नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को जानकारी मिली की कश्मीर (Kashmir) और पंजाब (Punjab) के आतंकी दिल्ली (Delhi) के शकरपुर इलाके में सवेरे आने वाले है. जिसके बाद पुलिस ने ट्रेप लगाकर पांचों आतंकियों को पकड़ने की योजना बनाई. सवेरे करीब 7 बजे ललिता पार्क के पास बस स्टैंड पर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर नंबर की कार को रोका. जिसके बाद पांचों आतंकियों ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. आतंकियों और पुलिस के बीच करीब 13 राउंड फायरिंग हुई, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया.
हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हैं पांचों आतंकी
पुलिस (Delhi Police) की पूछताछ में खुलासा हुआ की तीनों आतंकी कश्मीर के रहने वाले हैं और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) के लिए काम करते हैं. जबकि अन्य दो आंतकी पंजाब में गुरदासपुर के निवासी हैं. ये सभी पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. पुलिस के मुताबिक, ये पांचों नारको-टेरर गतिविधियों से जुड़े हुए हैं और पाकिस्तान से आई हेरोइन को बेच कर जो पैसा आता है उसे देश के खिलाफ आतंकी वारदातों में इस्तेमाल करते हैं.
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आंतकवाद फैलाने के लिए ऐसे जुटाते हुए फंड
पूछताछ में आंतकियों ने कबूला कि पहले पाकिस्तान से नकली करंसी आती थी. जिसके जरिए आतंकवाद को बढ़ाया जा रहा था. लेकिन पिछले कुछ समय से नकली नोटों का आना बंद हो गया. जिसके बाद अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते भारत में कश्मीर बॉर्डर से ड्रग्स की स्पलाई की जा रही है. और फिर उसे भारत में बेच कर जो पैसा मिलता है उसे आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं. जिसमें हथियार खरीदना और आतंकियों को पैसा देना.
भारत में खालिस्तान को दोबारा जिंदा करना चाहती है ISI
ISI पंजाब के गैंग्स्टर का इस्तेमाल कर पंजाब में खालिस्तान को भी दोबारा जिंदा करना चाहती है. इसके लिए ISI ने पाकिस्तान में K2 डेस्क को एक्टीवेट किया. K2 यानी कश्मीर-खालिस्तान. खालिस्तान सर्मथक हरमीत सिंह-खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और लखबीर सिंह-खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ को इस साजिश में साथ मिलाया, दोनों इस समय पाकिस्तान में मौजूद है और ISI के लिये भारत में आतंकी साजिश को अंजाम देने की योजना पर काम कर है.
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कौन है सुखमीत पाल सिंह?
सुखमीत पाल सिंह पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है और उसी के कहने पर दोनों गैग्स्टर गुरजीत सिंह और सुखजीत सिंह ने अक्टूबर में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की हत्या की थी. क्योंकि बलविंदर आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहा था. पंजाब में ISI और खालिस्तानी सर्मथक इन गैंग्सटर का इस्तेमाल कर टारगेट किलिंग कर रहे थे. जिससे पंजाब में अराजकता का माहौल बन जाए और इसी की फायदा उठा कर खालिस्तान मुवमेंट को दोबारा से शुरू किया जा सके. इससे पहले भी सुखमीत पाल उर्फ सुख भिखारीवाल ने ISI के कहने पर गैग्सटर के जरिए हनी महाजन पर हमला करवाया था.
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दसअसल ISI पंजाब में साल 2016/17 जैसे टारगेट किलिंग को दोबारा से शुरू करना चाहती थी. जिसमें हिंदू नेताओं को निशाना बनाया गया था और माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी. पंजाब में बलविंदर सिंह की हत्या करने के बाद दोनों गैग्स्टर अलग-अलग ठिकानों पर छिपते घुम रहे थे और सुख भिखारीवाल के अगले आदेश का इंतजार कर रहे थे. दोनों को दिल्ली में किसी की हत्या का आदेश दिया गया था. लेकिन टारगेचट का नाम बताने से पहले दोनों को हिज्बुल आतंकी अयुब पठान से 1 लाख रुपये लेने के लिए कहा गया.
गिरफ्तारी के वक्त प्लान को अंजाम दे रहे थे आतंकी
दूसरी तरफ अयूब पठान अपने चचेरे भाई अब्दुल माजिद खान के कहने पर काम कर रहा था जो पाकिस्तान के रावलपिंडी में बैठा हुआ है. अब्दुल ने अयूब को हिज्बुल के ही सीनियर कैडर एजाज अहमद, जिसका कोड नेम सदाकत था से बात करने के लिए कहा. एजाज अहमद भारत में पाकिस्तान से आनी वाली ड्रग्स का काम देखता है. एजाज ने पाकिस्तान से भारत बॉर्डर पार गई. ड्रग्स को पंजाब में देने के लिए कहा और उससे मिले पैसे को अलग-अलग आतंकियों को देने का आदेश दिया. एजाज के कहने पर ही अयुब पठान अपने बाकी दो साथियों शब्बीर अहमद और रियाज राठर के साथ दोनों गैग्स्टर को 1 लाख रुपये देने आया था. जब पुलिस ने पांचों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया. पुलिस ने इनके पास से तीन पिस्तौल, 2 किलो हेरोइन और 1 लाख रुपये बरामद किए हैं. पुलिस अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों गिरफ्तार गैग्स्टर के निशाने पर कौन थे.
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