“देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं”- मुलायम सिंह यादव

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समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी को बुधवार को भी मुसलमानों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए कहा कि अगर वह अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता क्योंकि उस दौर में कई नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे। मुलायम ने अपने 79वें जन्मदिन पर सपा राज्य मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मुसलमानों ने सपा का साथ नहीं छोड़ा है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके। अगर वोट डलवा दें तो मुसलमान सपा को उसी तरह का वोट दे रहा है, जितना पहले दे रहा था। जिन मुसलमानों ने वोट दिया उनमें से 90 प्रतिशत ने सपा को ही दिया। इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अखिलेख यादव भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा ‘‘आमतौर पर मुसलमान आज भी सपा के साथ सहानुभूति रखता है, लेकिन (मौजूदा हालात को) आप कैसे ठीक करोगे, बूथ कैसे चलवाओगे… उनकी मुसीबत में साथ देकर।’’ सपा संस्थापक ने कहा, ‘‘1990 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं। उसमें 28 लोग मारे गए। अगर और मारने होते तो हमारे सुरक्षाबल और मारते।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘आज हम आपको गोपनीय बात बता रहे हैं…अगर हम मस्जिद नहीं बचाते तो, उस दौर के कई मुस्लिम नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे। उन्होंने कहा कि जब हमारा पूजास्थल नहीं रहेगा तो देश हमारा है कैसे? इन सवालों को आपको जानना होगा।’’

पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को महज 47 सीटें मिलने को शर्म की बात करार देते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में गोली चलवाने के बाद भी 1993 के विधानसभा चुनाव में सपा 105 सीटें जीत गई थी और फिर उसकी सरकार बन गई थी। उस वक्त सपा के नौजवान कार्यकर्ता जैसे थे, आज उन जैसे नौजवानों की कमी है। कई तो अपने गांव के बूथ नहीं जिता सकते। उन्होंने कहा कि यहां एक नेता ऐसे बैठे हैं, जिनके गांव के बूथ पर सपा हार गई, तब भी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें कितना सम्मानजनक पद दे दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम खुलकर बोल रहे हैं कि हम पार्टी को कमजोर नहीं देखना चाहते। मैंने अकेले यह पार्टी बनाई थी। सब मिलकर समाज को एक करके समता और सम्पन्नता के लक्ष्य को ले कर चलेंगे तो सपा पहले जैसी मजबूत हो जाएगी।’’