सेंट्रल विस्टा निर्माण पर SC में सुनवाई, वकील ने कहा- देश में मेडिकल इमरजेंसी, कंस्ट्रक्शन कैसे चल सकता? h3>
सुप्रीम कोर्ट में सेंट्रल विस्टा कंस्ट्रक्शन केस की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा, ‘जब देश में मेडिकल इमरजेंसी के हालात हैं, ऐसे में निर्माण कार्य कैसे चल सकता है। वह भी ऐसे समय में जब मजदूर हेल्थ कैंप में हैं और स्थिति बहुत खराब है।’ वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होने दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए निर्माण कार्य पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है, क्योंकि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के पास लंबित है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली में कोरोना उछाल के मद्देनजर डीडीएमए द्वारा जारी आदेशों के अनुपालन में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के संबंध में सभी प्रकार की निर्माण गतिविधि को निलंबित करने की मांग की थी।
इससे पहले आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया था। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘सेंट्रल विस्टा पर कांग्रेस का प्रवचन विचित्र है। सेंट्रल विस्टा की लागत कई वर्षों में लगभग 20,000 करोड़ है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए लगभग दो बार राशि आवंटित की है। इस वर्ष भारत का स्वास्थ्य बजट 3 लाख करोड़ से अधिक था। हम अपनी प्राथमिकताएं जानते हैं।”
Congress’s discourse on Central Vista is bizarre.
Cost of Central Vista is about ₹20,000 crore, over several years.
GoI has allocated nearly twice that amount for vaccination! India’s healthcare budget for just this year was over ₹3 lakh crore. We know our priorities. pic.twitter.com/uNlnxv7s58
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 7, 2021
इससे पहले कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना समेत सभी फिजूल खर्चों को बंद कर कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान देना चाहिए तथा विदेशी सहायता के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।उन्होंनेकहा, ”चौंकाने वाली बात है कि इस हालत में भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता 13,450 करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा और प्रधानमंत्री के लिए नया बंग्ला बनाना है। भला कोई सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है? जब हमारे प्रधानमंत्री की यह हालत है तो फिर उनके नीचे के अधिकारियों का वही रुख होगा।”
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक हिस्सा दिसंबर 2022 तक बनकर तैयार होना है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बावजूद इसका काम जारी है और इसे आवश्यक सेवाओं के दायरे में रखा गया है। विपक्षी दल भी इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट कोरोना संकट के बीच चल रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को तुरंत बंद करवाने संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में सेंट्रल विस्टा कंस्ट्रक्शन केस की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा, ‘जब देश में मेडिकल इमरजेंसी के हालात हैं, ऐसे में निर्माण कार्य कैसे चल सकता है। वह भी ऐसे समय में जब मजदूर हेल्थ कैंप में हैं और स्थिति बहुत खराब है।’ वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होने दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए निर्माण कार्य पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है, क्योंकि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के पास लंबित है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली में कोरोना उछाल के मद्देनजर डीडीएमए द्वारा जारी आदेशों के अनुपालन में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के संबंध में सभी प्रकार की निर्माण गतिविधि को निलंबित करने की मांग की थी।
इससे पहले आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया था। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘सेंट्रल विस्टा पर कांग्रेस का प्रवचन विचित्र है। सेंट्रल विस्टा की लागत कई वर्षों में लगभग 20,000 करोड़ है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए लगभग दो बार राशि आवंटित की है। इस वर्ष भारत का स्वास्थ्य बजट 3 लाख करोड़ से अधिक था। हम अपनी प्राथमिकताएं जानते हैं।”
Congress’s discourse on Central Vista is bizarre.
Cost of Central Vista is about ₹20,000 crore, over several years.GoI has allocated nearly twice that amount for vaccination! India’s healthcare budget for just this year was over ₹3 lakh crore. We know our priorities. pic.twitter.com/uNlnxv7s58
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 7, 2021
इससे पहले कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना समेत सभी फिजूल खर्चों को बंद कर कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान देना चाहिए तथा विदेशी सहायता के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।उन्होंनेकहा, ”चौंकाने वाली बात है कि इस हालत में भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता 13,450 करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा और प्रधानमंत्री के लिए नया बंग्ला बनाना है। भला कोई सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है? जब हमारे प्रधानमंत्री की यह हालत है तो फिर उनके नीचे के अधिकारियों का वही रुख होगा।”
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक हिस्सा दिसंबर 2022 तक बनकर तैयार होना है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बावजूद इसका काम जारी है और इसे आवश्यक सेवाओं के दायरे में रखा गया है। विपक्षी दल भी इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट कोरोना संकट के बीच चल रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को तुरंत बंद करवाने संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।