कोरोना वायरस के कहर से थम रही नेपाल की सांसें, जिंदगी की ऑक्सिजन दे रहा दोस्‍त भारत

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कोरोना वायरस के कहर से थम रही नेपाल की सांसें, जिंदगी की ऑक्सिजन दे रहा दोस्‍त भारत

कोरोना वायरस के कहर से थम रही नेपाल की सांसें, जिंदगी की ऑक्सिजन दे रहा दोस्‍त भारत

हाइलाइट्स:

  • नेपाल की मदद के लिए कोरोना संकट की इस घड़ी में एकबार फिर से दोस्‍त भारत आगे आया है
  • चीन की मदद के बाद भी नेपाल की ऑक्‍सीजन की सारी जरूरत भारत की ओर से पूरी की जा रही है
  • भारत की ओर से 15 टन क्षमता वाले लिक्विड ऑक्‍सीजन के दो टैंकर लगातार नेपाल को सप्‍लाइ पहुंचा रहे

काठमांडू
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर से जूझ रहे नेपाल की मदद के लिए संकट की इस घड़ी में एकबार फिर से दोस्‍त भारत आगे आया है। चीन की मदद के बाद भी नेपाल की ऑक्सिजन की सारी जरूरत भारत की ओर से पूरी की जा रही है। भारत की ओर से 15 टन क्षमता वाले लिक्विड ऑक्सिजन के दो टैंकर लगातार नेपाल को सप्‍लाइ पहुंचा रहे हैं। जल्‍द ही भारत और तीन और टैंकर इसमें जोड़ने जा रहा है।

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की लिक्विड ऑक्सिजन की 100 फीसदी जरूरत भारत की ओर से पूरी की जा रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विदेशी मामलों के सलाहकार राजन भट्टाराई ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा, ‘नेपाल को भारत से लिक्विड ऑक्सिजन मिल रहा है और भारत एकमात्र देश है जो हमें यह दे रहा है। ऑक्सिजन की डिमांड नेपाल में काफी बढ़ गई है और नेपाल सरकार इस डिमांड को पूरा करने के लिए अपना सपूर्ण प्रयास कर रही है।’

दोतरफा संकट से जूझ रहे नेपाली पीएम ओली
नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली को एक तरफ कोरोना महामारी से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर उनका पीएम के रूप में राजनीतिक भविष्‍य संकट में फंसा हुआ है। वर्तमान समय में राष्‍ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने विपक्ष के बहुमत नहीं हासिल कर पाने पर केपी शर्मा ओली को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्‍त किया है। इस बीच काठमांडू में भारत के राजदूत विनय क्‍वात्रा ने कहा कि कोरोना महामारी से संघर्ष में भारत नेपाल के साथ पूरी तरह से खड़ा है। हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे।

भारत में कोरोना संकट की वजह से कोविशील्‍ड वैक्‍सीन का निर्यात नेपाल को नहीं हो पा रहा है। वहीं चीन ने नेपाल में कोरोना वैक्‍सीन का निर्यात बढ़ा दिया है और अब तक 8 लाख डोज नेपाल को दे चुका है। नेपाल भारत से कोविशील्‍ड वैक्‍सीन की दूसरी खेप चाहता है जो वहां के 10 लाख लोगों को लगाई गई है। नेपाल ने भारत के सीरम इंस्‍टीट्यूट से 20 लाख कोरोना वैक्‍सीन आपूर्ति का समझौता किया है। इनमें से 10 लाख पहले ही उसे दी चुकी है।

‘भारत को अपने पड़ोसी देशों की मदद करते रहना चाहिए’
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि भारत को कोरोना संकट के बाद भी अपने पड़ोसी देशों की मदद करते रहना चाहिए। भारतीय दवाएं और वैक्‍सीन नेपाल और भूटान को देने से भारत का हित होगा। अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश, म्‍यांमार, मालदीव और श्रीलंका को भी विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है।

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