2024 आम चुनाव में कौन सी तकनीक प्रयोग कर सकता है चुनाव आयोग ?

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चुनाव
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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. यहां हर वर्ष किसी ना किसी क्षेत्र में चुनाव होते रहते हैं. लोकतंत्र में चुनाव एक त्योहार की तरह होता है. चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को दी गई है. जो भारत में चुनाव कराता है. चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव करवाने तथा लोगों को ज्यादा से ज्यादा वोट डालने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसके लिए चुनाव आयोग अनेंक सुधार तथा प्रयास करता रहता है. अभी हाल ही में भारत के मुख्यचुनाव आयुक्त ने कहा है कि 2024 में होने वाले आम चुनाव में ब्लॉकचेन तकनीक से चुनाव करवाने पर विचार किया जा रहा है. क्या होती है ये ब्लॉकचेन तकनीक तथा इसकी जरूरत क्यों महसूस की जा रही है इसी को समझने की कोशिश करते हैं.

ब्लॉकचेन तकनीक का प्रारंभिक और प्राथमिक उपयोग क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन) लेन देन की निगरानी के लिये था. इसके बाद कई क्षेत्रों में इसका प्रयोग किया जाने लगा है. ब्लॉकचेन एक प्रणाली है जिसमें रिकॉर्ड का डेटाबेस एक ही समय में कई कंप्यूटरों पर दिखाई देता है, भले ही वह किसी भी नई डिजिटल जानकारी के साथ अपडेट किया गया हो.  इस तकनीक से अनधिकृत हस्तक्षेप के बिना रिकॉर्ड रखने, वास्तविक-समय लेन देन को सक्षम बनाने, पारदर्शिता के लिए किया जाता है.

चुनाव

इस तकनीक को चुनाव में प्रयोग करने की आवश्यकता पर बात करें, तो चुनाव आयोग द्वारा लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के बाद भी कुछ लोगों की मजबूरियां होती हैं कि वो वोट नहीं डाल पाते. जैसे कि कोई बिहार का मजदूर मुंबई में रहता है, तो वह वोट डालने के लिए वापिस बिहार नहीं आ सकता है या ऐसे क्षेत्रे जहाँ भौगोलिक परेशानियों के कारण लोग वोट नहीं डाल पाते. इन सभी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली के प्रयोग पर विचार किया जा रहा है.

ब्लेकचेन

इस तकनीक के माध्यम से लोगों को ई-वोटिंग की सुविधा मिल पाएगी यानि की दूसरी जगह से Online ही वोट कर पाएगें. यह चुनाव आयोग की एक अच्छी पहल है, जिससे मतदान प्रतिशत में निश्चित तौर पर बढ़ौतरी होगी.

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इसके साथ ही इस तकनीक में को लागू करने में चुनौतियां भी बहुत आ सकती हैं. जैसे- साइबर हमलें से इसको कैसे सुरक्षित रखा जाए. इसके अलावा ब्लॉकचेन-आधारित मतदान प्रणाली गोपनीयता के जोखिम और चिंताओं को भी बढ़ा सकती है.