श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी पर अर्जुन कपूर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- मेरी मां को छोड़ा, ये ‘अच्‍छा’ तो नहीं

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श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी पर अर्जुन कपूर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- मेरी मां को छोड़ा, ये ‘अच्‍छा’ तो नहीं


श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी पर अर्जुन कपूर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- मेरी मां को छोड़ा, ये ‘अच्‍छा’ तो नहीं

बॉलिवुड के दिग्‍गज डायरेक्‍टर बोनी कपूर (Boney kapoor) ने साल 1983 में मोना शौरी (Mona Shourie) से पहली शादी की थी। दो साल बाद 1985 में अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) पैदा हुए, जबकि 1990 में बेटी अंशुला (Anshula Kapoor) का जन्‍म हुआ। 1996 में बोनी कपूर और मोना शौरी का तलाक हो गया। बोनी कपूर ने उसी साल श्रीदेवी (Sridevi) से शादी कर ली। तब अर्जुन कपूर महज 11 साल के थे, जबकि अंशुला 6 साल की। बोनी कपूर ने मोना को धोखा दिया था। अर्जुन कपूर ने पहली बार पिता की दूसरी शादी पर चुप्‍पी तोड़ी है। अर्जुन कहते हैं कि उस वक्‍त उनकी फैमिली के साथ जो हुआ या जब बोनी कपून ने उनकी मां को छोड़ा, उसे वह कभी ‘अच्‍छा’ या ‘ठीक है’ तो नहीं कह सकते।

मोना ने श्रीदेवी को दी थी अपने घर में रहने की जगह

श्रीदेवी तब बॉलिवुड में नई-नई आई थीं। मिथुन चक्रवर्ती के साथ श्रीदेवी के इश्‍क के तब खूब चर्चे थे। मोना शौरी ने बहन मानकर श्रीदेवी को अपने घर में पनाह दी थी। श्रीदेवी प्‍यार से मोना को दीदी बुलाती थीं। लेकिन कुछ समय बाद ही श्रीदेवी और बोनी कपूर का गुपचुप अफेयर शुरू हो गया। यही नहीं, बताया जाता है कि जब बोनी कपूर ने श्रीदेवी से शादी कि तब वह 6 महीने की प्रेग्‍नेंट भी थीं।

‘मैं पिता के साथ हूं, क्‍योंकि यह मेरी मां की परवरिश है’

एक इंटरव्‍यू में अर्जुन कपूर ने अपनी मां की परवरिश का जिक्र करते हुए बताया कि यह इसी की बदौलत है जो उन्‍होंने हालात का सामना किया। फिर चाहे वह 2018 में श्रीदेवी के निधन का ही वक्‍त क्‍यों न हो, जब अर्जुन पिता बोनी कपूर के साथ खड़े नजर आए थे। अर्जुन कहते हैं कि यह मां की ही सीख का नतीजा है कि उन्‍होंने पिता के साथ-साथ सौतेली बहनों जान्‍हवी और खुशी संग भी अपने रिश्‍तों को नए सिरे से देखा और संजोया है।

‘मैं अपने पिता का सम्‍मान करता हूं, लेकिन…’

‘फिल्‍म कम्‍पेनियन’ को दिए इंटरव्‍यू में अर्जुन कपूर कहते हैं, ‘मेरी मां की परवरिश हमेशा मेरे साथ है। वह मुझसे कहती थीं कि चाहे जो भी हो, जैसे भी हालात हों, अपने पिता के साथ खड़े रहना। मां ने कहा था कि पापा ने जो भी फैसला किया, वह प्‍यार के कारण लिया। मैं भी अपने पिता का सम्‍मान करता हूं कि उन्‍हें जीवन में दोबारा प्‍यार हुआ। लेकिन प्‍यार बहुत पेचीदा होता है। आज हम यहां 2021 में बैठकर यदि कह कहते हैं कि इंसान को सिर्फ एक ही बार प्‍यार होता है, तो हम मूर्ख होंगे। यह बॉलीवुडिया बात है। असल में प्‍यार बहुत पेचीदा और जटिल है। प्‍यार का मतलब, हमेशा प्‍यार में ही पड़े रहना नहीं है।’

‘नहीं कह सकता कि पापा ने जो किया वह ठीक था’

अर्जुन कपूर आगे कहते हैं, ‘प्‍यार का मतलब कम्‍पेटिबिलिटी (अनुकूलता) है, दोस्‍ती है, सैचरेशन (संतृप्‍त‍ि) है। प्‍यार में लोग गई चरणों से गुजरते हैं। हो सकता है कि आप किसी और से प्‍यार करते हैं और फिर किसी दिन किसी और से भी प्‍यार करने लगते हैं। इसे समझने की जरूरत है। मैं इससे सहमत नहीं हूं… मैं यह नहीं कह सकता कि मेरे पिता ने जो किया वह अच्‍छा था या ठीक था। मैं नहीं कह सकता कि ठीक है, होता है… लेकिन मैं इसे समझता हूं। मैं हमेशा हैरान रहूंगा, लेकिन मैं जब इसे एक बड़े व्यक्ति के रूप में तार्किक होकर देखता हूं कि जो अपने रिश्ते के उतार-चढ़ाव से निपट रहा है, तो आप इसे समझते हैं।’

‘मां चाहती थी मैं एक एक अच्‍छा बेटा बनूं’

अर्जुन इंटरव्‍यू में आगे कहते हैं कि वह इस बात की कल्‍पना कर सकते हैं कि उनके पैरेंट्स के बीच कुछ हालात ऐसे बने होंगे, जिससे चीजें उस ओर बढ़ीं। वह कहते हैं, ‘मैं एक अच्‍छा बेटा बनने की कोश‍िश करता हूं, क्‍योंकि यही वह चीज है जो मेरी मां मुझसे चाहती थी।’

OTT पर रिलीज हुई है ‘सरदार का ग्रैंडसन’

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अर्जुन कपूर ने कई मौकों पर यह साबित किया है कि कपूर परिवार साथ है। खासकर श्रीदेवी के निधन के बाद वह जान्‍हवी और खुशी के साथ ज्‍यादा समय बिताते हैं। वर्कफ्रंट की बात करें तो हाल ही अर्जुन कपूर की फिल्‍म ‘सरदार का ग्रैंडसन’ ओटीटी प्‍लेटफॉर्म नेटफिलिक्‍स पर रिलीज हुई है। जबकि लॉकडाउन में थ‍िअटर में रिलीज हो चुकी उनकी फिल्‍म ‘संदीप और पिंकी फरार’ भी अब अमेजन प्राइम वीडियो पर स्‍ट्रीम हो रही है।



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