Bengal election Result: जीत के बाद भी ‘बेबस’ क्यों दिख सकती हैं ममता बनर्जी और टीएमसी? h3>
हिमांशु तिवारी/विश्व गौरव, कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के रुझानों (Bengal Election Result 2021) में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सत्ता में फिर से वापसी करती हुई दिख रही है। हालांकि, टीएमसी खेमे में भले ही इस बात की खुशी हो लेकिन ममता बनर्जी के लिए यह टेंशन वाली बात है। दरअसल, ममता बनर्जी खुद रुझानों में नंदीग्राम विधानसभा सीट से सुवेंदु अधिकारी से पिछड़ती हुई नजर आईं। हालांकि, अब वह पहली बार सुवेंदु अधिकारी से आगे चल रही हैं। टीएमसी अगर जीत भी जाती है तो क्यों इसका रंग फीका होगा, इसे जानना बहुत जरूरी है।
बंगाल: रुझानों में सत्ता के करीब ममता, नंदीग्राम में जीत से दूर क्यों?
1. पश्चिम बंगाल में बात की जाए रोजगार, सड़क और अस्पतालों की तो स्थिति बहुत बुरी है। इसको लेकर लोगों में भी नाराजगी है। परिणामस्वरूप 2016 में महज तीन सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी 2021 में बंगाल में बहुत मजबूत होती नजर आ रही है।
2. नंदीग्राम विधानसभा सीट ना बचा पाने की स्थिति में ममता बनर्जी का टीएमसी में मानसिक रूप से अन्य नेताओं के बीच कद बहुत घट जाएगा। फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर भी टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। हां, इस सूरत में टीएमसी के दो धड़े होना भी संभव है।
3. बीजेपी का बढ़ता कद बंगाल में ममता बनर्जी के लिए टेंशन का सबब होगा। बंगाल का हेल्थ सिस्टम कोरोना महामारी को देखते हुए बहुत कमजोर है। ऐसे में टीएमसी की सरकार बनने पर भी विपक्ष की ओर से ममता के सामने ढेरों सवाल होंगे।
बीजेपी के हर बढ़ते कदम के साथ ममता बनर्जी फेल क्यों? राजनीतिक विश्लेषक सौरभ मालवीय से समझें
4. बीजेपी के मजबूत होते कदमों के बीच ममता बनर्जी के सामने यह भी सवाल पैदा हो गया है कि चुनाव के दौरान किन बातों से लोगों में उनके लिए नाराजगी बढ़ी है।
5. टीएमसी में अभिषेक बनर्जी के बढ़ते दखल का आरोप लगाते हुए कई नेताओं ने ममता बनर्जी से बगावत कर दी थी। बीजेपी के मजबूत होने की स्थिति में इसी आरोप के साथ कई ओर टीएमसी नेता नेतृत्व में अविश्वास को लेकर ‘भगवा पार्टी’ के साथ शामिल हो सकते हैं।
यह जीत ममता बनर्जी के लिए टेंशन क्यों
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के रुझानों (Bengal Election Result 2021) में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सत्ता में फिर से वापसी करती हुई दिख रही है। हालांकि, टीएमसी खेमे में भले ही इस बात की खुशी हो लेकिन ममता बनर्जी के लिए यह टेंशन वाली बात है। दरअसल, ममता बनर्जी खुद रुझानों में नंदीग्राम विधानसभा सीट से सुवेंदु अधिकारी से पिछड़ती हुई नजर आईं। हालांकि, अब वह पहली बार सुवेंदु अधिकारी से आगे चल रही हैं। टीएमसी अगर जीत भी जाती है तो क्यों इसका रंग फीका होगा, इसे जानना बहुत जरूरी है।
बंगाल: रुझानों में सत्ता के करीब ममता, नंदीग्राम में जीत से दूर क्यों?
1. पश्चिम बंगाल में बात की जाए रोजगार, सड़क और अस्पतालों की तो स्थिति बहुत बुरी है। इसको लेकर लोगों में भी नाराजगी है। परिणामस्वरूप 2016 में महज तीन सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी 2021 में बंगाल में बहुत मजबूत होती नजर आ रही है।
2. नंदीग्राम विधानसभा सीट ना बचा पाने की स्थिति में ममता बनर्जी का टीएमसी में मानसिक रूप से अन्य नेताओं के बीच कद बहुत घट जाएगा। फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर भी टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। हां, इस सूरत में टीएमसी के दो धड़े होना भी संभव है।
3. बीजेपी का बढ़ता कद बंगाल में ममता बनर्जी के लिए टेंशन का सबब होगा। बंगाल का हेल्थ सिस्टम कोरोना महामारी को देखते हुए बहुत कमजोर है। ऐसे में टीएमसी की सरकार बनने पर भी विपक्ष की ओर से ममता के सामने ढेरों सवाल होंगे।
बीजेपी के हर बढ़ते कदम के साथ ममता बनर्जी फेल क्यों? राजनीतिक विश्लेषक सौरभ मालवीय से समझें
4. बीजेपी के मजबूत होते कदमों के बीच ममता बनर्जी के सामने यह भी सवाल पैदा हो गया है कि चुनाव के दौरान किन बातों से लोगों में उनके लिए नाराजगी बढ़ी है।
5. टीएमसी में अभिषेक बनर्जी के बढ़ते दखल का आरोप लगाते हुए कई नेताओं ने ममता बनर्जी से बगावत कर दी थी। बीजेपी के मजबूत होने की स्थिति में इसी आरोप के साथ कई ओर टीएमसी नेता नेतृत्व में अविश्वास को लेकर ‘भगवा पार्टी’ के साथ शामिल हो सकते हैं।
यह जीत ममता बनर्जी के लिए टेंशन क्यों