Shahdol News: सीडीएस बिपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली गए उनके साले, इधर प्रशासन ने उनकी जमीन पर चला दिया बुलडोजर, भोपाल तक मचा हड़कंप

234
Shahdol News: सीडीएस बिपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली गए उनके साले, इधर प्रशासन ने उनकी जमीन पर चला दिया बुलडोजर, भोपाल तक मचा हड़कंप

Shahdol News: सीडीएस बिपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली गए उनके साले, इधर प्रशासन ने उनकी जमीन पर चला दिया बुलडोजर, भोपाल तक मचा हड़कंप

हाइलाइट्स

  • स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के साले का बड़ा आरोप
  • बिना अधिग्रहण किए और मुआवजा दिए उनकी जमीन पर चलाया बुलडोजर
  • सड़क निर्माण का काम तब शुरू हुआ, जब जनरल रावत और उनकी पत्नी का हो रहा था अंतिम संस्कार

शहडोल
देश के प्रथम सीडीएस स्व विपिन रावत के साले का सोसल मीडिया में बयान के बात मचा हड़कंप,साले यशवर्धन का आरोप जब जीजा -दीदी को दे रहे थे अंतिम विदाई तब प्रशासन ने उनके जमीन पर चलाया बुल्डोजर, गृहमंत्री सहित कलक्टर, एसपी का बयान आया सामने

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का जिस समय अंतिम संस्कार हो रहा था, उसी समय शहडोल में उनकी ससुराल की जमीन पर सरकार बुलडोजर चलवा रही थी। जनरल रावत के साले और उनकी पत्नी के भाई यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर जब यह खुलासा किया तो शहडोल से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया। एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके परिवार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। शहडोल के कलेक्टर और एलपी ने भी कहा है कि फिलहाल काम को रोक दिया गया है।

बिना अधिग्रहण के शुरू हो गया सड़क निर्माण
शहडोल जिले के सोहागपुर गढ़ी में यशवर्धन सिंह की जमीन है। इस पर एमपीआरडीसी NH 43 बाईपास सड़क निर्माण का कार्य कर रही है। इसके लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण करने के बाद उन्हें मुआवजा भी दिया गया है। यशवर्धन सिंह ने आरोप लगाया है कि सड़क का कुछ हिस्सा ऐसी जमीन में आ रहा है, जिसका न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। उन्होंने बताया कि इस बारे में उनकी पहले भी स्थानीय अधिकारियों से बात हुई थी। इसी बीच उनकी बहन और जीजाजी की मौत हो गई और उन्हें दिल्ली आना पड़ा। उधर, बिना उनकी जानकारी के प्रशासन ने जमीन पर बुलडोजर चला दिया।

शासन की ओर से नहीं मिला कोई नोटिस
2015 में नेशनल हाईवे क्रमांक 43 कटनी से झारखंड के गुमला तक जो रोड बननी थी, वह रोड यशवर्धन सिंह के सुहागपुर स्थित निवास के कैंपस से होकर निकल रही थी। इसका मुआवजा निर्धारण 2015 में हो चुका था, लेकिन सड़क का निर्माण 2020 में शुरू हुआ। यशवर्धन सिंह का आरोप है कि बिना नोटिस दिए उनके जमीन में सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। वो भी तब जब वे अपने जीजा विपिन रावत व बहन मधुलिका को दिल्ली में अंतिम विदाई दे रहे थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि अवैध रूप से समाधियों को नष्ट कर व पेड़ों को काटकर नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर लगाई न्याय की गुहार
शासन के रवैये से आहत होकर यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई। उनका पोस्ट वायरल होते ही हड़कंप मच गया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि यशवर्धन सिंह की समस्या के बारे में उन्हें पता चला है। उन्होंने इस विषय में शहडोल के एसपी से बातचीत की है और निर्देश दिए हैं कि उनकी जानकारी के बिना पुलिस किसी भी तरह का कोई कदम उनके या उनके परिवार के खिलाफ नहीं उठाए। उन्होंने खुद पूरे मामले को देखने और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

गृह मंत्री के निर्देश के बाद रुका निर्माण कार्य
इस मामले में शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य का कहना है कि वे तहसीलदार और संबंधित अधिकारियों को मौके पर भेजकर जांच कराएंगी। फिलहाल सड़क के निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। शहडोल के एसपी अवधेश गोस्वामी का भी कहना है कि पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक दिनेश कुमार स्वर्णकार का कहना है कि यशवर्धन सिंह के पूर्वजों की समाधि स्थल की भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस पर सड़क निर्माण का काम भी डेढ़ महीने पहले शुरू किया गया था। उन्होंने माना है कि यशवर्धन सिंह की कुछ जमीन सड़क में आ रही है। उसकी अधिग्रहण की प्रक्रिया चालू है।

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News