जानिए कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को हो सकता है कितना नुकसान

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जानिए कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को हो सकता है कितना नुकसान


जानिए कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को हो सकता है कितना नुकसान

हाइलाइट्स:

  • इस साल फरवरी के आखिर में देश में शुरू हुई थी कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona)।
  • दूसरी लहर (Second wave) के चलते राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर लॉकडाउन (Lockdown) का एलान किया है।
  • राज्यों के लॉकडाउन के एलान से आर्थिक गितिविधियों (Economic activities) पर व्यापक असर पड़ा है।

नई दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) ने देश की अर्थव्यस्था (Economy) को बड़ी चोट पहुंचाई है। इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) से अर्थव्यवस्था को 5.4 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। बार्कलेज (Barclays) की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। बार्कलेज ब्रिटेन का बैंक है। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना को दूसरी लहर को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान तेजी से बढ़ रहा है।

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एसबीआई रिसर्च ने भी जताया नुकसान का अनुमान
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) की रिपोर्ट में भी इसी तरह की बात कही गई है। SBI Research की रिपोर्ट भी मंगलवार को जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर से देश की जीडीपी को 4.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। यह जीडीपी के 2.4 फीसदी के बराबर होगा।

हर हफ्ते 8 अरब डॉलर का नुकसान
बार्कलेज के Chief India Economist राहुल बजोरिया ने रिपोर्ट में कहा है, “हालिया घटनाक्रम और नई पाबंदियों को देखते हुए हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान मई में प्रति सप्ताह बढ़कर 8 अरब डॉलर पहुंच गया है। अप्रैल के अंतिम दो हफ्तों में यह प्रति सप्ताह 5.3 अरब डॉलर था।” बार्कलेज ने भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अपने अनुमान को भी घटा दिया है। उसने इसे 10 फीसदी से घटाकर 9.2 फीसदी कर दिया है।

आर्थिक वृद्धि दर में आएगी कमी
SBI Research ने भी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 10.4 फीसदी से घटा दिया है। हालांकि, इसने नए अनुमान का आंकड़ा जारी नहीं किया है। SBI Research की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे देशों के अनुभव से यह पता चलता है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों से जीडीपी पर कम असर पड़ता है।

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SBI Group के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष ने कहा, “हमारा मानना है कि दूसरी लहर में स्वास्थ्य से जुड़े संकट ने हम पर बड़ा असर डाला है। इसलिए इस लहर के चलते जीडीपी पर पड़ने वाले असर में स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों की ज्यादा हिस्सेदारी होगी।”

दूसरी लहर का पीक गुजर जाने का अनुमान
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) का पीक गुजर गया है, क्योंकि 23 मई को खत्म हफ्ते में कोरोना के मामलों में 22 फीसदी की गिरावट आई है। एक हफ्ते पहले यह गिरावट 15 फीसदी थी। टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (Test positivity Rate) भी 18.8 फीसदी से घटकर 13.1 फीसदी पर आ गया है।

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