केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए 3 कानूनों को काला कानून घोषित करते हुए किसान उनके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन काफी लंबे समय से चल रहा है. 5 बार की बातचीत असफल होने के बाद किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसान दिल्ली जाने वाले मुख्य मार्गों पर धरना पर बैठ गए हैं, जिसके कारण दिल्ली को दूसरे शहरों से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग जाम हो गए हैं.
8 दिसंबर को किसानों की तरफ से भारत बंद का आह्वान किया गया है. किसानों द्वारा सरकार पर इल्जाम लगाया जा रहा है कि सरकार इन कानूनों के माध्यम से सरकार द्वारा कुछ फसलों के लिए निर्धारित किए जाने वाले MSP को खत्म करना चाहती है. जिसके कारण उनकी फसल को जो कम से कम मूल्य निर्धारित होता है वो सुनिश्चित हो जाता है तथा उस कीमत पर किसान अपनी फसल बेच पाएं. इसके अलावा किसानों का तर्क है कि वो अपनी फसलों को अब तक भी दूसरे प्रदेशों में लेजाकर बेचते थे. तो इन कानून की जरूरत ही क्या थी.
इसके अलावा कांट्रेक्ट फार्मिंग को लेकर भी किसानों का आरोप है कि यदि कंपनी और किसान के बीच विवाद होता है, तो उसमें किसानों की बात कौन सुनेगा ? सब फैसले कंपनी के हक में ही लिए जाएंगें.
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इन्हीं सब मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं. जिसकी वजह से दिल्ली के कई बॉर्डर सील हो गए हैं. जिसमें दिल्ली से गुंडगांव जाने वाला मार्ग भी प्रभावित हुआ है. 8 दिसंबर को भारत बंद के दौरान लोगों से अपील की गई है कि दिन में 11 बजे से 3 बजें के बीच कोई घर से बाहर ना निकलें. विपक्ष की तरफ से भी भारत बंद का पूरा समर्थन किया जा रहा है.