Black fungus death: 2 लाख में खरीदा ब्लैक फंगस का इंजेक्शन… 17 घंटे इंतजार…30000 देकर केजीएमयू में मिला बेड, लेकिन मौत
हाइलाइट्स:
- बाराबंकी की रहने वाली महिला का प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में चल रहा था इलाज
- घरवालों का आरोप ब्लैग फंगस का इंजेक्शन नहीं होने की कही बात
- महिला के परिजनों ने दो लाख रुपये में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन खरीदा
- जबकर केजीएमयू कर दिया गया रेफर, यहां नहीं मिला बेड
बाराबंकी
ब्लैक फंगस से पीड़ित बाराबंकी की महिला को लखनऊ के केजीएमयू में 17 घंटे तक बेड नहीं मिला। इस दौरान पीड़िता कभी कार तो कभी इमरजेंसी के स्ट्रेचर पर ही पड़ी रही। दलाल ने 30 हजार रुपये लेकर वेंटिलेटर दिलाया पर हालत नाजुक हो जाने के कारण महज एक घंटे में ही महिला दम तोड़ गई। ये गंभीर आरोप बाराबंकी के विवेक वैश्य ने लगाए हैं। बता दें कि बाराबंकी में ब्लैक फंगस से ये पहली मौत है।
धनोखर चौराहा निवासी विवेक वैश्य ने बताया कि उनकी मां कुसुम वैश्य (55) 20 अप्रैल को कोविड संक्रमित हो गईं थीं। उनको इलाज के लिए 30 अप्रैल को सफेदाबाद के हिंद संस्थान में भर्ती करवाया था। वहां पर इलाज के दौरान ही 20 मई को डॉक्टरों ने बताया कि कुसुम को ब्लैक फंगस हो गया है।
ब्लैक में खरीदा इंजेक्शन
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ब्लैक फंगस के लिए जरूरी इंजेक्शन न होने की बात कही। इस पर उन्होंने दो लाख रुपये में ब्लैक से इंजेक्शन खरीद लिए पर वहां पर उनकी मां को ये इंजेक्शन लगाए ही नहीं गए।
दो दिनों तक पीजीआई में नहीं मिला बेड
पिछले तीन दिनों से उनको कहा जाता रहा कि वह अपने मरीज को पीजीआई ले जाएं। इस पर वह दो दिनों तक पीजीआई में बेड की तलाश करता रहा पर वहां पर बेड नहीं मिल सका। इस बीच गुरुवार शाम करीब पांच बजे उसकी मां को एम्बुलेंस से केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया गया।
जबरन लखनऊ रेफर करने का आरोप
महिला का ऑक्सिजन लेवल 95 था। वह ठीक भी थी लेकिन जबरन लखनऊ रेफर कर दिया गया। केजीएमयू पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि यहां पर बेड नहीं है। आप इंतजार करें। शाम छह बजे से रात 12बजे तक उसने अपनी मां को कार में ही लिटाए रखा। फिर रात में वह इंमरजेंसी के स्ट्रेचर पर ले गया।
इमरजेंसी में भी इलाज न मिलने का आरोप
महिला के बेटे का आरोप है कि इमरजेंसी पर भी इलाज नहीं शुरू किया गया। इससे उसकी मां की हालत बिगड़ती गई। शुक्रवार की सुबह डॉक्टरों ने कहा कि यहां पर बेड नहीं है। इस समय इनको वेंटिलेटर की जरूरत है। यह यहां पर उपलब्ध भी नहीं है।
30 हजार रुपये देकर मिला वेंटिलेटर
सुबह 11 बजे तक इंतजार के बाद एक शख्स आया और उसने कहा कि यहां के हालत देख ही रहे हो। अगर वेंटिलेटर चाहिए तो एक लाख का इंतजाम करो। इस पर उसे वेंटिलेटर के लिए 30 हजार दिए तो उसने महज पांच मिनट में वेंटिलेटर उपलब्ध करा दिया। इसके बाद महज एक घंटे में ही उसकी मां ने दम तोड़ दिया।
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