छोटे बच्चे अक्सर अपने आसपास जो भी चीजें देखते हैं उसे मुंह में डाल लेते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत होता है जिससे वे अपने आसपास की चीजें महसूस करके उनके बारे में सीखते हैं। आपका बच्चा आसपास की चीजों को छूकर, चखकर उसके बारे में बेहतर तरीके से समझ पाता है। लेकिन इसी मासूमियत के कारण किसी जहरीले तत्व को छूने या निगलने से वह बीमार भी पड़ सकता है। एक सर्वे में यह पाया गया था कि हर साल बच्चे गलती से कुछ ऐसी चीजें मुंह में डाल लेते हैं जिनमें रासायनिक तत्व होते हैं जिनके कारण वे बीमार पड़ जाते हैं। बच्चे चाहे घर के अंदर हों, बगीचे में हों या फिर कहीं घूमने गए हों, जहरीले रासायनिक तत्व कहीं भी हो सकते हैं। इसीलिए आपको इस बारे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
लिक्विड मॉसकीटो रिपेलेन्ट का पॉइजन जानलेवा साबित हो सकता है। डॉक्टरों के पास इसमें पाए जाने वाले ट्रांसफ्लूथरीन कैमिकल के इलाज के लिए दवा तक नहीं है। यही वजह है कि एक मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को प्लाज्मा एक्सचेंज करना पड़ा। 60 घंटे तक बच्चा आईसीयू में जिंदगी के लिए स्ट्रगल करता रहा। गंगाराम के डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की जान बचाने के लिए यह सफल प्रयास किया। जी6पीडी डिफिसिएंसी के मामले में प्लाज्मा एक्सचेंज का यह पहला क्लिनिकल प्रयास है। इसी वजह से अमेरिकी जनरल क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी ने इसे अपने हाल के अंक पब्लिश किया है।
ऐसे प्रभावित करता है जहर
जहरीले तत्व वाली चीजें निगलने, सूंघने, छूने, इंजेक्शन द्वारा शरीर में चले जाने या किसी जहरीले कीड़े द्वारा काट लेने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा दवा के रूप में शरीर में जाने वाले कुछ ड्रग्स या कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैस की अधिकता से शरीर में जहर फैलने का खतरा रहता है। सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल से भी बच्चों को नुकसान पहुंचने का अंदेशा रहता है। ऐसे जहरीले तत्वों की अल्प मात्रा भी बच्चों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है।
बरतें सावधानी
बच्चे इस तरह की चीजों तक न पहुंचे इसके लिए अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे सामान जिनसे बच्चों को किसी तरह का नुकसान पहुंच सकता है, उन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखा जाना चाहिए। लेकिन कई बार यह रणनीति काम नहीं करती। ऐसे में अभिभावकों को यह समझने की जरूरत है कि अगर गलती से बच्चों के मुंह में ऐसी चीजें चली जाएं तो किन लक्षणों से उन्हें पहचाना जा सकता है।
मदद के इंतजार के दौरान क्या करें
- बच्चे के मुंह में अगर कुछ भी है तो उसे बाहर निकाल दें।
- अगर मुंह में सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाला क्लीनर या कोई और केमिकल तत्व चला गया है तो उसकी बोतल पर एक्सीडेंटल पॉइजनिंग से जुड़े निर्देश पढ़ें।
- अगर त्वचा किसी जहरीले तत्व से प्रभावित दिख रही है तो प्रभावित हिस्से को 15-20 मिनट तक बहते पानी में रखें।
- अगर आंखों में कोई जहरीला तत्व चला गया है तो आंखें ठंडे या सुषुम्न पानी से धोएं।
- अगर जहरीला तत्व शरीर के भीतर चला गया है तो बच्चे को जल्द से जल्द ताजा हवा में ले जाएं।
- अगर बच्चे ने उल्टी कर दी है तो उसे करवट दिलाकर लिटाएं जाकि उसे सांस लेने में परेशानी न हो।
- अगर बच्चे में जीवित होने के लक्षण जैसे कि शरीर में हरकत होना, श्वास लेना या खांसना आदि नजर न आएं तो उसे कृत्रिम श्वास देने की प्रक्रिया अपनाएं
- एक्सीडेंटल पॉइजनिंग (जहरीले तत्व का शरीर पर दुष्प्रभाव) हुई है तो उन तत्वों की पहचान करें जिसे बच्चे ने निगल लिया है। मसलन अगर बच्चे ने मच्छर दूर भगाने वाली क्रीम चाट ली तो इस बात का पता लगाएं कि उसने क्रीम कितना मात्रा में निगली है।
- बच्चे को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं और डॉक्टर के परामर्श पर ही दवाएं दिलाएं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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साभार-www.livehindustan.com