MP Panchayat Chunav Latest Update : हाईकोर्ट से एमपी पंचायत चुनाव पर रोक नहीं, क्यों हो रही है रद्द करने की मांग h3>
हाइलाइट्स
- एमपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
- पांच लोगों ने हाईकोर्ट में रोक लगाने को लेकर लगाई थी याचिका
- सात जनवरी को इस मामले में अब होगी अगली सुनवाई, याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी
- विवेक तन्खा इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
जबलपुर
एमपी (Madhya Pradesh Today News) में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के लिए दायर पांच याचिकाओं पर गुरुवार को एमपी हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
चुनाव पर रोक लगाने कि लिए दायर हुई पांच याचिका भोपाल निवासी मनमोहन नायर, नरसिंहपुर निवासी संदीप पटेल और भिंड से जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया सहित अन्य पांच याचिकाओं में तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने पूर्व की तरह आरक्षण लागू कर चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है। सरकार ने इस अध्यादेश को कांग्रेस शासनकाल में निर्धारित आरक्षण को निरस्त कर लागू किया गया है। प्रदेश सरकार का यह आध्यादेश पंचायत चुनाव एक्ट का उल्लंघन करता है। इसलिए इस चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए।
इसके साथ ही याचिका में कहा गया था कि पंचायत एक्ट में रोटेशन व्यवस्था का प्रावधान है। पूर्व की तरह आरक्षण करना पंचायम एक्ट की रोटेशन व्यवस्था के खिलाफ है। इसके अलावा 2018 में निवाड़ी जिला का गठन किया गया है। बिना सीमांकन किए नए जिले में पंचायत चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं। जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद भी रोटेशन प्रक्रिया के तहत निर्धारित करने का प्रावधान है।
हाईकोर्ट में 40 मिनट हुई सुनवाई
युगलपीठ ने लगभग 40 मिनट सुनवाई करने के बाद चुनाव प्रक्रिया में रोक लगाने से इनकार कर दिया। युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, पूर्व महाधिवक्ता शशंक शेखर और हिमांशु मिश्रा ने पैरवी की।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर करेंगे याचिका
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। युगलपीठ का तर्क था कि पूर्व में ग्वालियर बेंच ने पंचायत चुनाव संबंधित चुनाव की सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव में रोक लगाने की अंतरित राहत देने से इनकार कर दिया था। ग्वालियर बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायिक अनुशासन के कारण दूसरे बेंच इस मामले में अलग व्यू नहीं ले सकती है। तन्खा ने बताया कि इस संबंध में वह सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News
हाइलाइट्स
- एमपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
- पांच लोगों ने हाईकोर्ट में रोक लगाने को लेकर लगाई थी याचिका
- सात जनवरी को इस मामले में अब होगी अगली सुनवाई, याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी
- विवेक तन्खा इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
एमपी (Madhya Pradesh Today News) में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के लिए दायर पांच याचिकाओं पर गुरुवार को एमपी हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
चुनाव पर रोक लगाने कि लिए दायर हुई पांच याचिका भोपाल निवासी मनमोहन नायर, नरसिंहपुर निवासी संदीप पटेल और भिंड से जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया सहित अन्य पांच याचिकाओं में तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने पूर्व की तरह आरक्षण लागू कर चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है। सरकार ने इस अध्यादेश को कांग्रेस शासनकाल में निर्धारित आरक्षण को निरस्त कर लागू किया गया है। प्रदेश सरकार का यह आध्यादेश पंचायत चुनाव एक्ट का उल्लंघन करता है। इसलिए इस चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए।
इसके साथ ही याचिका में कहा गया था कि पंचायत एक्ट में रोटेशन व्यवस्था का प्रावधान है। पूर्व की तरह आरक्षण करना पंचायम एक्ट की रोटेशन व्यवस्था के खिलाफ है। इसके अलावा 2018 में निवाड़ी जिला का गठन किया गया है। बिना सीमांकन किए नए जिले में पंचायत चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं। जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद भी रोटेशन प्रक्रिया के तहत निर्धारित करने का प्रावधान है।
हाईकोर्ट में 40 मिनट हुई सुनवाई
युगलपीठ ने लगभग 40 मिनट सुनवाई करने के बाद चुनाव प्रक्रिया में रोक लगाने से इनकार कर दिया। युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, पूर्व महाधिवक्ता शशंक शेखर और हिमांशु मिश्रा ने पैरवी की।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर करेंगे याचिका
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। युगलपीठ का तर्क था कि पूर्व में ग्वालियर बेंच ने पंचायत चुनाव संबंधित चुनाव की सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव में रोक लगाने की अंतरित राहत देने से इनकार कर दिया था। ग्वालियर बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायिक अनुशासन के कारण दूसरे बेंच इस मामले में अलग व्यू नहीं ले सकती है। तन्खा ने बताया कि इस संबंध में वह सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।