Himanta Biswa Sarma Assam New CM: हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए मुख्यमंत्री, वकालत से सियासत के शिखर तक…पूरा सफर

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Himanta Biswa Sarma Assam New CM: हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए मुख्यमंत्री, वकालत से सियासत के शिखर तक…पूरा सफर


Himanta Biswa Sarma Assam New CM: हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए मुख्यमंत्री, वकालत से सियासत के शिखर तक…पूरा सफर

हाइलाइट्स:

  • हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नए मुख्यमंत्री, लगी मुहर
  • लगातार 5 बार से जालुकबारी सीट से चुनाव जीत रहे हैं हिमंत
  • लॉ डिग्री हासिल करने के बाद 5 साल हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की
  • तरुण गोगोई से अनबन के बाद हिमंत ने छोड़ी थी कांग्रेस पार्टी

गुवाहाटी
कई दिनों तक चली माथापच्ची के बाद हिमंत बिस्वा सरमा के असम के नए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। गुवाहाटी में बीजेपी विधायकों की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई। अब वह जल्द ही असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले निवर्तमान सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

बीजेपी की असम जीत के नायक हिमंत
असम में नए मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी कशमकश में थी। पार्टी आलाकमान ने हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया था। दोनों नेताओं से पहले अलग-अलग और फिर एक साथ बिठाकर बात की गई थी। इसके बाद से ही हिमंत का नाम सीएम की रेस में आगे चल रहा था। बताते चलें कि असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। हिमंत बिस्वा सरमा का जोरदार प्रचार अभियान बीजेपी की जीत की अहम वजहों में से एक माना जा रहा है।

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कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी को जॉइन किया था। राज्य में प्रभाव के मामले में वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं हैं। 2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है। 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।

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वकालत से सियासत तक का सफर
1 फरवरी 1969 को गुवाहाटी में पैदा हुए बिस्वा सरमा के परिवार में मां मृणालिनी देवी, पत्नी रिनिकी भुयान और दो बच्चे हैं। कामरूप अकादमी से शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने कॉटन कॉलेज गुवाहाटी में दाखिला लिया। पॉलिटिकल साइंस में पीजी बिस्वा सरमा छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे। 1991-92 में वह कॉटन कॉलेज गुवाहाटी के जनरल सेक्रेटरी बने। वहीं गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी (कानून) और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की डिग्री ली। 5 साल तक उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की। मई 2001 में वह पहली बार जालुकबारी सीट से जीते। असम की पिछली सरकारों में वह वित्त, कृषि और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसे अहम विभागों के मंत्री रहे। वहीं असम बैडमिंटन असोसिएशन के प्रेसिडेंट और असम क्रिकेट असोसिएशन के वह वाइस प्रेसिडेंट के पद पर भी काबिज हुए। तत्कालीन सीएम तरुण गोगोई से विवाद के बाद जुलाई 2014 में उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

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हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)



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