नई दिल्ली: खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (Sikhs For Justice) ने कहा है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कमिश्नर मिशेल बैशलेट (Michelle Bachelet) को भारत के किसान आंदोलन (Farmer’s protest) को लेकर बयान देने के लिए 10 हजार डॉलर यानी सात लाख से ज्यादा की रकम दी है. SFJ ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने मिशेल के प्रति आभार जताने के लिए ऐसा किया.
UN राइट्स चीफ का बयान आया था
गौरतलब है कि 26 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 46 वें सत्र के दौरान, बैशलेट ने कहा था कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाना सही नहीं है. बैशलेट के मुताबिक, ‘सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने की कोशिशें मानवाधिकार के बुनियादी सिद्धांतों के लिए चिंताजनक हैं’.
SFJ ने की थी इंक्वायरी कमीशन बनाने की मांग
भारत के खिलाफ गतिविधियों में शामिल खालिस्तानी संगठन SFJ ने एक विज्ञप्ति भेजकर मानवाधिकार आयुक्त से भारत के आंतरिक मामले में दखल देने की मांग की थी. SFJ ने भारत के किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने के साथ लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए एक जांच आयोग बनाने की मांग भी की थी. SFJ ने लिखा, ‘भारत सरकार ने किसानों और उनके समर्थकों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज किए हैं. किसानों के अधिकारों को समर्थन देने वालों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. ऐसे में उनके समर्थकों को भी खतरा है’.
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जांच में आने वाला खर्च देने को तैयार SFJ
SFJ के नेता गुरवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) ने कहा, ‘इस मामले की जांच के लिए उनका संगठन संयुक्त राष्ट्र समर्थित आयोग को सभी जरूरी खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. हम जांच के दौरान संयुक्त राष्ट्र के निकाय को सबूत और गवाह बयान भी देंगे’.
बीजेपी के मंत्री के बयान का हवाला
अपने खत में अलगाववादी संगठन ने बीजेपी के मंत्री अनिल विज, बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत समेत कई प्रभावशाली लोगों के बयानों का जिक्र भी किया था. इन लोगों के बयानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसे बयानों से बहुत सी चीजें साफ हो जाती हैं.
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