देव आनंद के पास थीं 800 जैकेट्स, अब उनकी बेल्ट और शर्ट को पहनता है ड्राइवर h3>
देव आनंद (Dev Anand) बॉलिवुड जाने-माने सुपरस्टार्स में से एक माने जाते हैं। अपने 6 दशक से ज्यादा लंबे करियर में उन्होंने कई कमर्शली हिट और क्रिटिकली अक्लेम्ड फिल्में दीं। आज देव आनंद हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके वफादार ड्राइवर रहे प्रेम श्रीपथ दुबे (Prem Shripath Dubey) ने ऐक्टर की जिंदगी से जुड़ी कुछ इंट्रेस्टिंग बातें शेयर की हैं…
30 साल तक ऐक्टर के लिए किया काम
दुबे पहले देव आनंद के बेटे सुनील आनंद के ड्राइवर थे मगर फिर वह ऐक्टर के लिए काम करने लगे। वह देव आनंद के लिए इतने वफादार थे कि उन्होंने करीब 30 साल तक ऐक्टर के लिए काम किया। जब ‘गाइड’ ऐक्टर ने 3 दिसंबर 2011 को अंतिम सांस ली तो प्रेम को यकीन नहीं हुआ।
उस दिन देवसाहब की पत्नी ने जल्दी बुलाया था…
देव आनंद के अंतिम समय को याद करते हुए दुबे ने कहा, ‘मोना जी (देव आनंद की पत्नी कल्पना कार्तिक) ने रविवार की सुबह यानी 4 दिसंबर को मुझे जल्दी आने को कहा। उन्हें चर्च जाना था लेकिन सुबह 7 बजे के करीब मेरी पत्नी ने बताया कि देव आनंद नहीं रहे। मैंने उससे कहा कि यह संभव नहीं है लेकिन ऐसा था। मैं तुरंत ऑटोरिक्शा से देवसाहब के घर पहुंचा। मोनाजी अपने कमरे में थीं। वह पूरे दिन बाहर नहीं आईं। वहां कई सारे टीवी रिपोर्टर्स मौजूद थे।’
देवसाहब बीमार नहीं, एकदम फिट थे
प्रेम ने आगे कहा, ‘देवसाहब बिल्कुल भी बीमार नहीं थे। आखिरी बार मैंने उन्हें 17 नवंबर को देखा था जब मैंने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ा था। वह अपने बेटे सुनील के साथ लंदन जा रहे थे। वह फिट थे और चल रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि उन्हें वीलचेयर तो नहीं चाहिए तो उन्होंने इनकार कर दिया।’
ऐसा था देव आनंद का पूरा रूटीन
वहीं, देव आनंद के शुरुआती दिनों को याद करते हुए प्रेम श्रीपथ दुबे ने कहा, ‘हम हर दिन सुबह 11 बजे या दोपहर 12 बजे तक काम के लिए निकलते थे लेकिन अगर शूट होता था तो हम सुबह 9 बजे निकलते थे। अपने ऑफिस पहुंचकर देवसाहब सबसे पहले अखबार पढ़ते थे। उन्होंने कभी लंच नहीं किया लेकिन घड़ी देखकर शाम को 7 बजे डिनर कर लेते थे। उनका टिफिन घर से आता था जिसमें थोड़ी सी सब्जी और एक चपाती होती थी बस। वह 8 बजे एक गिलास गरम पानी पीते थे। हम 9 या 10 बजे के करीब ऑफिस से निकलते थे। घर पर चह सूप पीते थे और कुछ फल खाते थे। वह ब्रेकफास्ट में दलिया, ऑमलेट, दूध और केला लेते थे।’
मीठा नहीं खाते थे देव आनंद
प्रेम के मुताबिक, ‘हालांकि, शुरुआती दिनों में देवसाहब को पराठा, गोभी, मेथी और बैगन का भरता पसंद था। सेब, अंगूर और पॉपकार्न उनका फेवरिट हुआ करता था लेकिन बाद के वर्षों में वह सिर्फ सूखी चपाती, पपीता और केला खाते थे। वह कभी मीठा नहीं खाते थे, ना ही शराब या सिगरेट पीते थे।’
देवसाहब की शर्ट पहनते हैं प्रेम
प्रेम बताते हैं, ‘कभी-कभी देवसाहब मुझे अपने कपड़े दे देते थे। जो बेल्ट मैं पहनता हूं, वह फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा’ की है। मैं उनकी शर्ट भी पहनता हूं जो उन्होंने फिल्म ‘जानेमन’ में पहनी थी। उनके पसंदीदा कलर्स यलो, ब्राउन और ब्लैक थे। कभी-कभी रेड भी पहनते थे। क्या आपको मालूम है कि उनके पास 800 जैकेट्स थीं?’
देव साहब की तरह बात करने लगे थे प्रेम
प्रेम पर भी देव आनंद का काफी असर हो गया था। वह बताते हैं कि देवसाहब के साथ 30 साल तक काम करने से उनके ऊपर भी ऐक्टर का प्रभाव पड़ा। वह खुद उनकी तरह बात करने लगे थे।
30 साल तक ऐक्टर के लिए किया काम
दुबे पहले देव आनंद के बेटे सुनील आनंद के ड्राइवर थे मगर फिर वह ऐक्टर के लिए काम करने लगे। वह देव आनंद के लिए इतने वफादार थे कि उन्होंने करीब 30 साल तक ऐक्टर के लिए काम किया। जब ‘गाइड’ ऐक्टर ने 3 दिसंबर 2011 को अंतिम सांस ली तो प्रेम को यकीन नहीं हुआ।
उस दिन देवसाहब की पत्नी ने जल्दी बुलाया था…
देव आनंद के अंतिम समय को याद करते हुए दुबे ने कहा, ‘मोना जी (देव आनंद की पत्नी कल्पना कार्तिक) ने रविवार की सुबह यानी 4 दिसंबर को मुझे जल्दी आने को कहा। उन्हें चर्च जाना था लेकिन सुबह 7 बजे के करीब मेरी पत्नी ने बताया कि देव आनंद नहीं रहे। मैंने उससे कहा कि यह संभव नहीं है लेकिन ऐसा था। मैं तुरंत ऑटोरिक्शा से देवसाहब के घर पहुंचा। मोनाजी अपने कमरे में थीं। वह पूरे दिन बाहर नहीं आईं। वहां कई सारे टीवी रिपोर्टर्स मौजूद थे।’
देवसाहब बीमार नहीं, एकदम फिट थे
प्रेम ने आगे कहा, ‘देवसाहब बिल्कुल भी बीमार नहीं थे। आखिरी बार मैंने उन्हें 17 नवंबर को देखा था जब मैंने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ा था। वह अपने बेटे सुनील के साथ लंदन जा रहे थे। वह फिट थे और चल रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि उन्हें वीलचेयर तो नहीं चाहिए तो उन्होंने इनकार कर दिया।’
ऐसा था देव आनंद का पूरा रूटीन
वहीं, देव आनंद के शुरुआती दिनों को याद करते हुए प्रेम श्रीपथ दुबे ने कहा, ‘हम हर दिन सुबह 11 बजे या दोपहर 12 बजे तक काम के लिए निकलते थे लेकिन अगर शूट होता था तो हम सुबह 9 बजे निकलते थे। अपने ऑफिस पहुंचकर देवसाहब सबसे पहले अखबार पढ़ते थे। उन्होंने कभी लंच नहीं किया लेकिन घड़ी देखकर शाम को 7 बजे डिनर कर लेते थे। उनका टिफिन घर से आता था जिसमें थोड़ी सी सब्जी और एक चपाती होती थी बस। वह 8 बजे एक गिलास गरम पानी पीते थे। हम 9 या 10 बजे के करीब ऑफिस से निकलते थे। घर पर चह सूप पीते थे और कुछ फल खाते थे। वह ब्रेकफास्ट में दलिया, ऑमलेट, दूध और केला लेते थे।’
मीठा नहीं खाते थे देव आनंद
प्रेम के मुताबिक, ‘हालांकि, शुरुआती दिनों में देवसाहब को पराठा, गोभी, मेथी और बैगन का भरता पसंद था। सेब, अंगूर और पॉपकार्न उनका फेवरिट हुआ करता था लेकिन बाद के वर्षों में वह सिर्फ सूखी चपाती, पपीता और केला खाते थे। वह कभी मीठा नहीं खाते थे, ना ही शराब या सिगरेट पीते थे।’
देवसाहब की शर्ट पहनते हैं प्रेम
प्रेम बताते हैं, ‘कभी-कभी देवसाहब मुझे अपने कपड़े दे देते थे। जो बेल्ट मैं पहनता हूं, वह फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा’ की है। मैं उनकी शर्ट भी पहनता हूं जो उन्होंने फिल्म ‘जानेमन’ में पहनी थी। उनके पसंदीदा कलर्स यलो, ब्राउन और ब्लैक थे। कभी-कभी रेड भी पहनते थे। क्या आपको मालूम है कि उनके पास 800 जैकेट्स थीं?’
देव साहब की तरह बात करने लगे थे प्रेम
प्रेम पर भी देव आनंद का काफी असर हो गया था। वह बताते हैं कि देवसाहब के साथ 30 साल तक काम करने से उनके ऊपर भी ऐक्टर का प्रभाव पड़ा। वह खुद उनकी तरह बात करने लगे थे।