लखनऊः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह को शिक्षा की स्थिति और ‘दिल्ली के केजरीवाल मॉडल बनाम योगी के उत्तर प्रदेश मॉडल’ पर बहस की चुनौती दी. बाद में वह राजधानी में ही एक सरकारी स्कूल देखने निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं सांसद संजय सिंह के साथ यहां पहुंचे सिसोदिया ने कैसरबाग के गांधी भवन में खुली बहस के लिए अपने बगल में सिद्धार्थनाथ सिंह के लिए भी कुर्सी लगवाई और उसके पीछे सिद्धार्थनाथ का कटआउट लगाया गया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैं सिद्धार्थनाथ सिंह का इंतजार करुंगा और मुझे भरोसा है कि वह बहस के लिए आगे आएंगे.’’ कुछ घंटों के इंतजार के बाद मनीष सिसोदिया ने सिद्धार्थनाथ सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं आपकी चुनौती को स्वीकार करते हुए केजरीवाल मॉडल बनाम योगी मॉडल पर बहस करने लखनऊ आया था लेकिन आप बहस से पीछे हट गये. अब मैं उप्र के शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी के निमंत्रण पर लखनऊ का ही एक स्कूल देखने जा रहा हूं.’
इस ट्वीट के बाद वह आप नेताओं और कार्यकर्ताओं संग सरकारी स्कूल देखने निकले लेकिन उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने रोक दिया.
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बिना इजाजत के स्कूल जा रहे थे सिसोदिया
इस संदर्भ में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) नवीन अरोरा ने बताया, ‘उन्होंने जिन कार्यक्रमों की अनुमति ली थी वहां जाने दिया गया और कई गाड़ियों के साथ वह बिना अनुमति लिये जा रहे थे इसलिए उन्हें रोक दिया गया.’ सिसोदिया ने इसके बाद ट्वीट किया, ‘शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी जी आप तो पुलिस बल लगाकर मुझे अब स्कूल के रास्ते में रोक रहे हैं. आपने तो कहा था कि हमारे स्कूल देख लीजिए. लखनऊ में ही आपके स्कूलों की पोल खुलने से आप घबरा गए और पुलिस लगाकर रास्ते में ही रोक लिया.’
UP में फीस को लेकर योगी सरकार को किया टारगेट
इसके पहले सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘मुझे उत्तर प्रदेश के नेताओं से पहली बार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली की बात सुनकर अच्छा लगा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उप्र के लोगों ने जबसे भाजपा की सरकार बनवाई तो लोग पूछ रहे कि हमें क्या मिला जबकि दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल की सरकार बनाई तो वहां सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधर गई और अच्छे रिजल्ट आने लगे.’’ सिसोदिया ने कहा, ‘‘दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस पांच साल में नहीं बढ़ने दी गई जबकि उत्तर प्रदेश में कई गुना बढ़ गई. यहां बिजली के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और दिल्ली में बिजली 24 घंटे आती लेकिन उप्र के शहरों में कितनी आती मुझे बताने की जरूरत नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उप्र की हालत बद से बदहाल होती गई जबकि पांच साल में दिल्ली की हालत बेहतर हो गई. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली के लोगों ने ईमानदार सरकार चुनी है.’’
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लखनऊ दौरे पर आने से पहले मंगलवार को सिसोदिया ने ट्वीट किया था, ‘‘केजरीवाल मॉडल बनाम योगी जी का उत्तर प्रदेश मॉडल पर मंत्री जी द्वारा खुली बहस के आह्वान पर मैं आज लखनऊ में रहूंगा और उम्मीद है कि बहस की चुनौती देने वाले मंत्री सिद्धार्थनाथ योगी जी द्वारा कायाकल्प किये दस स्कूलों की लिस्ट लेकर जरूर आएंगे जहां इंफ्रास्ट्रक्चर, रिजल्ट आदि में सुधार हुए हों.’’ गौरतलब है कि सिद्धार्थ नाथ सिंह ने चार दिन पहले ट्वीट किया था, ‘‘डिबेट का निमंत्रण देने से पहले आप अपने स्कूलों की हालत तो ठीक कर लें मनीष सिसोदिया जी और यह तो अरविंद केजरीवाल का दूसरा टर्म (कार्यकाल) चल रहा है.’’
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि दिल्ली की आबादी जितने बच्चे हमारे बेसिक (प्राथमिक) स्कूलों में पढ़ते हैं. उनके कथन का संदर्भ लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘‘बच्चों को अच्छी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य देना हर सरकार की जिम्मेदारी है, फिर चाहे वह 5 लाख हों या 5 करोड़. अच्छी सरकारें बहाने नहीं बनातीं.’’
सिसोदिया ने ट्विटर पर ही प्रतिक्रिया व्यक्त की ‘‘अब ये बहाना नहीं चलेगा योगी जी, अगर बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकते तो यह आपकी अक्षमता है.’’
उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल ने 15 दिसंबर को ट्विटर पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लड़ने का एलान किया था और इसी के बाद से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और दिल्ली की आप सरकार के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.