कभी काम के लिए दर-दर भटकते थे यामी गौतम के पति Aditya Dhar, कोई पानी भी नहीं पूछता था h3>
बॉलिवुड डायरेक्टर आदित्य धर (Aditya Dhar) बीते दो दिनों से लगातार चर्चा में हैं। यामी गौतम (Yami Gautam) से गुपचुप शादी के बाद आदित्य धर में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। अपनी पहली ही फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ से आदित्य ने नैशनल अवॉर्ड तक में झंडा लहराया था। उनके हुनर की खूब तारीफ भी हुई थी। लेकिन हर इंसान की जिंदगी में सफलता संघर्ष के बाद आती है। ऐसा ही एक दौर आदित्य धर की जिंदगी में भी था, जब वह काम की तलाश में दर-दर भटक (Aditya Dhar life Struggle) रहे थे।
‘उरी’ से मिली आदित्य धर को पहचान
‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ 2019 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के लिए विकी कौशल को भी अवॉर्ड मिला। जब फिल्म अनाउंस हुई थी, तब इस फिल्म के लिए अक्षय कुमार के नाम पर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन आदित्य ने विकी कौशल पर भरोसा किया। ‘मसान’ में विकी कौशल को देख आदित्य खूब इम्प्रेस हुए थे।
जब 2008 में पहली बार पर्दे पर दिखा नाम
आदित्य धर ने हमारे सहयोगी ‘मेन्स एक्सपी’ को दिए एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष और फिर सफलता की कहानी शेयर की थी। आदित्य धर दिल्ली के रहने वाले हैं। 12 मार्च 1983 को उनका जन्म हुआ। आदित्य धर का नाम सबसे पहले 2008 में सुनने को मिला, जब उन्होंने ‘काबुल एक्सप्रेस’ के लिए गाने लिखे। उन्होंने एक लिरिसिस्ट यानी गीतकार के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। ‘हाल-ए-दिल’, ‘वन टू थ्री’ और ‘डैडी कूल’ जैसी फिल्मों के लिए गाने लिखने के बाद 2010 में अजय देवगन की फिल्म ‘आक्रोश’ के लिए उन्होंने डायलॉग्स लिखे। फिल्म को सराहना मिली और आदित्य की लेखनी को भी।
सुबह उठकर लगाते थे प्रोडक्शन हाउस के चक्कर
आदित्य बताते हैं कि रुपहले पर्दे पर भले ही पहली बार उनका नाम 2008 में दिखा, लेकिन सिनेमा की दुनिया में उनकी शुरुआत 2006 में हो गई थी। यह शुरुआत बॉलिवुड की खाक छानने से हुई थी। आदित्य 2006 में मुंबई आए थे और एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। वह बताते हैं, ‘मैं हर दिन सुबह जल्दी उठता था। मैं हर प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाता था, उनसे काम मांगता था। मैंने थिएटर में काम किया था और हमेशा से यह सोचता था कि आखिर डायरेक्टर कैसे काम करते हैं।’
‘तब असिस्टेंट डायरेक्टर से कोई पानी भी नहीं पूछता था’
आदित्य इंडस्ट्री के उस स्याह सच का भी खुलासा करते हैं, जिससे अधिकतर लोग अनजान हैं। वह बताते हैं, ‘उन दिनों असिस्टेंट डायरेक्टर्स के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता था। कुछ ही प्रोडक्शन हाउस ऐसे थे जहां असिस्टेंट डायरेक्टर से पानी भी पूछा जाता था। मैंने कुछ दिन एक रेडियो जॉकी के तौर पर भी काम किया था। मेरे पास कुछ सेविंग्स थे, लेकिन वह खत्म होने लगे थे। मुझे आज भी याद है कि मैं सांताक्रूज इलाके में जीएस एंटरटेनमेंट के पास काम मांगने गया था। उन्होंने कहा कि कोई काम नहीं है। बाहर निकला तो मैंने विधू विनोद चोपड़ा का प्रोडक्श हाउस देखा। मैं वहां चला गया। मैं बुरी तरह थका हुआ था। मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड भी नहीं था। मैं तो एक इंटर्न के तौर पर भी काम करने को तैयार था।’
…और सही वक्त पर सही समय पहुंच गए थे आदित्य
आदित्य आगे बताते हैं, ‘मैंने वहां रिसेप्सनिस्ट से काम के लिए पूछा, उसने एक सज्जन मिथुन गंगोपाध्याय की ओर इशारा किया। तब से मिथुन मेरे सबसे करीबी दोस्त हैं। वह भी विधू विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस में एक असिस्टेंट डायरेक्टर थे। एक साल पहले ही उन्होंने जॉइन किया था। मैंने उनसे बात की। यह संयोग था उसी वक्त वहां एक शख्स फिल्म स्कूल में एडमिशन मिलने के कारण काम छोड़ रहा था। मैं लकी था। मैं एक सही जगह पर, सही वक्त पर पहुंचा था। इस तरह वहां काम का मेरा पहला दिन शुरू हुआ। लेकिन जब काम शुरू हुआ तब पता चला कि असली स्ट्रगल क्या है।’
‘सोचता था- मेरा भी टाइम आएगा, तब दिखाऊंगा टैलेंट’
आदित्य धर ने विधू विनोद चोपड़ा, रोहन सिप्पी, विशाल भारद्वाज और प्रियदर्शन जैसे दिग्गजों के साथ काम किया है। आदित्य कहते हैं, ‘हर किसी का फिल्ममेकिंग का अपना तरीका है। यह दिखने में भले ही आसान लगता हो, लेकिन ऐसा है नहीं। तब असिस्टेंट डायरेक्टर्स की सैलरी भी बहुत कम होती थी। उसी दौरान मैंने गाने लिखने शुरू किए। मुझे ‘काबुल एक्सप्रेस’ में काम मिला। ‘आक्रोश’ के लिए डायलॉग्स लिखे। मैं समझ गया था कि यहा सर्वाइव करने के लिए जुनून और लगन का होना बहुत जरूरी है। दिमाग में एक ही बात थी- जब मेरा टाइम आएगा तब मैं लोगों को अपना टैलेंट दिखाऊंगा, तब तक सीखना है।’
फवाद और कटरीना के लिए फिल्म की थी तैयारी, लेकिन…
आदित्य बताते हैं कि इसके बाद के सफर में छोटी-छोटी सफलताएं मिलती रहीं। लेकिन ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने असली सफलता का स्वाद दिया। हालांकि फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखने का काम उन्होंने 2009 में ही शुरू कर दिया था। एक डायरेक्टर को उनकी एक स्क्रिप्ट पसंद भी आई, लेकिन फिल्म कभी बन नहीं आई। आदित्य बताते हैं कि ‘उरी’ से ठीक पहले वह फवाद खान और कटरीना कैफ के लिए फिल्म ‘रात बाकी’ पर काम कर रहे थे, लेकिन 18 सितंबर 2016 को हुए आतंकवादी हमले के बाद जब पाकिस्तानी कलाकारों को बैन किया गया तो वह प्रोजेक्ट भी बंद हो गया।
ऐसे आया था ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ बनाने का आइडिया
आदित्य धर बताते हैं, ‘जब 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, तब पूरा दफ्तर ‘रात बाकी’ के काम को दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि आखिर ये सर्जिकल स्ट्राइक हुआ कैसे होगा। यहां से मुझे प्रेरणा मिली।’ आदित्य बताते हैं कि 13 साल की उम्र से ही वह फिल्मों को लेकर बड़े उत्साहित रहते थे।
‘उरी’ के दौरान यामी गौतम से बढ़ी नजदीकियां
‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने जहां आदित्य को उनकी पहली बड़ी सफलता दी। वहीं इसी फिल्म के दौरान ऐक्ट्रेस यामी गौतम से उनकी नजदीकियां भी बढ़ीं। यह दिलचस्प है कि दोनों ने करीब दो साल अपने रिलेशन को हमेशा सभी से छुपाकर रखा। फिर अचानक शुक्रवार को खबर आई कि यामी गौतम और आदित्य धर ने शादी कर ली है। दोनों साथ में काफी खुश हैं, जिंदगी जीने के लिए और क्या ही चाहिए।
‘उरी’ से मिली आदित्य धर को पहचान
‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ 2019 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के लिए विकी कौशल को भी अवॉर्ड मिला। जब फिल्म अनाउंस हुई थी, तब इस फिल्म के लिए अक्षय कुमार के नाम पर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन आदित्य ने विकी कौशल पर भरोसा किया। ‘मसान’ में विकी कौशल को देख आदित्य खूब इम्प्रेस हुए थे।
जब 2008 में पहली बार पर्दे पर दिखा नाम
आदित्य धर ने हमारे सहयोगी ‘मेन्स एक्सपी’ को दिए एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष और फिर सफलता की कहानी शेयर की थी। आदित्य धर दिल्ली के रहने वाले हैं। 12 मार्च 1983 को उनका जन्म हुआ। आदित्य धर का नाम सबसे पहले 2008 में सुनने को मिला, जब उन्होंने ‘काबुल एक्सप्रेस’ के लिए गाने लिखे। उन्होंने एक लिरिसिस्ट यानी गीतकार के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। ‘हाल-ए-दिल’, ‘वन टू थ्री’ और ‘डैडी कूल’ जैसी फिल्मों के लिए गाने लिखने के बाद 2010 में अजय देवगन की फिल्म ‘आक्रोश’ के लिए उन्होंने डायलॉग्स लिखे। फिल्म को सराहना मिली और आदित्य की लेखनी को भी।
सुबह उठकर लगाते थे प्रोडक्शन हाउस के चक्कर
आदित्य बताते हैं कि रुपहले पर्दे पर भले ही पहली बार उनका नाम 2008 में दिखा, लेकिन सिनेमा की दुनिया में उनकी शुरुआत 2006 में हो गई थी। यह शुरुआत बॉलिवुड की खाक छानने से हुई थी। आदित्य 2006 में मुंबई आए थे और एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। वह बताते हैं, ‘मैं हर दिन सुबह जल्दी उठता था। मैं हर प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाता था, उनसे काम मांगता था। मैंने थिएटर में काम किया था और हमेशा से यह सोचता था कि आखिर डायरेक्टर कैसे काम करते हैं।’
‘तब असिस्टेंट डायरेक्टर से कोई पानी भी नहीं पूछता था’
आदित्य इंडस्ट्री के उस स्याह सच का भी खुलासा करते हैं, जिससे अधिकतर लोग अनजान हैं। वह बताते हैं, ‘उन दिनों असिस्टेंट डायरेक्टर्स के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता था। कुछ ही प्रोडक्शन हाउस ऐसे थे जहां असिस्टेंट डायरेक्टर से पानी भी पूछा जाता था। मैंने कुछ दिन एक रेडियो जॉकी के तौर पर भी काम किया था। मेरे पास कुछ सेविंग्स थे, लेकिन वह खत्म होने लगे थे। मुझे आज भी याद है कि मैं सांताक्रूज इलाके में जीएस एंटरटेनमेंट के पास काम मांगने गया था। उन्होंने कहा कि कोई काम नहीं है। बाहर निकला तो मैंने विधू विनोद चोपड़ा का प्रोडक्श हाउस देखा। मैं वहां चला गया। मैं बुरी तरह थका हुआ था। मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड भी नहीं था। मैं तो एक इंटर्न के तौर पर भी काम करने को तैयार था।’
…और सही वक्त पर सही समय पहुंच गए थे आदित्य
आदित्य आगे बताते हैं, ‘मैंने वहां रिसेप्सनिस्ट से काम के लिए पूछा, उसने एक सज्जन मिथुन गंगोपाध्याय की ओर इशारा किया। तब से मिथुन मेरे सबसे करीबी दोस्त हैं। वह भी विधू विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस में एक असिस्टेंट डायरेक्टर थे। एक साल पहले ही उन्होंने जॉइन किया था। मैंने उनसे बात की। यह संयोग था उसी वक्त वहां एक शख्स फिल्म स्कूल में एडमिशन मिलने के कारण काम छोड़ रहा था। मैं लकी था। मैं एक सही जगह पर, सही वक्त पर पहुंचा था। इस तरह वहां काम का मेरा पहला दिन शुरू हुआ। लेकिन जब काम शुरू हुआ तब पता चला कि असली स्ट्रगल क्या है।’
‘सोचता था- मेरा भी टाइम आएगा, तब दिखाऊंगा टैलेंट’
आदित्य धर ने विधू विनोद चोपड़ा, रोहन सिप्पी, विशाल भारद्वाज और प्रियदर्शन जैसे दिग्गजों के साथ काम किया है। आदित्य कहते हैं, ‘हर किसी का फिल्ममेकिंग का अपना तरीका है। यह दिखने में भले ही आसान लगता हो, लेकिन ऐसा है नहीं। तब असिस्टेंट डायरेक्टर्स की सैलरी भी बहुत कम होती थी। उसी दौरान मैंने गाने लिखने शुरू किए। मुझे ‘काबुल एक्सप्रेस’ में काम मिला। ‘आक्रोश’ के लिए डायलॉग्स लिखे। मैं समझ गया था कि यहा सर्वाइव करने के लिए जुनून और लगन का होना बहुत जरूरी है। दिमाग में एक ही बात थी- जब मेरा टाइम आएगा तब मैं लोगों को अपना टैलेंट दिखाऊंगा, तब तक सीखना है।’
फवाद और कटरीना के लिए फिल्म की थी तैयारी, लेकिन…
आदित्य बताते हैं कि इसके बाद के सफर में छोटी-छोटी सफलताएं मिलती रहीं। लेकिन ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने असली सफलता का स्वाद दिया। हालांकि फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखने का काम उन्होंने 2009 में ही शुरू कर दिया था। एक डायरेक्टर को उनकी एक स्क्रिप्ट पसंद भी आई, लेकिन फिल्म कभी बन नहीं आई। आदित्य बताते हैं कि ‘उरी’ से ठीक पहले वह फवाद खान और कटरीना कैफ के लिए फिल्म ‘रात बाकी’ पर काम कर रहे थे, लेकिन 18 सितंबर 2016 को हुए आतंकवादी हमले के बाद जब पाकिस्तानी कलाकारों को बैन किया गया तो वह प्रोजेक्ट भी बंद हो गया।
ऐसे आया था ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ बनाने का आइडिया
आदित्य धर बताते हैं, ‘जब 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, तब पूरा दफ्तर ‘रात बाकी’ के काम को दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि आखिर ये सर्जिकल स्ट्राइक हुआ कैसे होगा। यहां से मुझे प्रेरणा मिली।’ आदित्य बताते हैं कि 13 साल की उम्र से ही वह फिल्मों को लेकर बड़े उत्साहित रहते थे।
‘उरी’ के दौरान यामी गौतम से बढ़ी नजदीकियां
‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने जहां आदित्य को उनकी पहली बड़ी सफलता दी। वहीं इसी फिल्म के दौरान ऐक्ट्रेस यामी गौतम से उनकी नजदीकियां भी बढ़ीं। यह दिलचस्प है कि दोनों ने करीब दो साल अपने रिलेशन को हमेशा सभी से छुपाकर रखा। फिर अचानक शुक्रवार को खबर आई कि यामी गौतम और आदित्य धर ने शादी कर ली है। दोनों साथ में काफी खुश हैं, जिंदगी जीने के लिए और क्या ही चाहिए।