बड़ी टूट की कगार पर मायावती की बसपा, एक और विधायक के बागी होते ही बनेगी नई पार्टी h3>
यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं वैसे वैसे सियासी हलचल तेज हो रही है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी बड़ी टूट की कगार पर पहुंच गई है। बागी विधायकों ने नई पार्टी बनाने की तैयारी कर ली है। फिलहाल 11 विधायकों का साथ मिल चुका है। एक और विधायक मिलते ही नई पार्टी बन जाएगी।
बसपा के बागी विधायक असलम राइनी के अनुसार बसपा के बागी विधायक नई पार्टी बनाएंगे। बसपा से निष्कासित लालजी वर्मा नई पार्टी के नेता होंगे। नई पार्टी बनाने के लिए 12 विधायकों की जरूरत है। फिलहाल 11 विधायकों का साथ मिल चुका है। एक और विधायक का साथ मिलते ही नई पार्टी का ऐलान कर दिया जाएगा।
इससे पहले बसपा से बगावत करने वाले विधायकों ने मंगलवार की सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की तो कयासों का बाजार तेज हो गया। बसपा विधायकों के सपा में जाने की चर्चा होने लगी थी।
The tally for expelled Bahujan Samaj Party (BSP) MLAs is 11 right now. If we get one more MLA, will form our own party. Our leader will be Lalji Verma and he will decide the name and other details of the party: Rebel BSP MLA Aslam Raini pic.twitter.com/maYLoTb6Rc
— ANI UP (@ANINewsUP) June 15, 2021
अखिलेश यादव से हालांकि छह विधायकों ने ही मुलाकात की थी। इनमें असलम राइनी (विधायक, भिनगा-श्रावस्ती) के अलावा मुजतबा सिद्दीकी ( विधायक प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (विधायक हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (विधायक सिधौली-सीतापुर), असलम अली चौधरी (विधायक, ढोलाना-हापुड़), सुषमा पटेल (विधायक, मुंगरा बादशाहपुर) शामिल हैं।
लालजी-रामअचल के निष्कासन से तेज हुई कवायद
मायावती ने अपने दो विधायकों (राम अचल राजभर और लालजी वर्मा) को पिछले हफ्ते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसी के बाद बागी विधायकों की गतिविधियां अचानकर तेज हो गईं। लालजी और रामअचल राजभर पर आरोप है कि पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे। राम अचल राजभर और लालजी वर्मा दोनों बसपा सुप्रीमो मायावती के काफी करीबी थे। दोनों के निष्कासन के बाद बसपा ने तेजी से इस्तीफों का भी दौर शुरू हो गया। वाराणसी में बड़ी संख्या में बसपा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था।
दोनों विधायक अम्बेडकरनगर जिले में बसपा कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे लेकिन पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं उससे पूर्व विभिन्न मौकों पर बरती गई अनुशासनहीनता ने लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने पर विवश कर दिया। पूर्व मंत्री राम अचल राजभर के विरुद्ध शासन स्तर पर विभिन्न जांचें भी चल रही हैं। दोनों लोगों से बसपा छुटकारा भी पाना चाहते थे शायद उनके निष्कासन की यह भी बड़ी वजह थी। दोनों नेता बसपा के स्थापना के समय से पार्टी से जुड़े थे।
यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं वैसे वैसे सियासी हलचल तेज हो रही है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी बड़ी टूट की कगार पर पहुंच गई है। बागी विधायकों ने नई पार्टी बनाने की तैयारी कर ली है। फिलहाल 11 विधायकों का साथ मिल चुका है। एक और विधायक मिलते ही नई पार्टी बन जाएगी।
बसपा के बागी विधायक असलम राइनी के अनुसार बसपा के बागी विधायक नई पार्टी बनाएंगे। बसपा से निष्कासित लालजी वर्मा नई पार्टी के नेता होंगे। नई पार्टी बनाने के लिए 12 विधायकों की जरूरत है। फिलहाल 11 विधायकों का साथ मिल चुका है। एक और विधायक का साथ मिलते ही नई पार्टी का ऐलान कर दिया जाएगा।
इससे पहले बसपा से बगावत करने वाले विधायकों ने मंगलवार की सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की तो कयासों का बाजार तेज हो गया। बसपा विधायकों के सपा में जाने की चर्चा होने लगी थी।
The tally for expelled Bahujan Samaj Party (BSP) MLAs is 11 right now. If we get one more MLA, will form our own party. Our leader will be Lalji Verma and he will decide the name and other details of the party: Rebel BSP MLA Aslam Raini pic.twitter.com/maYLoTb6Rc
— ANI UP (@ANINewsUP) June 15, 2021
अखिलेश यादव से हालांकि छह विधायकों ने ही मुलाकात की थी। इनमें असलम राइनी (विधायक, भिनगा-श्रावस्ती) के अलावा मुजतबा सिद्दीकी ( विधायक प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (विधायक हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (विधायक सिधौली-सीतापुर), असलम अली चौधरी (विधायक, ढोलाना-हापुड़), सुषमा पटेल (विधायक, मुंगरा बादशाहपुर) शामिल हैं।
लालजी-रामअचल के निष्कासन से तेज हुई कवायद
मायावती ने अपने दो विधायकों (राम अचल राजभर और लालजी वर्मा) को पिछले हफ्ते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसी के बाद बागी विधायकों की गतिविधियां अचानकर तेज हो गईं। लालजी और रामअचल राजभर पर आरोप है कि पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे। राम अचल राजभर और लालजी वर्मा दोनों बसपा सुप्रीमो मायावती के काफी करीबी थे। दोनों के निष्कासन के बाद बसपा ने तेजी से इस्तीफों का भी दौर शुरू हो गया। वाराणसी में बड़ी संख्या में बसपा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था।
दोनों विधायक अम्बेडकरनगर जिले में बसपा कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे लेकिन पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं उससे पूर्व विभिन्न मौकों पर बरती गई अनुशासनहीनता ने लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने पर विवश कर दिया। पूर्व मंत्री राम अचल राजभर के विरुद्ध शासन स्तर पर विभिन्न जांचें भी चल रही हैं। दोनों लोगों से बसपा छुटकारा भी पाना चाहते थे शायद उनके निष्कासन की यह भी बड़ी वजह थी। दोनों नेता बसपा के स्थापना के समय से पार्टी से जुड़े थे।