जिंदा हो रही कश्मीरियत: श्रीनगर की इस झील में फिर बढ़ी रौनक, 30 साल से थी सूखने की कगार पर

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जिंदा हो रही कश्मीरियत: श्रीनगर की इस झील में फिर बढ़ी रौनक, 30 साल से थी सूखने की कगार पर


जिंदा हो रही कश्मीरियत: श्रीनगर की इस झील में फिर बढ़ी रौनक, 30 साल से थी सूखने की कगार पर

जम्मू-कश्मीर की समर कैपिटल श्रीनगर में 30 साल से सूखी पड़ी एक झील को नई जिंदगी मिली है। स्थानीय लोगों, सरकार और पर्यावरणविदों की मदद से ऐसा हो पाया है। पुराने श्रीनगर शहर के इलाके हवाल और जदिबाल में स्थित कुशल सर झील तीन दशकों से सूखी पड़ी थी। लेकिन अब जाकर इसमें भी रौनक लौट आई है। यह झील भी श्रीनगर में मौजूद परंपरात डल, नाइजीन, गिलसर और अंचार झीलों जैसी ही है। तीन महीने पहले ही इस झील का हाल यह था कि लोग इसकी सतह पर उतर जाते थे और मिट्टी फटी हुई दिखती थी। झील के अंदर तमाम झाड़ियां भी उग आई थीं। यहां तक कि सीवेज का पानी भी जाने लगा था।

सीवेज, प्लास्टिक समेत तमाम कचरा इसमें डंप होने लगा था और कई लोगों ने इसका अतिक्रमण भी कर लिया था। अब यह झील एक बार फिर से अपने वास्तविक रूप में लौट आई है। फरवरी के आखिरी दिनों में नाइजीन लेक कन्जरवेशन ऑर्गनाइजेशन ने झील की सफाई का अभियान शुरू किया था। संस्थान ने नाव, मशीनें, वर्कर्स आदि को रखा और यह काम शुरू किया गया। एनजीओ के इस प्रयास को डिविजनल एडमिनिस्ट्रेशन ने भी पूरा सपोर्ट किया। कचरे को उठाने के लिए ट्रक आदि मुहैया कराए गए। एनजीओ के चेयरमैन मंजूर वांगनू ने कहा कि उन्होंने एक वीडियो में झील का वॉटर लेवल देखा था, जिससे वह हैरान रह गए कि वॉटर लेवल कितना नीचे गिर गया है।

वांगनू ने कहा कि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि हमारे पास कुशल सर जैसी झील है, वह खत्म होने के कगार पर पहुंच गई  है। इस झील में मरे हुए जानवर, उनकी खालें, पॉलिथीन, घास, झाड़ियां थीं। इसके अलावा अतिक्रमण भी शुरू हो चुका था। वांगनू ने कहा कि मैंने डिविजनल कमिश्नर से बात की और झील को साफ करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रशासन से बात की और कहा कि इस झील को साफ करना चाहता हूं। इसमें आपका सहयोग चाहिए क्योंकि अतिक्रमण करने वाले लोगों का डर है। इसके बाद हम नावें लाए, मजदूर बुलाए गए और वॉलंटियर्स ने अपना योगदान दिया। इसके अलावा प्रशासन ने हमें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई। वहीं श्रीनगर नगर निकाय की ओर से कचरे को उठाने के लिए ट्रकों की सुविधा मुहैया कराई गई।

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