नई दिल्ली: अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी को नये मुकाम पर ले जाना बाइडन प्रशासन की प्राथमिकता है. साथ ही, उन्होंने देशों के बीच संबंधों को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया. ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई मुद्दों पर विस्तृत वार्ता करने के बाद कहा कि भारत तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार बनता जा रहा है और अमेरिका क्षेत्र के प्रति अपने रुख के आधार स्तम्भ के तौर पर भारत के साथ एक अग्रगामी रक्षा साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है.
तीन दिनों के दौरे पर भारत में हैं लॉयड ऑस्टिन
ऑस्टिन शुक्रवार को तीन दिनों के दौरे पर यहां पहुंचे. वह तीन देशों की यात्रा के तहत भारत आए हैं. उनके इस दौरे से बाइडेन प्रशासन के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने करीबी सहयोगियों और साझेदारों के साथ संबंधों की मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है. ऑस्टिन ने भारत से पहले जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा की. ऑस्टिन ने सिंह की मौजूदगी में मीडिया को दिए बयान में कहा, ‘क्षेत्र में हमारे रुख के आधार स्तंभ के रूप में भारत के साथ समग्र एवं अग्रगामी रक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मैं दोहराता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया वैश्विक महामारी और एक खुली एवं स्थायी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के प्रति बढ़ती चुनौती का सामना कर रही हैं. ऐसे में, भारत और अमेरिका के बीच संबंध मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का साझा हित रखते हैं.’
भारत-अमेरिका के बीच बड़ी साझेदारी
ऑस्टिन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने जब मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था को लेकर चुनौती पैदा हो गई है, तब समान सोच रखने वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा, ‘हमने क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग, सेनाओं के बीच भागीदारी और रक्षा व्यापार के जरिए भारत एवं अमेरिका के बीच उस बड़ी रक्षा साझेदारी को नये मुकाम पर ले जाने के अवसरों पर चर्चा की, जो बाइडन-हैरिस प्रशासन की प्राथमिकता है.’ ऑस्टिन ने कहा, ‘इसके अलावा, हम सूचना के आदान-प्रदान, साजो-सामान संबंधी सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष एवं साइबर जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग समेत गठजोड़ के नए क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं.’
दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत हुई
ऑस्टिन ने कहा कि राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ उन्होंने दोनों देशों के लिए अहम कई सुरक्षा मामलों पर ‘सार्थक’ वार्ता की. उन्होंने कहा, ‘जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों और मुक्त एवं खुली क्षेत्रीय व्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो ऐसे में समान सोच रखने वाले देशों के बीच सहयोग भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण की रक्षा की खातिर अहम है.’ ऑस्टिन ने कहा, ‘आज के चुनौतीपूर्ण सुरक्षा माहौल के बावजूद, दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों- अमेरिका एवं भारत की साझेदारी मजबूत बनी हुई है और हम इस बड़ी साझेदारी को और मजबूत करने का हर अवसर तलाशेंगे.’ उन्होंने अपनी भारत यात्रा के बारे में कहा, ‘मैं हमारे सहयोगियों एवं साझेदारों के प्रति हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को लेकर बाइडेन-हैरिस प्रशासन का संदेश पहुंचाना चाहता था.’ उन्होंने कहा, ‘विशेषकर भारत आज तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है.’
ऑस्टिन ने पीएम मोदी के बयान का किया जिक्र
ऑस्टिन ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन टिप्पणियों का भी जिक्र किया कि भारत ‘नौवहन एवं उड़ान भरने की स्वतंत्रता, बिना किसी रोक-टोक के वैध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन’ के समर्थन में खड़ा है. उन्होंने कहा, ‘यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है और यह स्पष्ट है कि इस साझेदारी की महत्ता एवं अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था पर इसका प्रभाव आगामी वर्षों में और बढ़ेगा. ऑस्टिन ने बताया कि दोनों नेताओं ने क्वाड और आसियान जैसे कई देशों के समूहों के जरिए समान सोच रखने वाले साझेदारों के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि साथ मिल कर हम आज के लिए उपयुक्त और कल की चुनौतियों के लिए एक साझेदारी बना सकते हैं.’
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भारत के विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को ऑस्टिन के साथ मुख्य वैश्विक घटनाक्रमों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का विदेश मंत्रालय में स्वागत है. वैश्विक रणनीतिक स्थिति पर व्यापक बातचीत हुई। हमारी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं.’ ऑस्टिन ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी वार्ता की थी.