कोरोना से भारतीय जीडीपी 7.3 फीसद सिकुड़ी, 40 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे खराब प्रदर्शन
कोरोना महामारी के कारण चार दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। भारतीय जीडीपी की विकास की दर वित्त वर्ष 2021-21 में -7.3 फीसद रही। वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी की ग्रोथ 4 फीसद थी।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में जीडीपी 1.6 फीसद की दर से बढ़ी। इससे यह संकेत मिलता है कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले देश की अर्थव्यवस्था रिकवरी के रास्ते पर थी। दिसंबर तिमाही में जीडीपी की विकास दर 0.5 फीसद रही थी और सितंबर तिमाही में ग्रोथ रेट -7.5% रही थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण पहली तिमाही में जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट आई थी और यह -23.9% रही थी। हालांकि, पूरे वित्त वर्ष में -7.3 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। 1980-81 के बाद अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा सालाना गिरावट होगी, जबकि 1952 के बाद की सबसे बड़ी आर्थिक गिरावट दर्ज की जाएगी।
तिमाही जीडीपी ग्रोथ
- चौथी तिमाही 1.6%
- तीसरी तिमाही 0.5%
- दूसरी तिमाही (-)7.5%
- पहली तिमाही (-)23-9%
- वित्त वर्ष 2020-21 में- -7.3%
एनएसओ के अनुमान से कम गिरावट
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2019-20 की जनवरी-मार्च अवधि में 3 फीसद बढ़ी थी। यह डेटा राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने दिया है। एनएसओ ने इस साल जनवरी में जारी हुए राष्ट्रीय अकाउंट्स के पहले एडवांस एस्टिमेट्स में 2020-21 में जीडीपी में 7.7 फीसद की गिरावट का आकलन किया गया था। एनएसओ ने अपने दूसरे संशोधित अनुमान में, 2020-21 में 8 फीसद की गिरावट का आकलन जताया थाद्ध चीन ने जनवरी-मार्च 2021 में 18.3 फीसद की ग्रोथ दर्ज की है।
आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 56.1 फीसद बढ़ा
सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अप्रैल 2021 में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 56.1 फीसद बढ़ा।वृद्धि दर यह बड़ा उछाल तुलनात्मक वार्षिक आधार निम्न होने का प्रभाव है। इस दौरान प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। गौरतलब है कि अप्रैल 2020 में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली के आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 37.9 फीसद की कमी हुई थी।
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राजकोषीय घाटा 2020-21 में जीडीपी का 9.3 फीसद
राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 फीसद रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5 फीसद से कम है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7.42 फीसद था। निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपये बैठता है जो फीसद में जीडीपी का 9.3 फीसद है। सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिए शुरू में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 फीसद रहने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9.5 फीसद यानी 18,48,655 करोड़ रुपये कर दिया गया। कोविड-19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया।
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