Delhi MCD कर्मचारियों को अब मिलेगी Salary, AAP सरकार ने दिए 938 करोड़ रुपये

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Delhi MCD कर्मचारियों को अब मिलेगी Salary, AAP सरकार ने दिए 938 करोड़ रुपये


नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार को दिल्ली नगर निगम (DMC) के कर्मचारियों की सैलरी के लिए 938 करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया है. कर्मचारियों की पीड़ा को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अन्य योजनाओं से पैसा निकालकर 938 करोड़ रुपया जमा किया है.

सिसोदिया ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण मार्केट का भी बुरा हाल है. दिल्ली सरकार अपना काम मुश्किल से चला रही है. इसके बावजूद नगर निगम के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए हमने अन्य योजनाओं को रोककर तथा अन्य विभागों की राशि काटकर किसी तरह 938 करोड़ रुपयों का इंतजाम किया है. यह राशि सैलरी के लिए दी जा रही है. अब मैं बीजेपी वालों से कहना चाहूंगा कि इन पैसों को भी चोरी मत कर लेना, इनसे कर्मचारियों की तनख्वाह देना.

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BJP ने निकाला DMC का दिवाला

सिसोदिया ने बताया कि करीब 14 साल पहले एमसीडी की सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीनों नगर निगमों को पूरी तरह दिवालिया बना दिया. इतनी बुरी तरह चूस लिया कि अब गुठली भी नहीं छोड़ी है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बैंक खाते में मात्र 12 करोड़ रुपये बचे हैं, जबकि पूर्वी नगर निगम के पास मात्र 99 लाख रुपये हैं. एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 6,276 करोड़ रुपया बकाया है. एमसीडी को बीजेपी ने दिवालिया करके इतनी बड़ी राशि का कर्जदार बना दिया. अब नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं. इस वक्त एमसीडी साफ-सफाई, बिल्डिंग नक्शे संबंधी काम के लायक भी नहीं रह गई है. सफाई कर्मियों, शिक्षकों, मेडिकल स्टाफ इत्यादि को तनख्वाह नहीं मिल रही है.

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DMC को केंद्र से नहीं मिलती मदद

इसी क्रम में बोलते हुए सिसोदिया ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश के अन्य सभी नगर निकायों को आर्थिक सहायता दी जाती है. जबकि दिल्ली नगर निगम को केंद्र से कोई राशि नहीं मिलती. आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, लेफ्ट या अन्य दलों के नेतृत्व वाले नगर निकायों को केंद्र से सहायता मिलती है. लेकिन बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम को केंद्र से एक भी पैसा नहीं मिलता?

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केंद्र सरकार को नहीं है भरोसा

डिप्टी सीएम ने कहा कि दिल्ली नगर निगम को केंद्र से 11,500 करोड़ रुपये मिलने चाहिए. लेकिन केंद्र का मानना है कि इसे नहीं दे सकते, क्योंकि बीजेपी वाले इन पैसों को खा जाएंगे. भले ही ऐसी मदद करना कानून में लिखा हो, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को पैसे नहीं दे रही. सीएम केजरीवाल ने भी कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एमसीडी का सारा पैसा देने का अनुरोध किया. लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार को दिल्ली नगर निगम पर भरोसा नहीं है.

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