्चाई सुनी। साथ ही उन्होंने जोकोविच के साथ अमानवीय व्यव्हार का आरोप भी लगाया। उनकी मां ने कहा कि, ‘नोवाक को जिस होटल में रखा गया था, वहां उसने नाश्ता तक नहीं किया। वह कमरे के बाहर नहीं निकल सकता या पार्क की तरफ देख नहीं सकता था।’
क्या है पूरा मामला?
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 5 दिसंबर को मेलबर्न पहुंचते ही उनका वीजा रद्द कर दिया था क्योंकि कोरोना टीकाकरण नियमों में मेडिकल छूट पाने के मानदंडों पर वह खरे नहीं उतरते थे। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया आने वाले हर नागरिकों को कोविड-19 के दोनों डोज लगे होने जरूरी है। मगर जोकोविच का तर्क था कि उन्हें वैक्सीन सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास सबूत है कि वह पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव हुए थे और उनके पास एंटीबॉडी है। जिसके बाद जोकोविच ने अपने निर्वासन और वीजा रद्द किए जाने को ऑस्ट्रेलिया के फेडरल सर्किंट और फैमिली कोर्ट में चुनौती दी है।