कोरोना के ये चार वेरिएंट्स भारत के लिए हो सकते हैं खतरनाक, एक्सपर्ट्स आखिर क्यों दे रहे चेतावनी
हाइलाइट्स:
- डेल्टा प्लस के अलावा दूसरे वेरिएंट्स भी भारत के लिए हो सकते हैं खतरनाक
- WHO प्रमुख ने कहा भारत में पाया गया डेल्टा वेरिएंट अब तक का सबसे संक्रामक
- अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की शुरुआत के बाद फिर बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
नई दिल्ली
देश में कोरोना के मामले कम हुए हैं लेकिन इसी बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता जता रहे हैं साथ ही उनका मानना है कि डेल्टा प्लस (B.1.617.2.1 या AY.1) के अलावा कोविड -19 के कम से कम चार नए और वेरिएंट जिससे संक्रमण का खतरा काफी अधिक है। इन चार वेरिएंट पर पर बारीक नजर रखनी होगी। जिस वेरिएंट पर नजर रखने की बात की जा रही है उसमें उसमें B.1.617.3, डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2), B.1.1.318 और Lambda(C.37) है। कोरोना का लैम्बडा वेरिएंट कई देशों में पाया गया है।
भारत में लैम्बडा वेरिएंट का खतरा
कोरोना के कापा वेरिएंट (B1.617.1) पर भी नजर रखने की आवश्यकता है, हालांकि यह डेल्टा या डेल्टा प्लस की तुलना में अब तक कम संक्रामक रहा है। कोरोना के B.1.617.3 और B.1.1.1.318 भारत में पहले से मौजूद हैं, लैम्बडा वेरिएंट का कोई मामला भारत में फिलहाल नहीं पाया गया है। लेकिन यह दुनिया के दूसरे देशों में तेजी से फैल रहा है और विशेषज्ञों को डर है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की शुरुआत भारत में लैम्बडा सहित नए वेरिएंट का कॉकटेल ला सकती है। ऐसे में कोरोना के उभरते हुए रूपों की पहचान करने और समाधान खोजने के लिए अधिक जीनोमिक निगरानी का भी जरूरत है।
भारत में नहीं आया कोई मामला सामने
यशोदा अस्पताल, हैदराबाद के सलाहकार चिकित्सक डॉ विघ्नेश नायडू वाई के अनुसार, वायरस के म्यूटेशन और जैसे जैसे वो मल्टीप्लाई होते है उसके मूल आनुवंशिक में कुछ त्रुटियां हैं। म्यूटेशन के बाद वायरस के फैलने और संक्रमित करने की रफ्तार बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इसके जीनोम सीक्वेंसिंग और बढ़ाने की जरूरत है। इंग्लैंड की स्वास्थ्य एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने लैम्बडा कोरोना वायरस के इस वेरिएंट पर निगरानी रखने की बात कही है क्योंकि इसके कई देशों से मामले सामने आए हैं। वर्तमान में, भारत में लैम्बडा के किसी भी मामले का पता नहीं चला है, जीनोम सीक्वेंसिंग के बढ़ने पर इसका पता चल सकता है। डॉ. एम खाजा ने चेतावनी दी कि है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात की बहाली लैम्बडा जैसे नए वरिएंट ला सकती है।
कोरोना के इस वेरिएंट का बढ़ता खतरा
GISAID डेटा से पता चलता है कि लैम्बडा के कई मामले दुनिया भर में सामने आए हैं। इनमें से कोई भी भारत से नहीं है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड पीएचई ने अपनी 25 जून की रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि लैम्बडा में संक्रमण बढ़ाने और एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने की क्षमता है। लैम्बडा के म्यूटेशन जिसमें G75V, T76I, L452Q, F490S, D614G और T859N शामिल हैं। लैम्बडा के खिलाफ मौजूदा कोरोना टीकों की क्षमता का परीक्षण करने की भी जरूरत है। डॉ विघ्नेश ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि उभरते हुए वेरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग जारी रखने से यह समझने में मदद मिलेगी कि वे किस तरह के लक्षण पेश कर सकते हैं। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी साथ ही इस तरह की स्टडी से विशेषज्ञों को यह समझने में मदद मिलेगी कि म्यूटेशन का असर इंसानों पर किस प्रकार हो रहा है।
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