Sputnik-V Vaccine Update : जून से देशभर में टीकाकरण के लिए उपलब्ध होगी स्पूतनिक वी, जानिए पूरा प्लान h3>
हाइलाइट्स:
- अभी देश में मुख्य रूप से कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (covaccine) लगाई जा रही है।
- मई की शुरुआत से स्पूतनिक वी (Sputnik V) लग रही है, लेकिन इसकी उपलब्धता सीमित है।
- स्पूतनिक वी रूस में बनी वैक्सीन है, यह भारत में एप्रूवल (Approval) वाली पहली विदेशी वैक्सीन है।
नई दिल्ली
रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी जून के दूसरे हफ्ते से देश भर में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। यह अपोलो हॉस्पिटल में उपलब्ध होगी। स्पूतनिक वी देश में लोगों को मई के पहले हफ्ते से लगाई जा रही है। लेकिन, इसकी उपलब्धता पर्याप्त नहीं होने से इसका सीमित इस्तेमाल हो रहा है।
अपोलो ने गुरुवार को बताया कि देशभर में जून के दूसरे हफ्ते से रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर शुरू हो जाएगा। उसने कहा है कि अपोलो के हॉस्पिटल नेटवर्क में यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।
अपोलो ग्रुप की एग्जिक्यूटिव वाइस-प्रेसिडेंट शोभना कामीनेनी ने कहा कि उनके ग्रुप ने देश के 80 स्थानों पर 10 लाख वैक्सीन लगाने का काम पूरा कर लिया है। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, ज्यादा रिस्क वाले लोगों और कॉर्पोरेट इम्पलॉयीज को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने देश में टीकाकरण अभियान की रफ्तार बढ़ाने की कोशिशों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जून में हम हर हफ्ते 10 लाख टीका लगाएंगे। जुलाई में इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाएगा।
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अभी देश में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी लोगों को लगाई जा रही है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन को देश में सबसे पहले इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर इसे बनाया है। उधर, हैदराबाद की भारत बायोटेक कोवैक्सीन का उत्पादन कर रही है।
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जून के दूसरे हफ्ते से स्पूतनिक का व्यापक इस्तेमाल शुरू हो जाने के देश में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी आएगी। अभी देश में वैक्सीन की मांग के मुकाबले इसकी सप्लाई काफी कम है। सरकार अमेरिका सहित दूसरे देशों की वैक्सीन कंपनियों से वैक्सीन खरीदने की कोशिश कर रही है।
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हाइलाइट्स:
- अभी देश में मुख्य रूप से कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (covaccine) लगाई जा रही है।
- मई की शुरुआत से स्पूतनिक वी (Sputnik V) लग रही है, लेकिन इसकी उपलब्धता सीमित है।
- स्पूतनिक वी रूस में बनी वैक्सीन है, यह भारत में एप्रूवल (Approval) वाली पहली विदेशी वैक्सीन है।
रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी जून के दूसरे हफ्ते से देश भर में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। यह अपोलो हॉस्पिटल में उपलब्ध होगी। स्पूतनिक वी देश में लोगों को मई के पहले हफ्ते से लगाई जा रही है। लेकिन, इसकी उपलब्धता पर्याप्त नहीं होने से इसका सीमित इस्तेमाल हो रहा है।
अपोलो ने गुरुवार को बताया कि देशभर में जून के दूसरे हफ्ते से रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर शुरू हो जाएगा। उसने कहा है कि अपोलो के हॉस्पिटल नेटवर्क में यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।
अपोलो ग्रुप की एग्जिक्यूटिव वाइस-प्रेसिडेंट शोभना कामीनेनी ने कहा कि उनके ग्रुप ने देश के 80 स्थानों पर 10 लाख वैक्सीन लगाने का काम पूरा कर लिया है। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, ज्यादा रिस्क वाले लोगों और कॉर्पोरेट इम्पलॉयीज को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने देश में टीकाकरण अभियान की रफ्तार बढ़ाने की कोशिशों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जून में हम हर हफ्ते 10 लाख टीका लगाएंगे। जुलाई में इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाएगा।
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अभी देश में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी लोगों को लगाई जा रही है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन को देश में सबसे पहले इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर इसे बनाया है। उधर, हैदराबाद की भारत बायोटेक कोवैक्सीन का उत्पादन कर रही है।
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जून के दूसरे हफ्ते से स्पूतनिक का व्यापक इस्तेमाल शुरू हो जाने के देश में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी आएगी। अभी देश में वैक्सीन की मांग के मुकाबले इसकी सप्लाई काफी कम है। सरकार अमेरिका सहित दूसरे देशों की वैक्सीन कंपनियों से वैक्सीन खरीदने की कोशिश कर रही है।
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